इफको ने यूपी में दो नए संयंत्रों में शुरू किया नैनो तरल डीएपी का वाणिज्यिक उत्पादन, प्रतिदिन बनेगी 4 लाख बोतलें
नई दिल्ली, 21 मई।।भारत की अग्रणी सहकारी उर्वरक कंपनी इफको (IFFCO) ने उत्तर प्रदेश के आंवला (बरेली) और फूलपुर (प्रयागराज) में दो अत्याधुनिक संयंत्रों में नैनो तरल डीएपी (डाई-अमोनियम फॉस्फेट) का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू कर दिया है। इन दोनों संयंत्रों की संयुक्त उत्पादन क्षमता प्रति दिन 4 लाख बोतल (500 मिली) है, जिससे देश में नैनो डीएपी की उपलब्धता और आपूर्ति में बड़ा इजाफा होगा।
इफको ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी साझा करते हुए कहा,
“अब आंवला और फूलपुर में भी शुरू हुआ इफको नैनो डीएपी लिक्विड का उत्पादन। इससे किसानों को गुणवत्ता युक्त नैनो डीएपी पूरे देश में आसानी से मिलेगा।”
दोनों नए संयंत्रों की क्षमता: 2 लाख बोतल/दिन (प्रत्येक)
इफको के कुल पांच नैनो संयंत्रों की संयुक्त उत्पादन क्षमता: 9.5 लाख बोतल/दिन
उत्पाद: नैनो यूरिया और नैनो डीएपी लिक्विड
नैनो डीएपी क्यों है खास?
नैनो डीएपी पारंपरिक डीएपी का एक बेहतर विकल्प है। इसके 100 नैनोमीटर से छोटे कण पौधों द्वारा आसानी से अवशोषित किए जा सकते हैं, जिससे पोषण कुशलता बढ़ती है। यह न केवल मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखता है, बल्कि फसल की गुणवत्ता और पैदावार में भी सुधार करता है। इफको ने दावा किया है कि इससे कृषि उत्पादन में दीर्घकालिक स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।
नैनो यूरिया (500 मिली): ₹240
नैनो डीएपी लिक्विड (500 मिली): ₹600 इफको ने जून 2021 में दुनिया का पहला नैनो तरल यूरिया लॉन्च किया था और अप्रैल 2023 में नैनो डीएपी को पेश किया। इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यू.एस. अवस्थी के अनुसार, इफको ने 2017 से अब तक लगभग ₹2,000 करोड़ का निवेश इन नवोन्मेषी उत्पादों के अनुसंधान, विकास और उत्पादन में किया है।
डॉ. अवस्थी ने कहा था, “हमें विश्वास है कि अगले 2–3 वर्षों में देश के किसान नैनो उर्वरकों को बड़े पैमाने पर अपनाएंगे, जिससे भारत की कृषि को एक नई दिशा मिलेगी।”