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केवल घर ही नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी महिलाओं की अहम भूमिका : डॉ. हर्षवर्धन

केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ, हर्षवर्धन ने महिला वैज्ञानिकों की स्थिति सुधारने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए वैज्ञानिक समुदाय से अपील की है कि वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने में सहयोग करें।

डॉ. हर्षवर्धन ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज नई दिल्ली में महिलाओं के प्रौद्योगिकी सशक्तिकरण पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि महिला वैज्ञानिकों द्वारा विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में किये जा रहे शोध कार्यों के लिए वित्तीय मदद बढ़ायी जानी चाहिए क्योंकि यह अभी बहुत कम है। उन्होंने कहा कि महिलाएं केवल घर बनाने में ही नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी अहम भूमिका निभाती हैं।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र को अभी भी पुरूषों के वर्चस्व वाला क्षेत्र माना जाता है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण सरकार की प्राथमिकताओं में से है। उन्होंने महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं का जिक्र किया।

डॉ. हर्षवर्धन ने इस अवसर पर माइक्रोबायोलाजी के क्षेत्र में फॉरन फैलोशिप भी प्रदान किया। उन्होंने इस मौके पर “वुमेन इन साइंस: ए लिस्निंग सेशन”  शीर्षक से एक रिपोर्ट भी जारी की। उन्होंने सीनियर और जूनियर श्रेणी में महिला वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्रदान किये। जाने माने कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामी नाथन, प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक काकोडकर और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव तथा प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। सम्मेलन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी, कृषि, पोषण और खद्य सुरक्षा, स्वास्थय सेवाओँ और स्वच्छता कौशल विकास, उद्यमता विकास तथा रोजगार सृजन की संभावनाओं और चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी।

 

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