Uncategorized

हिमालय के दर्शन और सांस्कृतिक सौंदर्य का संगम: मुख्यमंत्री ने किया ‘गजा घण्टाकर्ण महोत्सव’ का भव्य शुभारंभ

तीन दिवसीय महोत्सव बना संस्कृति, पर्यटन और विकास का प्रतीक

Amar sandesh टिहरी (उत्तराखण्ड), 27 मई। उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच देने और पर्यटन को नई दिशा देने के उद्देश्य से, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज, गजा (टिहरी) में तीन दिवसीय ‘प्रथम गजा घण्टाकर्ण महोत्सव-2025’ का भव्य शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घण्टाकर्ण मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की समृद्धि की कामना की तथा राज्य आंदोलन की वीरांगना शहीद बेलमती चौहान की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार के सांस्कृतिक महोत्सव हमारी परम्पराओं को जीवंत रखते हैं और पर्यटन को भी बढ़ावा देते हैं। गजा स्थित घण्टाकर्ण मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यहां से हरिद्वार और हिमालय के विहंगम दृश्य भी देखे जा सकते हैं, जो पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थल बद्रीनाथ परिक्रमा के बाद दूसरी प्रमुख परिक्रमा का केंद्र है।

मुख्यमंत्री श्री धामी ने बताया कि गजा क्षेत्र में लगभग 30 करोड़ रुपये की लागत से पॉलीटेक्निक कॉलेज, 24 करोड़ रुपये की लागत से हेंवलघाटी पंपिंग पेयजल योजना, नगर पंचायत कार्यालय, विश्राम गृह, एवं गौशाला सहित कई विकास कार्य प्रगति पर हैं। इसके साथ ही “वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट”, “हाउस ऑफ हिमालय” ब्रांड जैसे प्रयासों के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बाजार में पहचान दिलाई जा रही है।

नारी शक्ति और युवा प्रतिभा का सम्मान

मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि प्रदेश की स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पाद आज विदेशी कंपनियों को भी टक्कर दे रहे हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने एमबीबीएस, आईआईटी, एनआईटी, भारतीय नौसेना में चयनित स्थानीय मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया और शहीद विक्रम सिंह नेगी के गांव की सड़क को उनके नाम पर समर्पित करने की घोषणा की।

महोत्सव के दौरान स्कूली बच्चों द्वारा प्रस्तुत लोकगीत, सरस्वती वंदना, सांस्कृतिक नाटक और झांकियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। मुख्यमंत्री ने इन प्रस्तुतियों के लिए बच्चों, उनके अभिभावकों और आयोजकों का आभार जताया और कहा कि उत्तराखण्ड की पारंपरिक वेशभूषा और लोक कला को विश्व पटल पर ले जाने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि उत्तराखण्ड इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। समान नागरिक संहिता, नकल विरोधी कानून, धर्मान्तरण रोकथाम कानून और सख्त भू-कानून जैसे ऐतिहासिक निर्णय इस दिशा में मील के पत्थर हैं।

महोत्सव में उमड़ा जनसैलाबइस अवसर पर वन मंत्री सुबोध उनियाल, जिलाधिकारी श्री मयूर दीक्षित, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, लोकगायक प्रीतम भरतवाण समेत अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी और क्षेत्रीय जनता भारी संख्या में उपस्थित रही। महोत्सव में विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल्स के माध्यम से लोगों को जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई।

Share This Post:-

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *