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चण्डीगढ़ से होगी उत्तराखण्डी भाषा की आगाज : डॉ जलन्धरी

अमर संदेश संवाददाता :
चण्डीगढ़: राष्ट्रीय उतराखंड सभा (भारत) ट्राई सिटी चंडीगढ़ इकाई द्वारा गढवाल भवन में उत्तराखण्ड की भाषा के संबंध में एक अहम बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का मुख्य उद्देश्य ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान उत्तराखण्ड की भाषा की कक्षाएं लगाया जाना है। सभा के राष्ट्रीय मुख्य संयोजक एवं सभा द्वारा गठित भाषा प्रचार प्रसार समिति के अध्यक्ष तथा चंडीगढ़ के प्रभारी डॉ विहारीलाल जलन्धरी द्वारा लिखित, संकलित पाठ्यक्रम की पुस्तक पर विस्तृत चर्चा हुई। जिसे बैठक में उपस्थित सदस्यों ने आंशिक परिवर्तन कर संस्तुति दे दी। इस अवसर पर डॉ जलन्धरी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड की भाषा को पठन पाठन स्तर तक लाने के लिए मेरा पूरा जीवन लग गया है । इसे हमने सबसे पहले दिल्ली से आरम्भ किया था परन्तु मेरे भाषा भाषी पूरे देश में है, मैं दिल्ली तक ही सिमट कर नहीं रहना चाहता अब उत्तराखण्ड की पाठ्य पुस्तक के राष्ट्रीय उत्तराखण्ड सभा की पूरी टीम के साथ पठन पाठन को आरम्भ करने की आगाज चंडीगढ़ से आरम्भ करेंगे। चंडीगढ़ में आयोजित सभा की इस बैठक को चंडीगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश असवाल की अध्यक्षता में गढवाल भवन सैक्टर 29 मे आरम्भ की गई। जिसमें सभा के मुख्य राष्ट्रीय संयोजक और चंडीगढ़ प्रभारी डाँक्टर बिहारी लाल जलंधरी, राष्ट्रीय महासचिव संजीव नेगी, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रामप्रसाद सुंडली, राष्ट्रीय उपसचिव बसंत बंदूनी, राष्ट्रीय संगठन सचिव दिनेश सिंह राणा, राष्ट्रीय सहकोषाध्यक्ष संदीप नेगी, चंडीगढ प्रदेश महासचिव भारत सिंह नेगी, प्रदेश सचिव विरेन्द्र सिंह रावत , प्रदेश मीडिया सचिव शशीप्रकाश पांडे, पंजाब प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह नेगी, चंडीगढ़ प्रदेश सहसचिव हरसिंह कुंजवाल और धर्मानंद शर्मा जी एवं अन्य भाषाविद उपस्थित रहे।

बैठक का मुख्य उद्देश्य उतराखंडी भाषा में डॉ बिहारीलाल जलन्धरी द्वारा तैंयार की गयी पाठयक्रम की पुस्तक को संस्तुती प्रदान करना था जिस पर गहन चर्चा के उपरांत आंशिक परिवर्तन कर सभी पदाधिकारियों द्वारा संस्तुती प्रदान की गई। इस पुस्तक को दो भागों मे बाँटा गया है। प्रथम भाग में कक्षा 1 से 5वीं तक तथा द्वितीय भाग में कक्षा 6 से 10वीं तक का पाठयक्रम तय किया गया है। पुस्तक को प्रकाशित करने व विमोचन करने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय उतराखंड सभा चंडीगढ इकाई को दी गयी है। इसके साथ ही तय किया गया कि पहले पाठयक्रम का माँडल चंडीगढ़ में तैंयार किया जायेगा फिर दूसरे प्रदेशों में लागू किया जायेगा। इसके लिए भाषा प्रचार प्रसार समिति के अध्यक्ष डॉक्टर बिहारी लाल जलंधरी, सदस्य श्री भारत सिंह नेगी एवं श्री हरसिंह कुंजवाल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।इसके अलावा कई विकासात्मक विषयों पर विचार विमर्श किया गया। अंत में जगदीश असवाल ने अध्यक्षीय भाषण पर सबका धन्यवाद कर बैठक के समापन की घोषणा की।

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