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उत्तराखंड फिल्म एवं नाट्य संस्थान का सातवा स्थापना दिवस समारोह सम्पन्न

सी एम पपनैं

नई दिल्ली। दिल्ली प्रवास मे उत्तराखंड की प्रतिष्ठित संस्था, ‘उत्तराखंड फिल्म एवं नाट्य संस्थान’ द्वारा, सातवा स्थापना दिवस समारोह, गढ़वाल भवन नई दिल्ली के खचाखच भरे सभागार में, उत्तराखंड के लोकगीतों व होली गीतों का मंचन कर तथा उत्तराखंड की दो सामाजिक व शिक्षा के क्षेत्र में विलक्षण प्रतिभा की धनी महिलाओ, कुछ प्रबुद्ध जनो तथा संस्थान से विगत कुछ वर्षो से जुडे रहे कलाकारों को, ‘उत्तराखंड फिल्म एवं नाट्य संस्थान सम्मान 2022’ से सम्मानित कर, मनाया गया।

स्थापना दिवस समारोह का श्रीगणेश, मुख्य व विशिष्ट अतिथियों संजय दरमोडा, सुरेश पांडे, अजय बिष्ट व दीपक ध्यानी तथा संस्थान अध्यक्षा संयोगिता ध्यानी पंत के कर कमलो, दीप प्रज्ज्वलित व मंगलगान के गायन के साथ किया गया।

स्थापना दिवस के इस अवसर पर श्रीमती कृष्णा व सुश्री मंजू खन्तवाल को विगत एक दशक से, नि:स्वार्थ भाव, गरीब व विकलांग बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ व परवरिश करने के एवज मे, ‘उत्तराखंड फिल्म एवं नाट्य संस्थान सम्मान 2022’ से, मुख्य व विशिष्ट अतिथियों के हाथों शाल ओढा, पुष्पगुच्छ, स्मृति चिन्ह व नकद राशि प्रदान कर, सम्मानित किया गया।

संस्थान अध्यक्षा संयोगिता ध्यानी पंत व सचिव सुमित्रा किशोर द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ सभागार में उपस्थित प्रबुद्ध जनो के अभिवादन व संस्थान के द्वारा विगत वर्षों मे किए गए कार्यो व मिली सफलता के बावत, अवगत कराया गया। मिले सहयोग व सफलता पर, सभी सहयोगियों का धन्यवाद किया गया। स्थापना दिवस पर स्मानित हुई दोनों महिलाओ के विलक्षण कार्यो के बावत, विस्तार से अवगत कराया गया।

उत्तराखंड फिल्म व नाट्य संस्थान के सातवे स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि संजय दरमोड़ा अधिवक्ता सर्वोच्च न्यायालय व अन्य विशिष्ट अतिथियों, सुरेश पांडे जानेमाने उद्योगपति, अजय सिंह बिष्ट अध्यक्ष गढ़वाल हितैषिणी सभा, दीपक ध्यानी सुप्रसिद्ध समाज सेवी, उत्तराखंड के नवनिर्वाचित विधायक सुबोध उनियाल, हरीश अवस्थी आप पार्टी राष्ट्रीय प्रवक्ता, महिमानंद दिवेदी, सुरेश कबडवाल,जानेमाने उद्योगपति, डाॅ सतीश कालेश्वरी साहित्यकार को ‘उत्तराखंड फिल्म एवं नाट्य संस्थान’ पदाधिकारियों द्वारा मंच पर आमन्त्रित कर, शाल ओढा, पुष्पगुच्छ व स्मृतिचिन्ह प्रदान कर ‘उत्तराखंड फिल्म एवं नाट्य संस्थान सम्मान 2022’ से नवाजा गया।

इस अवसर पर, मुख्य व विशिष्ट अतिथियों द्वारा, अपने संबोधन मे, संस्थान पदाधिकारियों, सदस्यों व कलाकारों का धन्यवाद अदा किया गया। संस्थान को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया गया। संस्थान के कार्यो व उपलब्धियो की सराहना व प्रशंसा की गई। व्यक्त किया गया, उत्तराखंड की लोकसंस्कृति का प्रवास मे विशुद्ध रूप रखने के लिए, उत्तराखंड के लोकजीवन से जुड़ना होगा। उसे अपना होगा। उत्तराखंड की लोकसंस्कृति ही प्रवास मे हमारी पहचान है। हमारी लोकधुने व लोकसंगीत सुप्रसिद्ध हैं। हमारा शिल्प सबसे बेहतर व स्टोन कारीगरी सुप्रसिद्ध है। दिल्ली प्रवास मे उत्तराखंड के प्रवासियों को एक जुट होकर, अपनी ताकत का अहसास हर क्षेत्र मे कराना होगा।

स्थापना दिवस के इस अवसर पर, संस्थान के साथ, विगत कुछ वर्षों से निरंतर जुडे रहे प्रबुद्ध जनों व कलाकारों को भी संस्थान पदाधिकारियों द्वारा, मुख्य व विशिष्ट अतिथियों के कर कमलो स्मृतिचिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। सम्मानितो मे, सुमित्रा किशोर, बी एल शास्त्री, दर्शन सिंह रावत, कृपाल सिंह रावत, हरेन्द्र सिंह रावत, दलवीर सिंह रावत, ब्रजमोहन शर्मा, महेंद्र रावत, मनीषा भट्ट, कुसुम बिष्ट, अंजू भंडारी, उषा भट्ट पांडे, चंद्रकांता सुंदरियाल, कुसुम चौहान, सत्यम तेजवान, सुंदर आर्या, वीनू हेमंत, किरन लखेडा, रविंद्र रावत, अंकित भंडारी इत्यादि मुख्य नाम थे।

संस्थान स्थापना दिवस के इस पावन अवसर पर, संस्थान के कलाकारों द्वारा, उत्तराखंड के सु-प्रसिद्ध संगीत निर्देशक कृपाल सिंह रावत व उनके साथ, संगीत विधा से जुडे रहे अन्य साथियों, खेम, मोती साह, महेश तथा सुंदर आर्या के सानिध्य में विभिन्न वाद्ययंत्रों की संगत मे, उत्तराखंड के लोकगीतो व होली गीतों मे प्रभावशाली संगीत की धुनों का समावेश कर, श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।

विगत चालीस वर्षों से उत्तराखंड के गीत-संगीत व शास्त्रीय संगीत से जुडी रही सु-प्रसिद्ध गायिका मधु बेरिया शाह द्वारा प्रस्तुत-
गुरु रे ब्रह्मा, गुरु विष्णु, गुरु देवा महेश्वरा….।
के प्रभावशाली शास्त्रीय गीत गायन के श्रीगणेश के साथ ही, संस्थान के अन्य प्रमुख गायको मे सुमार रहे, महेंद्र रावत, मनीषा भट्ट, कुसुम बिष्ट, अंजू भंडारी, उषा भट्ट पांडे, चंद्रकांता सुंदरियाल तथा नरेन्द्र बन्गारी द्वारा उत्तराखंड की लोक बोली मे प्रस्तुत एकल व युगल लोकगीतों ने, सभागार में बैठे श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर झूमने को मजबूर किया।

लोकगीत गायन के समापन पर
चंद्रकांता सुंदरियाल व मधु बेरिया शाह द्वारा प्रस्तुत उत्तराखंड का खडी होली गीत-
चल उडी जा भवर तुझे मारैंगे…
उडी-उडी भवरा गालन बैठो…
होठन मे बैठो… रस ले भवरा…।
होली गीत की प्रस्तुति के साथ ही, आयोजकों द्वारा, सभी गणमान्य आमन्त्रित अतिथियों, दर्शकों व कलाकारों का, स्थापना दिवस को सफल व यादगार बनाने हेतु, आभार व्यक्त कर, कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई।

स्थापना समारोह का कुशल व प्रभावशाली मंच संचालन उत्तराखंड के सु-विख्यात रंगकर्मी व फिल्म कलाकार ब्रजमोहन शर्मा द्वारा किया गया।
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