ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद पर निर्णायक प्रहार, भारत की नई सैन्य नीति का प्रतीक”
Amar sandeshश्रीनगर। 2025: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने श्रीनगर के बादामी बाग कैंट में भारतीय सेना के वीर जवानों को संबोधित करते हुए ऑपरेशन सिंदूर को आतंकवाद के खिलाफ भारत द्वारा अब तक की सबसे बड़ी और साहसिक सैन्य कार्रवाई बताया। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन भारत की आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की अटूट प्रतिबद्धता का स्पष्ट प्रमाण है।
रक्षा मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को पुनः परिभाषित किया है — अब हमारी धरती पर किया गया कोई भी हमला, युद्ध की कार्यवाही माना जाएगा।” उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वह आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, तो उसे इसकी “भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।”
पहलगाम हमले का साहसी जवाब
श्री सिंह ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले को भारत की सामाजिक एकता पर हमला बताया और कहा कि हमारी सेना ने इसका जवाब पूरी सूझबूझ और साहस के साथ दिया। उन्होंने स्पष्ट किया, “आतंकवादियों ने भारतीयों को उनके धर्म के आधार पर मारा, लेकिन हमने उन्हें उनके कुकर्मों के लिए मारा — उन्हें समाप्त करना हमारा धर्म था।
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान की परमाणु धमकियों पर भी कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करते हुए कहा कि “क्या ऐसे गैरजिम्मेदार और दुष्ट देश के पास परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निगरानी में लिया जाना चाहिए।”
सेना के शौर्य को देश का सलाम
श्री सिंह ने कहा कि भारत अब उन देशों की श्रेणी में आता है जो IMF को गरीब देशों की मदद के लिए धन मुहैया कराते हैं, जबकि पाकिस्तान स्वयं मदद का मोहताज है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार हर सैनिक को अत्याधुनिक हथियार, रक्षा प्रणाली और आधारभूत ढांचा प्रदान करने के लिए संकल्पबद्ध है।” उन्होंने यह भी बताया कि LOC और LAC पर पहले से कहीं बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित की गई है।
आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के विचारों को दोहराते हुए कहा कि “बातचीत तभी होगी, जब वह आतंकवाद और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) पर केंद्रित होगी।” उन्होंने विश्वास जताया कि सेना के सहयोग से भारत जल्द ही क्षेत्र से आतंकवाद का पूरी तरह सफाया कर देगा।
इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री श्री उमर अब्दुल्ला, सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी सहित सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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