स्वच्छता अब एक संस्कार – आगरा की नई पहचान!”**
कचरे से सृजन, नवाचार से स्वच्छता और निवेश से सस्टेनेबल भविष्य की ओर बढ़ता आगरा
Amar sandesh दिल्ली। आगरा नगर निगम ने स्वच्छ भारत मिशन और सर्कुलर इकॉनमी के सिद्धांतों को जमीनी स्तर पर उतारते हुए एक मिसाल कायम की है। 5R — Reduce, Reuse, Recycle, Repurpose, Refuse — पर आधारित यह पहल कचरे को बोझ नहीं, बल्कि नवाचार और आजीविका का माध्यम बना रही है।
महिलाओं को मिला सशक्तिकरण, प्लास्टिक मुक्त बाजारों की ओर कदम
नगर निगम के सहयोग से स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाएं पुराने बैनर्स को सुंदर थैलों में बदल रही हैं, जिससे प्लास्टिक मुक्त जीवनशैली को बढ़ावा मिल रहा है। इस पहल ने जहां महिलाओं को रोजगार दिया है, वहीं शहर को साफ-सुथरा और जागरूक भी बनाया है।
आगरा के 9 प्रमुख व्यावसायिक बाजारों को Zero Waste Market घोषित किया गया है, जहां सिंगल यूज़ प्लास्टिक (SUP) पर पूर्ण प्रतिबंध लागू है।
50 करोड़ के म्युनिसिपल बॉन्ड से सस्टेनेबल अर्बन डेवलपमेंट को मिला बल
आगरा नगर निगम ने अपने पहले म्युनिसिपल बॉन्ड के ज़रिए ₹50 करोड़ की राशि जुटाई, जो स्मार्ट और ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में निवेश हेतु उपयोग की जाएगी। यह बॉन्ड 3.5 गुना ओवरसब्सक्राइब हुआ, और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के प्लेटफॉर्म पर कुल ₹174 करोड़ की बोलियां प्राप्त हुईं – यह दर्शाता है कि निवेशक अब ग्रीन डेवेलपमेंट को प्राथमिकता दे रहे हैं।
नारियल कचरे से मिट्टी के लिए वरदान – पर्यावरण संरक्षण में नया प्रयोग
एक सुव्यवस्थित रणनीति के अंतर्गत सूखे नारियल के खोल अब 4 TPD प्रसंस्करण इकाई के माध्यम से कोकोपीट में बदले जा रहे हैं, जिसका उपयोग बागवानी, अर्बन फार्मिंग और नर्सरी में किया जा रहा है। इस प्रक्रिया से न केवल पर्यावरण संरक्षण को बल मिला है, बल्कि SHG की महिलाएं कॉयर फाइबर से उपयोगी उत्पाद बनाकर आजीविका भी अर्जित कर रही हैं।
कला और चेतना का संगम – कायाकल्प अभियान और स्वच्छ वसंत महोत्सव
‘कायाकल्प अभियान’ और ‘स्वच्छ वसंत महोत्सव’ जैसे आयोजनों में पुराने टायरों और वस्तुओं से सजाए गए पार्कों ने आगरा की सड़कों और हरियाली को नया रूप दिया। ‘वेस्ट टू वंडर थीम’ ने स्वच्छता को एक सुंदर रूप में लोगों के सामने प्रस्तुत किया।
‘प्लॉग रन’ से जनभागीदारी – यमुना नदी के लिए जागरूकता का संदेश
‘प्लॉग रन’ जैसे अभियानों के ज़रिए आगरा नगर निगम ने नागरिकों में न केवल स्वच्छता की आदतों को बढ़ाया, बल्कि यमुना नदी की स्वच्छता के लिए सामूहिक प्रयास को भी दिशा दी। यह पहल स्वच्छता को संस्कार और स्वभाव का हिस्सा बनाने का प्रभावी संदेश बन चुकी है।
आगरा नगर निगम की यह पहल ‘कचरे से कंचन’ और ‘वेस्ट टू वंडर’ जैसी योजनाओं के माध्यम से शहर को न केवल हरित और स्वच्छ, बल्कि आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त भी बना रही है। यह मिशन भविष्य की पीढ़ियों को एक स्थायी, सुंदर और स्वच्छ भारत की सौगात देने की दिशा में एक प्रेरणास्पद उदाहरण है।
—