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नरेन्द्र मोदी इंसाफ और इंसानियत में विश्वास करते हैं: राजनाथ सिंह

नई दिल्ली, । केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली के आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र में नुक्कड़ सभा को संबोधित किया और भाजपा प्रत्याशी राजकुमार भाटिया को भारी मतों से विजयी बनाने की अपील की। इस अवसर पर प्रदेश, जिला व मंडल के वरिष्ठ नेता और सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे। राजनाथ सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम 1951 से अपने बारे में अब तक अपने संकल्प पत्र में कहते रहे हैं कि सरकार में आते ही अनुच्छेद 370 समाप्त होगा और हमनें वैसा किया, इसलिए अब कश्मीर से विस्थापित हुए कश्मीरी पंडों को घाटी में बदल दिया जाएगा। बसाए जाने से कोई ताकत नहीं रोक सकेगी। नफरत के आधार पर हमें सत्ता का सिंहासन नहीं चाहिए। ऐसी राजनीति को हम ठोकर मारते हैं। एनपीआर को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। अगर एनपीआर नहीं होगी तो गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाएं कैसे चलेगी भेंटगी।

  नफरत की स्याही से इतिहास लिखने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए, वर्ना इतिहास नहीं रहेगा। हमारे प्रधानमंत्री मोदी इंसाफ और मानवता में विश्वास करते हैं। केवल वे कहते हैं कि सबका साथ सबका विकास। इसके बावजूद उन पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं। नागरिकता संशोधन कानून पारित करके हमने महात्मा गांधी की कही गयी बात का सम्मान किया है। यह करके हमने क्या अपराध किया है? इस पर विवाद खड़ा करने की कोशिश की जा रही है। हिंदू मुस्लिम का सवाल उठाया जा रहा है। हमने चुनावों के पहले तीन तलाक की कुप्रथा को भी समाप्त करने का वादा किया था। उसे भी पक्की बजाते ही समाप्त किया गया और मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ देने का काम किया गया। हमने जो कहा वह करके दिखाया। राजनाथ सिंह ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन अन्ना हजारे जी का दामन पकड़कर केजरीवाल बड़े जीवन में आए थे, उन्होंने बार राजनीतिक पार्टी बनाने से मना किया। मगर अन्ना हजारे को महाराष्ट्र भेजने कर अरविंद केजरीवाल ने एक राजनीतिक पार्टी बना ली और चुनाव के मैदान में उतर गए। केजरीवाल अपने गुरू अन्ना हजारे के नहीं हुए तो वो दिल्ली की जनता के क्या होंगे। राजनाथ सिंह ने कहा कि साढ़े पांच वर्षों में केंद्र सरकार ने जहां अपने किए हुए संकल्पों को पूरा किया है वहीं दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अपने वादों को पूरा नहीं किया है। राजनीति में प्रोमखिलाफी नहीं की जानी चाहिए, लेकिन केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की जनता से जो वादा वो नहीं निभाया, इसलिए दिल्ली की जनता 8 फरवरी को केजरीवाल से इसकी गणना लेने जा रही है और कमल के निशान पर बटन दबाकर दिल्ली के सम्पूर्ण विकास को सुनिश्चित कर रही है। हो रहा है।

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