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उत्तराखण्ड को मिला राष्ट्रीय फिल्म संवर्धन हितैषी राज्य पुरस्कार 

विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर विज्ञान भवन, नई दिल्ली में राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार 2017-18 हेतु की गई घोषणा उत्तराखण्ड के लिए खुशखबरी ले कर आई है। मुख्य अतिथि महामहिम एम0 वेंकैया नायडु, भारत के उपराष्ट्रपति एवं विशिष्ट अतिथि  जुरब पोलोलिकाश्विली, यू0एन0डब्ल्यू0टी0ओ0 के महासचिव एवं प्रहलाद सिंह पटेल, पर्यटन/संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) द्वारा उत्तराखण्ड राज्य को राष्ट्रीय फिल्म संवर्धन हितैषी राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया। उत्तराखण्ड के पर्यटन मंत्री  सतपाल महाराज, सोनिका, अपर सचिव पर्यटन, उत्तराखण्ड शासन एवं श्रीमती पूनम चंद, संयुक्त निदेशक, उत्तराखण्ड पर्यटन द्वारा यह पुरस्कार विज्ञान भवन, नई दिल्ली में भव्य आयोजन में प्राप्त किया गया।  संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ;यू0एन0डब्ल्यू0टी0ओ0द्ध द्वारा इस वर्ष विश्व पर्यटन दिवस की मेजबानी करने हेतु भारत वर्ष को मेजबान देश घोषित किया गया है। इस उपलक्ष्य में उत्तराखण्ड के पर्यटन मंत्री  सतपाल महाराज द्वारा अत्यंत हर्ष प्रकट करते हुए राज्य के सभी लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार,  त्रिवेंद्र सिंह रावत के दिशा-निर्देश में फिल्म निर्माताओं हेतु आकर्षित फिल्म नीति के फलस्वरूप उत्तराखण्ड में अनेक फिल्मों का फिल्मांकन किया जा रहा है। उत्तराखण्ड का सौन्दर्य फिल्मों के अनुकूल है। यहां का शांत माहौल, अपनत्व व भाई चारा फिल्म निर्माताओं का पसन्द आया है। राज्य के सीमान्त एवं सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक फिल्म निर्माताओं की पहुंच बनाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य के नैसर्गिक सौन्दर्य और मनोहारी लोक संस्कृति के परिप्रेक्ष्य में उत्तराखण्ड को फिल्म निर्माण के क्षेत्र में देश के एक महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। भारत के सबसे सुन्दरतम राज्यों में से एक उत्तराखण्ड अनेक सुरम्य व मनमोहक स्थानों को खुद में समेटे हुए है जो फिल्म उद्योग के लिए आदर्श है। एक तरफ हिमालय की ऊँची-ऊँची चोटियाँ व उससे निकलने वाली गंगा, यमुना  आदि सदानीर नदियाँ हैं, तो दूसरी तरफ देवदार, चीड़  आदि के घने जंगल। यहाँ वन्यजीवों से लेकर प्राचीन पुरातात्विक धरोहर, विश्व प्रसिद्ध चारधाम आदि मंदिरों से लेकर बर्फ से ढ़के पहाड़ किसी भी फिल्म की शूटिंग के लिए आदर्श पृष्ठभूमि प्रस्तुत करते हैं। देश-विदेश के फिल्म निर्माताओं को फिल्म निर्माण के लिए आकर्षित करने के उद्देश्य से राज्य ने एकल खिड़की व्यवस्था (Single Window System) के माध्यम से अपनी फिल्म शूटिंग नीति को आसान बना दिया है जैसे राज्य में निर्मित एवं प्रदर्शित होने वाली फिल्मों को प्रोत्साहन, मनोरंजन कर में छूट, अनुदान, निगम के पर्यटक आवास गृहों में 50 प्रतिशत छूट आदि। जिसके फलस्वरूप अनेक क्षेत्रीय एवं बाॅलीवुड फिल्मों की शूटिंग  उत्तराखण्ड राज्य में की गई है।
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