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देवभूमि की गोद में बसी मंदाल घाटी: कोटद्वार से मात्र 60 किमी दूर एक अनछुआ पर्यटन स्थल

अमर चंद्र कोटद्वार (उत्तराखंड)। देवभूमि उत्तराखंड अपने धार्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्व प्रसिद्ध है, लेकिन इसके कई ऐसे स्थल भी हैं जो आज भी मुख्यधारा के पर्यटन मानचित्र से दूर हैं। ऐसा ही एक सुंदर और शांत स्थल है मंदाल घाटी, जो कोटद्वार से मात्र 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह क्षेत्र पैनो घाटी के अंतर्गत आता है।

यह रमणीय घाटी चारों ओर से घने जंगलों और ऊँचे पहाड़ों से घिरी हुई है। घाटी का दृश्य ऐसा है जैसे प्रकृति ने स्वयं चित्रकारी की हो। सूर्योदय के समय यहां की पहाड़ियों पर पड़ती सुनहरी किरणें किसी स्वर्गिक दृश्य का आभास कराती हैं।

मंदाल घाटी का शांत वातावरण, हरियाली और जैव विविधता इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं बनाती। यह क्षेत्र विशेष रूप से पक्षी प्रेमियों, फोटोग्राफरों और ट्रेकर्स के लिए बेहद आकर्षक है। मंदाल घाटी से लगे गांव तिमलसैड,बराई,सिमलखेत,धाम़धार,गंगा गांव,झर्त,कुमाल्डी, रथुवाढाब,कर्तियां, मैदावन, आदि कई गांव आते हैं।

 जिम कॉर्बेट का वैकल्पिक प्रवेश मार्ग मंदाल घाटी का महत्व केवल प्राकृतिक दृष्टिकोण से नहीं है, बल्कि यह जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के सोनानदी रेंज तक जाने के वैकल्पिक रास्ते के रूप में भी जाना जाता है। जंगल सफारी और ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए यह मार्ग खासा उपयोगी हो सकता है।

 आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान स्थानीय लोगों का मानना है कि मंदाल घाटी प्राचीन काल में तपस्वियों की तपोभूमि रही है। यहां के छोटे-छोटे मंदिर और धार्मिक स्थल आज भी लोगों की आस्था का केंद्र बने हुए हैं। यह घाटी आज भी अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ी हुई है।

रेल मार्ग: कोटद्वार रेलवे स्टेशन से बस या टैक्सी या अपनी निजी गाड़ी द्वारा

सड़क मार्ग: दिल्ली, हरिद्वार, देहरादून, से कोटद्वार तक सड़क सुविधा व रेल मार्ग से भी कोटद्वार आ सकते हैं , कोटद्वार से बस टैक्सी और अपनी निजी गाड़ी से इस क्षेत्र तक पहुंच सकते हैं।

निकटतम पर्यटन स्थल: लैंसडाउन, दुगड्डा, जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क

मंदाल घाटी मंदार नदी के दोनों ओर बसे गांव में ईको-टूरिज्म, जंगल ट्रेक, होमस्टे और स्थानीय हस्तशिल्प को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। यदि सरकार और प्रशासन इसका उचित प्रचार-प्रसार करें तो यह क्षेत्र उत्तराखंड पर्यटन का नया आकर्षण केंद्र बन सकता है।

मंदार घाटी निवासी बताते हैं, कि यहां का वातावरण बहुत शांत है। बहुत लोग नहीं जानते इस जगह के बारे में, लेकिन जो भी आता है, दोबारा जरूर लौटता है। हमें उम्मीद है कि सरकार इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करेगी।”

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