ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य पीओके को भारत में मिलाना नहीं: -पूर्व डीजीएमओ अनिल भट्ट
Amar sandesh नई दिल्ली, 16 मई 2025: भारतीय सेना के पूर्व सैन्य महानिदेशक (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) अनिल भट्ट ने स्पष्ट किया है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उद्देश्य पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को भारत में शामिल करना नहीं है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस तरह का कोई भी निर्णय पूरी तरह रणनीतिक सोच और व्यापक विमर्श के बाद ही लिया जाना चाहिए।
पूर्व डीजीएमओ ने कहा, “युद्ध कोई हल्का निर्णय नहीं होता। यह तब होता है जब सभी कूटनीतिक और वैकल्पिक रास्ते बंद हो जाते हैं। युद्ध एक गंभीर और व्यापक प्रभाव डालने वाला कदम होता है।”
तकनीक और भविष्य की तैयारियों पर बल देते हुए, भट्ट ने कहा कि आधुनिक सैन्य संघर्ष अब केवल परंपरागत हथियारों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इसमें ड्रोन, साइबरस्पेस और अंतरिक्ष जैसे नई तकनीकी आयाम भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले समय में प्रत्येक राष्ट्र को अंतरिक्ष में अपनी परिसंपत्तियों की रक्षा के लिए सजग और तैयार रहना होगा।
उन्होंने कहा, “हमें यह भी जानना जरूरी है कि हमारे विरोधियों के पास अंतरिक्ष में क्या सामर्थ्य है, ताकि हम अपनी रणनीतियों को उसी अनुरूप ढाल सकें।”
ऑपरेशन सिंदूर का पीओके को भारत में मिलाने से कोई प्रत्यक्ष उद्देश्य नहीं
युद्ध एक अंतिम विकल्प होता है, जिसे बहुत सोच-समझकर अपनाया जाता है
भविष्य के सैन्य संघर्षों में अंतरिक्ष और साइबर सुरक्षा अहम भूमिका निभाएंगे
भारत को अपनी अंतरिक्ष संपत्तियों की रक्षा के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता