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दिल्ली के इस्सापुर में एग्रीवोल्टिक्स साइट पर संसदीय समिति ने की पीएम-कुसुम और पीएम सूर्य घर योजनाओं की समीक्षा

स्वच्छ ऊर्जा और किसान कल्याण की दिशा में मजबूत कदम

नई दिल्ली, 12 अप्रैल 2025 — भारत सरकार की स्वच्छ ऊर्जा और किसानों के समग्र सशक्तिकरण की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए, सांसद डॉ. संजय जायसवाल की अध्यक्षता में संसदीय आकलन समिति ने दिल्ली के नजफगढ़ क्षेत्र के इस्सापुर गांव स्थित सनमास्टर एग्रीवोल्टिक्स संयंत्र का दौरा किया। यह दौरा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (MoA&FW) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री कुसुम योजना (PM-KUSUM) और प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना (PM Surya Ghar: Muft Bijli Yojana) के कार्यान्वयन की विस्तृत समीक्षा की गई।

क्या है एग्रीवोल्टिक्स?

एग्रीवोल्टिक्स एक अभिनव तकनीक है, जिसमें कृषि भूमि का दोहरा उपयोग किया जाता है – ऊपर सौर ऊर्जा उत्पादन और नीचे खेती। इससे न केवल भूमि की उत्पादकता बढ़ती है, बल्कि किसानों की आमदनी भी दोगुनी होती है।

योजना की सराहना और तकनीकी मूल्यांकन

समिति का स्वागत एमएनआरई के अतिरिक्त सचिव श्री सुदीप जैन ने किया। उन्होंने पीएम-कुसुम योजना के तहत किसानों को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने और स्वच्छ ऊर्जा के माध्यम से ग्रामीण भारत में बदलाव लाने के सरकार के दृष्टिकोण को विस्तार से समझाया।

इस दौरान, स्टिल्ट आधारित एग्रीवोल्टिक्स बनाम पारंपरिक भूमि-आधारित सौर संयंत्रों की लागत-प्रभावशीलता और भूमि उपयोग दक्षता की भी तुलना की गई। समिति ने पाया कि स्टिल्ट तकनीक लंबे समय में किसानों के लिए अधिक फायदेमंद और टिकाऊ समाधान प्रस्तुत करती है।

किसानों से संवाद और जमीनी हकीकत

समिति के सदस्यों ने स्थानीय किसानों से सीधे संवाद कर योजनाओं के प्रभावों को जाना। किसानों ने बताया कि सौर ऊर्जा से उन्हें सिंचाई के लिए भरोसेमंद बिजली मिल रही है और अतिरिक्त आय भी हो रही है।

इस दौरे की विशेष बात थी — “एक पेड़ माँ के नाम” पहल के अंतर्गत वृक्षारोपण, जिससे पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी प्रसारित हुआ। साथ ही सांसदों ने ट्रैक्टर की सवारी कर कृषि कार्यों की जमीनी सच्चाई को करीब से देखा।

समापन में सांसद डॉ. जायसवाल का संदेश

डॉ. संजय जायसवाल ने अपनी समापन टिप्पणी में कहा:

“एग्रीवोल्टिक्स भारत के ग्रामीण क्षेत्र को ऊर्जा और कृषि में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। पीएम-कुसुम और पीएम सूर्य घर जैसी योजनाएं किसानों के जीवन को सकारात्मक रूप से बदल रही हैं। भविष्य में इस मॉडल को और अधिक राज्यों में विस्तार देने की सिफारिश की जाएगी।”


भारत सरकार की दिशा स्पष्ट है

किसान उन्नति, स्वच्छ ऊर्जा और समावेशी ग्रामीण विकास — यही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत” की मूल भावना है, जिसे यह यात्रा साकार करती है।


 

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