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स्टेलांटिस इंडिया ने लॉन्च किया ‘प्रोजेक्ट INSPIRE’, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और रोबोटिक्स में युवाओं को देगी भविष्य-तैयार स्किल्स”

इस योजना का उद्देश्य 75% छात्रों को नौकरी या इंटर्नशिप दिलाना और कम से कम 30% महिला भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।

• स्टेलांटिस द्वारा यह पहल तमिलनाडु में शिक्षा क्षेत्र में उनके दीर्घकालिक योगदान का विस्तार है, जो छात्रों की बुनियादी और उन्नत स्किल्स के विकास को समर्थन देता है।

Amar sandesh दिल्ली/चेन्नई। स्टेलांटिस इंडिया ने ASSIST एशिया के सहयोग से ‘प्रोजेक्ट INSPIRE’ की शुरुआत की। यह एक महत्वपूर्ण CSR पहल है जो भारत के उभरते मोबिलिटी और विनिर्माण क्षेत्र में कौशल अंतर को पाटने पर केंद्रित है। इस लॉन्च इवेंट का आयोजन NITTTR चेन्नई में किया गया, जिसमें शैक्षणिक, औद्योगिक और सरकारी प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह पहल तमिलनाडु सरकार की उस दृष्टि के अनुरूप है, जो राज्य को तकनीकी विशेषज्ञता और नवाचार का केंद्र बनाना चाहती है।

प्रशिक्षण का पहला चरण 26 मई 2025 को NITTTR चेन्नई में शुरू हुआ और यह वर्षभर चलने वाली पहल पुणे तक विस्तारित होगी। यह कार्यक्रम ‘विकसित भारत 2047’ और ‘इंडस्ट्री 4.0’ जैसे राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ तालमेल में है।

स्टेलांटिस इंडिया के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर शैलेश हजेला ने कहा”स्टेलांटिस में हम मानते हैं कि अपस्किलिंग से ही व्यक्ति को भविष्य की तकनीकों के लिए तैयार किया जा सकता है। प्रोजेक्ट INSPIRE के माध्यम से हम युवाओं को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, ऑटोमेशन और सस्टेनेबिलिटी के क्षेत्रों में दक्षता प्रदान कर रहे हैं। ASSIST एशिया और NITTTR चेन्नई की साझेदारी इस परियोजना की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।”

INSPIRE (Integrating Sustainability, Progress, Innovation, Readiness, and Employability) के तहत छात्रों को EV सिस्टम्स, एडवांस्ड मेकाट्रॉनिक्स और रोबोटिक्स में प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया जाएगा, साथ ही 200 मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त ग्रीन स्किल्स, डिजिटल और फाइनेंशियल साक्षरता, हेल्थ व सेफ्टी, और जॉब रेडीनेस जैसे मॉड्यूल्स भी शामिल होंगे।

इसका उद्देश्य 75% छात्रों को नौकरी/इंटर्नशिप दिलाना, 30% महिला भागीदारी, और 20% एंट्री-लेवल सैलरी में बढ़ोतरी हासिल करना है। साथ ही यह 85% कोर्स कम्प्लीशन रेट और 10 तकनीकी संस्थानों की क्षमताओं को बढ़ाने का लक्ष्य भी रखता है।

ASSIST एशिया के कंट्री हेड करुणाकरण के अनुसार, “यह पहल युवाओं को उभरती तकनीकों जैसे इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, रोबोटिक्स और मेकाट्रॉनिक्स में प्रशिक्षित कर उन्हें उद्योग के लिए तैयार करती है। यह दीर्घकालिक प्रभाव डालेगी और भारत की अर्थव्यवस्था को कुशल व टिकाऊ बनाएगी।”

चेन्नई और पुणे को इसके लिए रणनीतिक रूप से चुना गया है क्योंकि दोनों शहरों में ऑटोमोबाइल सेक्टर और तकनीकी शिक्षा का मजबूत आधार है।

स्टेलांटिस की तमिलनाडु में शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता

स्टेलांटिस इंडिया ने तमिलनाडु में विभिन्न शैक्षणिक पहलों के माध्यम से योगदान दिया है – जैसे थिरुवल्लूर प्लांट के पास के स्कूलों में STEM लैब्स और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार, NIT त्रिची जैसे संस्थानों के साथ इनोवेशन प्रोग्राम, और ‘नान मुदलवन’ जैसे कार्यक्रमों के जरिए 10,000 से अधिक छात्रों और फैकल्टी को ट्रेनिंग देना।

 

 

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