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दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की लीगल टीम ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से करी मांग

दिल्ली।आज 3 फरवरी को विधिक एवम मानवाधिकार विभाग दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चैयरमैन एडवोकेट सुनील कुमार के नेतृत्व में विभाग के पदाधिकारीयों ने दिल्ली बॉर्डर पर शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे अन्नदाताओं को पानी, चिकित्सा सुविधा एवम शौचालय सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश की मांग करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में एक शिकायत दर्ज करवाई। अपनी शिकायत में एडवोकेट सुनील कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए किसान आंदोलन स्थान के चारों तरफ इस प्रकार से कंक्रीट के बैरीकेट, कंटीले तारों का चक्रव्यूह से इस प्रकार किलेबंदी की है जैसे कि वो किसान ना होकर शत्रु देश की सेना हो। सुरक्षा के नाम पर केंद्र सरकार की इस किलेबंदी के कारण ना तो किसानों को पीने को पानी ही मिल पा रहा है और ना ही शौचालय की सुविधाएं जो कि हर एक नागरिक का मौलिक अधिकार है। केंद्र सरकार ने अपने इस कृत्य द्वारा यह फिर से साबित कर दिया है कि यह सरकार पूर्ण रूप से किसान विरोधी है और प्रजातंत्र में कोई विश्वास नहीं रखती है। इस विषय पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए विभाग के महासचिव एडवोकेट विकास यादव और एडवोकेट हरीश गोला ने कहा कि किसान आंदोलन स्थल पर बहुत अधिक संख्या में महिलाएं, वरिष्ठ नागरिक और बच्चे भी है जिनको पीने का पानी और शौचालय सुविधा उपलब्ध न होने के कारण बहुत ही अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार के इस कृत्य से ना केवल देश में बल्कि अंतरराषट्रीय स्तर भी देश कि छवि खराब हो रही है। सरकार पूरी तरह से तानाशाही रवैया अपनाए हुए है और देश में एक प्रकार से अघौशित आपातकाल की स्थिति है। अपनी शिकायत में विभाग के पदाधिकारियों ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से मांग की की अतिशीघ्र उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली सरकार को निर्देश दिया जाए कि वो किसान आंदोलन स्थल पर मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध करवाएं।इस अवसर पर विभाग के पदाधिकारी गण एडवोकेट साजिद चौधरी एडवोकेट नजमा अख्तर एडवोकेट नागेश्वर कुंभकार एडवोकेट रईस फारुकी एडवोकेट शाहिद अली एडवोकेट नरेंद्र मिश्रा एडवोकेट शेख इमरान एडवोकेट सतीश कुमार एडवोकेट सत्येंद्र अहलावत एडवोकेट मोहम्मद साध, एडवोकेट नरेश भरतवाल, एडवोकेट गुरजीत सिंह एवं कई अन्य अधिवक्ता गण उपस्थित थे।

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