दिव्यांग कारीगरों और उद्यमियों के शिल्प कौशल और उत्पादों को बढ़ावा: गहलोत
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय दिव्यांगवित्तो विकास निगम (एनएचएफडीसी) द्वारा स्टेतट एम्पोरिया कॉम्प्लेक्स, बाबा खड़क सिंह मार्ग, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली-1 में एक सप्ता्ह तक चलने वाला प्रदर्शनी-सह-मेला – “एकम फेस्ट” शुरू हुआ। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास तथा कपड़ा मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी इस अवसर पर उपस्थित थे। सामाजिक न्यााय एवं आधिकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और रतन लाल कटारिया भी उपस्थित थे।
2 मार्च से 9 मार्च, 2020 तक 11 बजे सुबह से 9 बजे रात तक लोगों के लिए खुला है। इसमें 17 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लगभग 82 दिव्यांग कारीगर और उद्यमी अपने उत्पादों को प्रदर्शित कर रहे हैं। इनमें 44 पुरुष और 38 महिला दिव्यांग कारीगर और उद्यमी शामिल हैं। इसमें दिव्यांग कलाकारों और प्रसिद्ध पेशेवरों द्वारा प्रदर्शन सहित कई महत्विपूर्ण सांस्कृतिक गतिविधियां भी आयोजित की जा रही हैं। दिव्यांग पेशेवरों द्वारा ज्योतिषीय परामर्श और पैर की मालिश इस आयोजन के अन्यं आकर्षण हैं।
थावरचंद गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि ‘एकम फेस्ट’ दिव्यांगजन समुदाय में उद्यमशीलता और ज्ञान को बढ़ावा देने और विकलांगजनों की क्षमताओं के बारे में समाज को जागरूक करने तथा विकलांगजन उद्यमियों को प्रमुख विपणन अवसर प्रदान करने का प्रयास है। इन दृढ़ उद्यमियों के उत्पादों के विपणन के लिए प्लेटफार्म तथा ब्रांड के विकास के सम्बंध में एनएचएफडीसी प्रयास कर रहा है। इसके अनुरूप ब्रांड के नाम एकम पर (उद्यमशीलता, ज्ञान, जागरूकता, विपणन – ऑन्टरप्रन्योरशिप, नॉलेज, अवेयरनेस, मार्केटिंग) सहमति बनी। एकम शब्द समावेशी, एकता और एकात्मकता का भाव भी व्यक्त करता है, जो दिव्यांगजनों में उद्यमशीलता, ज्ञान को साझा करने, जागरूकता सृजन और विपणन पहलों के प्रोत्साहन के जरिये विपणन मंच तथा उत्पादों के विकास के लिए एनएचएफडीसी के प्रयासों को उजागर करता है। यह सबके लिए ऐसा अवसर प्रदान करता है कि वे दिव्यांग दस्तकारों और उद्यमियों द्वारा असाधारण आत्मविश्वास के जरिये उत्पादित वस्तुओं को प्रोत्साहन दें।
नितिन जयराम गडकरी ने अपने संबोधन में कहा कि एकम फेस्ट में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद यह साबित करते हैं कि दिव्यांगजन शिल्पकारों और उद्यमियों में अपार क्षमता तथा कौशल मौजूद है तथा हमारे देश के विकास में वे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। एमएसएमई सेक्टर में रोजगार की और दिव्यांगजन के स्वरोजगार की अपार क्षमता मौजूद है तथा खासतौर से महिला दिव्यांगजन शिल्पकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की विभिन्न उपयोगी योजनाओं से लाभ उठा सकती हैं। उन्होंने इस संबंध में दिव्यांगजनों को अपने मंत्रालय के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
श्रीमती स्मृति जुबिन इरानी ने अपने संबोधन में कहा कि दिव्यांगजन शिल्पकार और उद्यमी दस्तकारी, हथकरघा और कशीदाकारी वाले उत्पादों के जरिये अपने कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं। भारतीय पारंपरिक वस्त्रों का एक अत्यंत समृद्ध इतिहास है तथा देश और विदेश में उनकी बड़ी मांग है। इस क्षेत्र में रोजगार की अपार क्षमताएं मौजूद हैं।
कढ़ाई कार्य में महिलाओं ने काफी योगदान किया है, इसलिए एनएचएफडीसी को इस क्षेत्र में उद्यमिता के लिए दिव्यांगजन विशेषकर महिला दिव्यांगजन को प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि दिव्यांगजन रोजगार और स्व-रोजगार प्राप्त कर सकें। दिव्यांगजन कल्याण के लिए सभी मंत्रालयों और विभागों के बीच तालमेल होनी चाहिए।
पहले एकम फेस्ट में पूरे देश से दिव्यांग उद्यमी और शिल्पकार आमंत्रित किए गए हैं। ये लोग जम्मू–कश्मीर से लेकर पुदुचेरी तथा नगालैंड से लेकर गुजरात के हैं। फेस्टह में जम्मू और कश्मीर तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र के उत्पाद प्रस्तुात किए गए हैं। इन उत्पाफदों में दस्तशकारी, हैंडलूम, कढ़ाई कार्य तथा सूखे मेवे शामिल हैं। फेस्ट में 17 राज्यों/ केन्द्र् शासित प्रदेशों के लगभग 82 दिव्यांगजन उद्यमी/ शिल्प कार तथा संगठन अपने उत्पादों, सेवाओं और कौशल प्रदर्शन के माध्यूम से अपना कौशल दिखा रहे हैं।
एनएचएफडीसी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग (दिव्यांगजन) के तत्वावधान में एक शीर्ष निगम है और यह 1997 से काम कर रहा है। यह एक गैर-लाभ कंपनी के रूप में पंजीकृत है, जो दिव्यांगजन/विकलांगता से ग्रस्त व्यक्तियों (दिव्यांगजन/पीडब्ल्यूडी) के आर्थिक पुनर्वास में वित्ती य सहायता उपलब्धद कराता है। इसके साथ ही उन्हें अपने उद्यम विकसित करने और प्रगति करने के बारे में सशक्तम बनाने के लिए अनेक कौशल विकास कार्यक्रम उपलब्ध कराता है। दिव्यांगजनों और समाज के हाशिए वाले समूहों को सशक्तक बनाने के लिए एनएचएफडीसी ने एक और कदम आगे बढ़ाया है। इसने इस वर्ष एनएचएफडीसी फाउंडेशन की स्थापना की है। बाजार से जुड़ाव की कमी असंगठित सूक्ष्म दिव्यांगजन उद्यमों की बिक्री के मामले में अवरोध पैदा करती है। इस बात को स्वीककार करते हुए एनएचएफडीसी फाउंडेशन इन निर्धारित उद्यमियों के उत्पादों के विपणन के लिए एक ब्रांड और मंच विकसित करने का प्रयास कर रहा है।