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महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनीं उत्तराखंड किउर्मिला मेहरा, स्वरोजगार व संस्कृति को दे रहीं नई दिशा”

Amar sandesh देहरादून।उत्तराखंड की धरती पर सामाजिक सेवा को समर्पित एक नाम –उर्मिला मेहरा, जो न केवल महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी हैं। amarsandesh.com आपको रूबरू कर रहा है उर्मिला मेहरा द्वारा किए जा रहे कार्यों से आप बच्चों और ग्रामीण परिवारों के लिए भी आशा की किरण के रूप में कार्य कर रही हैं। पिछले कई वर्षों से वे महिलाओं व बच्चों के सर्वांगीण विकास, स्वरोजगार, और संस्कृति संरक्षण हेतु सतत प्रयासरत हैं।

  उन्होंने बताया कि : घर-घर तक स्वरोजगार पहुंचाने का संकल्प है मेरा,

उर्मिला मेहरा द्वारा उत्तराखंड के दूरस्थ गांवों में 3 से 5 दिन के हैंडीक्राफ्ट प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इन शिविरों के माध्यम से महिलाओं को न केवल हस्तशिल्प कला सिखाई जाती है, बल्कि उन्हें कच्चा माल भी उपलब्ध कराया जाता है, ताकि वे अपने घर से ही कार्य शुरू कर सकें।

प्रशिक्षण उपरांत उनके बनाए गए उत्पादों को सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित कर आर्थिक रूप से मजबूत किया जा रहा है। गर्मी की छुट्टियों (मई-जून) में भी कई किशोरियों को रोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।

उर्मिला मेहरा का प्रयास ्पलायन रोकने का सशक्त अभियान: “मिलनसार महोत्सव”

साल 2022 से शुरू हुआ मिलनसार महोत्सव, आज उत्तराखंड के सांस्कृतिक और सामाजिक जागरण का प्रतीक बन चुका है।

इस वर्ष 5 अक्टूबर 2025 को यह महोत्सव मां नंदा की कृपा से आयोजित होगा, जिसमें ग्रामीण महिलाओं, हस्तशिल्प कलाकारों और लोक-प्रतिभाओं को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि महोत्सव का उद्देश्य है कि पलायन को रोकना और प्रवासियों को अपने गांव लौटने हेतु प्रेरित करना

पहाड़ी भाषा, खानपान और सांस्कृतिक विरासत को जीवंत बनाना

श्रीमती मेहरा का मानना है कि नशा मुक्ति, स्वच्छता, और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देना

प्रतिभावान बच्चों और महिलाओं को मंच प्रदान करना उनके जीवन का मूल मकसद है।

उर्मिला मेहरा के नेतृत्व में हर सप्ताह गांव में स्वच्छता अभियान चलाया जाता है। इसमें अलग-अलग महिला व युवक मंडलों के ग्रुप बनाकर कार्य किया जाता है। कार्यों की समीक्षा के साथ समय-समय पर महिलाओं को सम्मानित भी किया जाता है, जिससे समाज में एक नई प्रेरणा जागृत होती है।

 आध्यात्मिक यात्राओं से भावनात्मक सशक्तिकरण

महिलाओं को मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करने हेतु वर्ष में 2 से 3 धार्मिक यात्राएं कराई जाती हैं। इस वर्ष प्रयागराज महाकुंभ में 16 ग्रामीण महिलाओं को ले जाने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ, जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।

 बच्चों के लिए ‘सुकून’ बनी संस्था वर्ष 2016 से देहरादून में संचालित ‘सुकून एजुकेशन वेलफेयर सोसाइटी’ के माध्यम से उर्मिला मेहरा द्वारा बच्चों को निशुल्क शिक्षा, चिकित्सा शिविर, स्वच्छता, और आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

विशेष रूप से बेटियों के लिए सौंदर्य, स्वास्थ्य व स्वरोजगार प्रशिक्षण भी दिए जाते हैं, जिससे वे भविष्य के लिए सशक्त बन सकें।

 उर्मिला मेहरा ने अमर संदेश को बताया कि:यदि हम महिलाओं को जागरूक करने का प्रयास करें तो बदलाव निश्चित है। जागरूकता ही सशक्तिकरण की पहली सीढ़ी है।”

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