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समाज के हर वर्गों से लोग “मैं भी चौकीदार जन-आंदोलन से जुड़े हैं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी होली के शुभ अवसर पर ऑडियो ब्रिज के माध्यम से देश भर में लगभग 25 लाख चौकीदारों को संबोधित करेंगे एवं उनके साथ होली के रंग साझा करेंगे। यह मै भी चौकीदार अभियान के अंतर्गत उठाये गए इनिशिएटिव की श्रृंखला का एक हिस्सा है जिसके तहत प्रधानमंत्री आगामी लोक सभा चुनाव की अगुआई करते हुए अपने देशवासियों के साथ बातचीत करेंगे। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 31 मार्च 2019 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये देश के लगभग 500 लोकेशन पर उन “चौकीदारों” से बात करेंगे जो “मैं भी चौकीदार” मूवमेंट से जुड़े हैं।
“मैं भी चौकीदार” कार्यक्रम पहले से ही एक व्यापक जन-आंदोलन में बदल रहा है जिसके केंद्र बिंदु में देश की आम जनता है जो चुपचाप देश के विकास के लिए नेपथ्य में अहर्निश काम करती रहती है और इस तरह, वे देश के अदृश्य आधारभूत स्तंभों में से एक हैं।मै भी चौकीदार अभियान के पहले ही दिन वर्ल्ड वाईड ट्रेंड करता रहा। भारत में यह लगातार दो दिन तक टॉप ट्रेंड में रहा। कम से कम 20 लाख लोगों ने मै भी चौकीदार हैशटैग के साथ ट्वीट किया है जिसका इम्प्रेशन लगभग 1680 करोड़ रहा। सोशल मीडिया और नमो एप के माध्यम से लगभग एक करोड़ लोगों ने प्लेज दिया कि मैं भी चौकीदार हूँ। लगभग एक करोड़ लोगों ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर “मैं भी चौकीदार” वीडियो को देखा। समाज के हर वर्गों से लोग “मैं भी चौकीदार (मै भी चौकीदार )” जन-आंदोलन से जुड़े हैं और लगातार जुड़ते चले जा रहे हैं। एक चौकीदार ऐसे लोगों के सबसे प्रमुख उदाहरणों में से एक है – कोई ऐसा जिसे आप रोज़ाना बिना नागा किये देखते हैं, चाहे वह आपका सोसाइटी गार्ड हो, एटीएम गार्ड हो, आपका ऑफिस का सेक्युरिटी गार्ड हो या किसी मॉल की सुरक्षा में कार्यरत हो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन आम लोगों को पर्दे के पीछे से निकाल कर एक नए भारत के ध्वजवाहक के रूप में लाना चाहते हैं। यह ‘“सबका साथ, सबका विकास” की अवधारणा पर ‘अंत्योदय’ की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक ख़ास विशेषता रही है कि वे हमेशा देश की जनता एवं पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ किसी न किसी विषय पर जन-संवाद के विभिन्न माध्यमों से संवाद करते रहते हैं। उन्होंने हमेशा जन-संवाद को प्राथमिकता दी है और सरकार एवं की नीतियाँ, पार्टी के तमाम आंदोलन एवं कार्यक्रम भी इसी आधार पर तय होते हैं। प्रधानमंत्री जी नमो एप एवं के जरिये वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम को जन-संवाद का सबसे बड़ा माध्यम बनाया है।

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