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ग्रीन ज़ोन से बनेगा विकसित भारत: ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल की बड़ी घोषणा

भू-राजनीतिक परिस्थितियों के मद्देनज़र राज्यों को “पावर आइलैंडिंग” योजना लागू करनी चाहिए: –ऊर्जा सचिव पंकज अग्रवाल

Amar sandesh मुंबई, 13 मई 2025 ।— हाल की भू-राजनीतिक परिस्थितियों, विशेष रूप से भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए, भारत सरकार के ऊर्जा सचिव पंकज अग्रवाल ने राज्यों से आग्रह किया है कि वे बिजली क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए “पावर आइलैंडिंग” योजना को शीघ्र लागू करें। यह बयान उन्होंने मंगलवार को मुंबई में आयोजित पश्चिमी क्षेत्रीय राज्यों के सम्मेलन के दौरान दिया।

ऊर्जा सचिव ने कहा, “बिजली क्षेत्र के बुनियादी ढांचे, जैसे ट्रांसमिशन ग्रिड और वितरण प्रणाली की साइबर सुरक्षा और शारीरिक सुरक्षा बेहद आवश्यक हो गई है। इस दिशा में राज्यों को आइलैंडिंग योजना के साथ-साथ साइबर सुरक्षा प्रोटोकॉल को भी लागू करना चाहिए।”

सम्मेलन में केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्रीपद नाइक,महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, गोवा, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री, तथा केंद्र और राज्यों की विद्युत उपयोगिताओं के अध्यक्ष एवं मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

इस सम्मेलन के अवसर पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल का दृष्टिकोण:

केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए देश के लिए भविष्य के अनुरूप, आधुनिक और वित्तीय रूप से सक्षम ऊर्जा क्षेत्र की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश के 2047 तक “विकसित भारत” बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग आवश्यक है।

उन्होंने यह भी कहा कि राज्यों को परमाणु ऊर्जा, हरित ऊर्जा, और ऊर्जा भंडारण (बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम तथा पम्प्ड स्टोरेज परियोजनाओं) के क्षेत्र में निवेश बढ़ाना चाहिए। उन्होंने यह लक्ष्य रखा कि देश को 2047 तक 100 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता तक पहुँचना चाहिए।

श्री मनोहर लाल ने वितरण क्षेत्र की समस्याओं पर भी प्रकाश डाला, जिसमें खराब टैरिफ संरचना, राजस्व वसूली में कमी, तथा सरकारी बकाया शामिल हैं। उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वे स्मार्ट मीटरिंग के तहत पूर्वभुगतान स्मार्ट मीटरों की स्थापना, विशेष रूप से सरकारी कार्यालयों व कालोनियों में, अगस्त 2025 तक पूरी करें।

उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग आधारित डेटा एनालिटिक्स से उपभोक्ताओं और उपयोगिताओं के बीच संपर्क और दक्षता को नया स्वरूप दिया जा सकता है।

इस मौके पर केन्द्रित मंत्री श्री खट्टर ने गुजरात, गोवा और छत्तीसगढ़ की एटीएंडसी हानियों को कम करने की दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना की और कहा कि मंत्रालय स्मार्ट मीटरिंग के लिए धन प्रवाह को आसान बना रहा है।

सम्मेलन में भाग लेने वाले राज्यों ने केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया और अनुरोध किया कि भविष्य में भी केंद्र सरकार से इसी प्रकार मार्गदर्शन और सहयोग मिलता रहे।

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