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थलसेना अध्‍यक्ष जनरल बिपिन रावत ने चीफ्स ऑफ स्‍टॉफ कमेटी के अध्‍यक्ष पद का कार्यभार संभाला

थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत 41 वर्षों के गौरवशाली करियर के साथ जनरल बिपिन रावत ऑपरेशनल और स्‍टॉफ से संबंधित लंबे अनुभव के धनी हैं। थल सेना अध्‍यक्ष के रूप में वह जनवरी 2017 से सीओएससी के सदस्‍य हैं। सीओएससी में उनके कार्यकाल के दौरान, कमेटी ने एकता और एकजुटता के लक्ष्‍य के साथ तीनों सेनाओं के बीच परिचालन, प्रशिक्षण और प्रशासन से संबंधित विविध मामलों पर विचार-विमर्श किया। जनरल रावत ने अपनी दूरदृष्टि और व्‍यवसायिक सूजबूझ के साथ महत्‍वपूर्ण मामलों पर अपने तटस्‍थ विचार प्रकट करते हुए इस कमेटी में अपार योगदान दिया है। थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने  नई दिल्‍ली में एक संक्षिप्त समारोह में, चीफ ऑफ स्‍टॉफ कमेटी (सीओएससी) के निवर्तमान अध्‍यक्ष एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ से सीओएससी के अध्‍यक्ष पद की बैटन प्राप्‍त की।

सीओएससी के निवर्तमान अध्‍यक्ष एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ ने तीनों सेनाओं से संबंधित सभी मामलों पर अग्रणी भूमिका निभाई। भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों की पूरी स्‍क्‍वार्डन के विमानों के परिचालन और उड़ान भरने का व्‍यापक अनुभव रखने वाले एयर चीफ मार्शल को 31 मई, 2019 को सीओएससी का अध्‍यक्ष नियुक्‍त किया गया था। उनके प्रबंधन में तीनों सेनाओं ने ‘एकता के जरिये जीत’ के ध्‍येय वाक्‍य के  अनुरूप अनेक मोर्चों पर एकता और एकजुटता प्रदर्शित करते हुए शानदार कामयाबी हासिल की।यह पल देवभूमि उत्तराखंडवासियो के लिये भी किसी गौरवान्वित  से कम नही है , ज्ञात हो कि श्री रावत पिछल दिनो अपने ननीहाल गये थे, उनका गाँव वालो ने बडे जोर से स्वागत भी किया। सीओएससी के अगले अध्‍यक्ष के तौर पर जनरल रावत चीफ ऑफ डिफेन्‍स स्‍टॉफ (सीडीएस) की नियुक्ति को अमल में लाने, तीनों सेनाओं के बीच एकीकरण को बढ़ावा देने, सेनाओं की समकालिक प्रगति को प्रोत्‍साहन देने, आधुनिक युद्ध कौशल क्षमताओं का त्‍वरित संचालन करने और उन्‍हें समकालिक बनाने पर ध्‍यान केन्द्रित कर रहे हैं ताकि सशस्‍त्र बलों को भविष्‍य के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित किया जा सके।

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