उत्तराखण्ड

एक व्यक्ति गिरफ्तार, अड़तालीस लाख रुपये बरामद

देहरादून। करोडों की चोरी के मामले में दून पुलिस को एक और सफलता मिली, फरार अभियुक्त के पिता को रायपुर पुलिस ने बड़ौद उत्तर प्रदेश से चोरी के अड़तालीस लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया हैं। चोरी के रुपये को ठिकाने लगाने की योजना को पुलिस ने ध्वस्त कर दिया हैं। अब तक पुलिस इस मामले मे तीन करोड़ आठ लाख रुपये की बरामदगी कर चुकी हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार 19 अगस्त को मीनू गोयल पुत्री ओमप्रकाश गोयल निवासी न्यू डिफेन्स कालोनी विश्वनाथ एन्क्लेव रायपुर देहरादून ने 18 अगस्त की रात्रि में अपने घर से रूपये व ज्वैलरी चोरी होने के सम्बन्ध में एक प्रार्थना पत्र रायपुर थाना पुलिस को दिया था। तहरीर के आधार पर रायपुर थाने  पर मुकदमा अपराध सख्या 345/2023 धारा 380/457 भादवि बनाम अज्ञात पंजीकृत कर विवेचना उप निरीक्षक रमन बिष्ट के सुपुर्द की गयी। घटना की गम्भीरता को देखते हुए घटना के शीघ्र अनावरण एवं अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिये दलीप सिंह कुंवर पुलिस उप महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा निर्देश दिये गये। जिसके क्रम मे पुलिस अधीक्षक अपराध व पुलिस अधीक्षक नगर के मार्गदर्शन एवं पुलिस क्षेत्राधिकारी डोईवाला देहरादून के पर्यवेक्षण में थानाध्यक्ष कुन्दन राम थाना रायपुर के नेतृत्व में पुलिस टीमें गठित की गयी थी। पुलिस टीम द्वारा 21 अगस्त को अभियुक्त सन्नी को विश्वनाथ इन्क्लेव सहस्त्रधारा रोड़ से गिरफ्तार किया गया था, जिसकी निशानदेही पर चोरी किये गये दो करोड़ साठ लाख रुपये, 02 ट्राली बैग एंव 02 वाहन बरामद किये गये थे। पूछताछ पर अभियुक्त सन्नी द्वारा बताया गया कि उसके साथ घटना को अंजाम देने में उसका एक अन्य साथी धीरज पुत्र भूदेव निवासी वाजिदपुर थाना बड़ौद उ.प्र. भी शामिल था, जिसे उसने अन्य तीसरा रुपयो का बैग दिया था। अभियुक्त सन्नी वर्तमान में न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार देहरादून में बंद है। उक्त प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये वरिष्ठ उपनिरीक्षक नवीन जोशी एक अन्य टीम को जनपद बड़ौद उ.प्र. रवाना किया गया। पुलिस टीम द्वारा फरार अभियुक्त धीरज के घर व अन्य सम्भावित जगहों पर दबिश दी गयी, परन्तु वाँछित अभियुक्त धीरज फरार मिला। जिसके बारे में आस-पास के लोगो से पूछताछ करने पर जानकारी मिली कि अभियुक्त खेती बाड़ी का काम करता है। पूर्व में देहरादून में भी रह चुका है। अभियुक्त धीरज का एक भाई दिल्ली पुलिस में नियुक्त है, जो कि नरेला दिल्ली में ही सरकारी आवास में रहता है। गाँव में अभियुक्त के पिता व पत्नी रहते है। घटना के बाद वह एक दिन अपने घर पर आया था। पुलिस टीम को सूचना मिली कि अभियुक्त के पिता भूदेव चोरी किये गये रुपयो में से भारी धनराशी को गाँव में ही छिपाने की फिराक में है। जिसके पश्चात् से ही पुलिस टीम द्वारा लगातार अभियुक्त के पिता व अन्य परिवार की निगरानी करनी शुरु कर दी, जिसके परिणाम स्वरुप अभियुक्त धीरज के पिता भूदेव पुत्र प्रीतम सिंह निवासी ग्राम वाजिदपुर थाना बडौत जनपद बागपत उत्तर प्रदेश उम्र 62 वर्ष को उनके गाँव वाजिदपुर बड़ौद में उन्ही की ट्यूबेल के पास से गिरफ्तार किया गया। जिनके कब्जे से चोरी की भारी धनराशी अठतालीस लाख रुपये एक सफेद कट्टे से बरामद की गयी।

अभियुक्त भूदेव से पूछताछ करने पर बताया कि उनके दो पुत्र है। बड़ा पुत्र नीरज दिल्ली पुलिस में है, जो अपने बच्चो के साथ नरेला दिल्ली में रहता है तथा छोटा पुत्र धीरज अपने परिवार व मेरे सहित गांव में ही रहता है। जो कि खेती बाड़ी का काम करता है। वह करीब 7-8 वर्ष पूर्व देहरादून में भी रह चुका है, जहाँ उसका एक दोस्त सन्नी रहता  है। वे दोनो आपस में मिलकर डम्पर एंव बिल्डिंग मैटिरियल का काम करते थे। वह कुछ दिन पूर्व इलाहबाद मजदूर लेने के नाम से घर गया था और वह 20 अगस्त को वह गाँव में अपने घर पर आया था। जो कि अगले ही दिन बिना कुछ बताये घर से चले गया था। 21 अगस्त को जब मुझे जानकारी मिली की मेरे पुत्र धीरज को पुलिस ढूढ रही है तो मै अपने बेटे बेटे नीरज के पास नरेला दिल्ली गया, जहाँ नीरज से मुझे पता चला कि मेरे बेटे धीरज ने देहरादून में अपने दोस्त सन्नी के साथ मिलकर बहुत बड़ी करोड़ो रुपये की चोरी कर रखी है। जिस पर मैने धीरज से बात करी और हमने मिलकर तय किया कि चोरी किये गये रुपये को ठिकाने लगा देते है। पुलिस को तथा किसी अन्य को भी इस बारे में नहीं बतायेंगे। चोरी के सारे रुपये नीरज के कमरे में रखे हुये थे। उसमें से गिनकर 48,00,000/-(अडतालीस लाख रुपये) मैने एक सफेद प्लास्टिक के कट्टे में लेकर अपने गाँव की ओर चला तथा शेष रुपयो को धीरज अपने साथ ले गया है। जिसे गाँव आने के बाद मैने अलग-अलग जगह पर छुपाये रखा और 24 अगस्त को अपने गाँव में ट्यूबेल के पास जमीन में गाड़ने जा रहा था कि वहीं उसे पुलिस ने पकड़ लिया।

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