भारतीय वायु सेना के 47वें उड़ान परीक्षण पाठ्यक्रम का भव्य समापन – “सुरंजन दास डिनर” में उत्कृष्टता का सम्मान
दिल्ली/बेंगलुरु,।— भारतीय वायु सेना के परीक्षण पायलट स्कूल के प्रतिष्ठित 47वें उड़ान परीक्षण पाठ्यक्रम का समापन आज विमान और प्रणाली परीक्षण प्रतिष्ठान (एएसटीई), बेंगलुरु में आयोजित एक भव्य समारोह “सुरंजन दास डिनर” के साथ हुआ। इस अवसर पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने पाठ्यक्रम पूर्ण करने वाले अधिकारियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को विशिष्ट ट्रॉफियों से सम्मानित किया। उन्होंने इस कठिन और विशिष्ट पाठ्यक्रम के दौरान अधिकारियों की असाधारण प्रतिबद्धता और निपुणता की सराहना की। 48 सप्ताह का यह कठोर प्रशिक्षण कोर्स उन्नत हवाई प्लेटफार्मों और प्रणालियों के लिए भारत की उड़ान परीक्षण क्षमताओं के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अपने संबोधन में एयर चीफ मार्शल सिंह ने परीक्षण उड़ान को एक विशिष्ट डोमेन बताते हुए उसमें उच्चतम स्तर की व्यावसायिक क्षमता, ईमानदारी और सेवा समर्पण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भारतीय वायु सेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए एएमसीए (उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान) और एलसीए एमके-II जैसी स्वदेशी परियोजनाओं के महत्व को रेखांकित किया।
सम्मानित अधिकारी इस प्रकार हैं”सुरंजन दास ट्रॉफी” (सर्वश्रेष्ठ ऑल-राउंड छात्र परीक्षण पायलट): स्क्वाड्रन लीडर एस भारद्वाज,”चीफ ऑफ द एयर स्टाफ ट्रॉफी” (उड़ान मूल्यांकन में सर्वश्रेष्ठ छात्र परीक्षण पायलट): स्क्वाड्रन लीडर अजय त्रिपाठी,”महाराजा हनुमंत सिंह स्वॉर्ड” (सर्वश्रेष्ठ ऑल-राउंड छात्र उड़ान परीक्षण इंजीनियर): स्क्वाड्रन लीडर सुभ्रज्योति पॉल,”डनलप ट्रॉफी” (उड़ान मूल्यांकन में सर्वश्रेष्ठ छात्र परीक्षण इंजीनियर): विंग कमांडर अश्विनी सिंह,”कपिल भार्गव ट्रॉफी” (ग्राउंड विषयों में सर्वश्रेष्ठ छात्र): मेजर कौस्तुभ कुंटे,
समारोह ने भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में भारतीय वायु सेना की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया, तथा एक आत्मनिर्भर और सक्षम भारत के निर्माण की दिशा में परीक्षण पायलटों की भूमिका को रेखांकित किया।