गोपाल गौलोक धाम सेवा संस्थान के तत्वावधान में पांच दिवसीय श्री राम कथा का हुआ समापन
राजेन्द्र शिवाली
कोटद्वार। गोविंद नगर स्थित दीपक वेडिंग प्वाइंट में आयोजित गौ टीका की अमृतमयी कथा श्रवण कराते हुए गौ क्रांति के अग्रदूत गोपाल मणि जी महाराज ने कथा प्रंसग में कहा कि यह सिद्ध है कि तुलसीकृत रामचरित मानस एक पूरा गौ का चरित्र है। यह वह संजीवनी है जो मृतक को जिन्दा कर देती है। यह तो कलिकाल में कामधेनु है जो हमारी सभी मनोकामनाओं को पूरा करती है।उन्होंने कहा कि गाय की बराबरी संसार में कोई भी नहीं कर सकता है। गाय को तृण मात्र खिलाने से सारी पृथ्वी पर यज्ञ करने का फल प्राप्त हो जाता है। भगवान ने भी धरती पर मनुष्य बनकर गौ सेवा की शिक्षा दी । गौ मां का चलता फिरता औषधालय और देवालय है। गाय ही स्वर्ग की सीढ़ी है। गंगा का मतलब होता है जो तुम्हे गाय के पास पंहुचा दे, वही गौ गंगा का सच्चा भक्त हो सकता है । बह्मग्रंथ को खोलने के लिए दो चाबियां है। एक गंगा के पास और दूसरी गौ माता के पास होती है। जब चाबी खुलेगी तभी व्यक्ति मुक्त हो जाता है। उन्होंने श्री राम कथा के माध्यम से गौ कथा श्रवण कराते हुए कहा कि गाय भूत भविष्य और वर्तमान है।वर्तमान ठीक हो जाए तो सब काल अपने आप ठीक हो जाते हैं। भूत भविष्य की ओर मत जाओ। संस्थान के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने अग्रदूत गोपाल मणि महाराज का स्वागत करते हुए कहा कि गौ टीका कथा के श्रवण से समस्त जनता लाभान्वित हुई है। उन्होंने महाराज व जनता का आभार व्यक्त किया। कथा में भारी संख्या में पुरूष व महिलाएं शामिल हुईं। कथा को संगीतमयी बनाने में पं. कुलानन्द क्वालिटी, पं. आशीष सेमवाल, पं. महावीर खण्डूरी, पं. प्रकाश गौड़, पं. इन्द्रमणि ने कथा को रसमयी बनाने में संगत देकर अपूर्व सहयोग प्रदान किया। इस मौके पर गोपाल कृष्ण अग्रवाल के अलावा महावीर सिंह रावत, राजेन्द्र जखमोला, कैलाश चन्द्र अग्रवाल, जसपाल सिंह रावत, गिरीश जखमोला, राजेंद्र पुरोहित, अनुसूया मुंडेपी, सर्वेश्वरी किमोठी, आशा विंजौला, गीता बुड़ाकोटी, बृजपाल राजपूत, दीनानाथ भाटिया, गोपाल बंसल आदि मुख्य रुप से मौजूद रहे।