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हिंदी के विकास के लिए हमें हिंदी के मौलिक लेखन को बढ़ावा देना चाहिए—के पी शर्मा

दिल्‍ली बैंक नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति की 54वीं छमाही बैठक, दिनांक 23 जुलाई, 2021 शुक्रवार, को श्री बिनोद कुमार, अध्‍यक्ष-दिल्‍ली बैंक नराकास एवं अंचल प्रबंधक (दिल्‍ली),पंजाब नैशनल बैंक की अध्‍यक्षता में ऑनलाईन माध्यम से सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई।

बैठक में विशिष्‍ट अतिथि के रूप में श्री कुमार पाल शर्मा, उप निदेशक (कार्यान्वयन), भारत सरकार, गृह मंत्रालय, उत्तरी क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय-I (दिल्ली) तथा श्री राजेश श्रीवास्तव, उप निदेशक (राजभाषा एवं तकनीकी) राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय ने उपस्थित होकर बैठक को गौरवान्वित किया। बैठक में श्री शारदा कुमार होता, प्रबंध निदेशक, राष्ट्रीय आवास बैंक एवं श्री पी. आर. जयशंकर, प्रबंध निदेशक, आईआईएफसीएल एवं सुश्री एन मोहना, मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, नई दिल्ली के साथ-साथ दिल्ली बैंक नराकास के सदस्‍य बैंकों/वित्तीय संस्‍थानों के स्‍थानीय कार्यालय अध्यक्ष व राजभाषा प्रभारी भी वेबेक्स के माध्यम से जुड़े हुए थे।

बैठक में श्रीमती मनीषा शर्मा, सदस्‍य-सचिव, दिल्‍ली बैंक नराकास ने दिल्ली बैंक नराकास की गतिविधियों एवं नवोन्मेषी कार्यों से सभी को अवगत करवाया एवं राजभाषा के उत्थान के लिए सभी से निरंतर प्रयास करने हेतु अनुरोध किया। बैठक के दौरान दिल्ली बैंक नराकास की गृह पत्रिका “बैंक भारती” के 25वें अंक का विमोचन भी किया गया, जिसमें माननीय सचिव, डॉ. सुमित जैरथ राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के 12 ‘प्र’ की रणनीति एवं राजभाषा नियम आदि भी शामिल किए गए है।

बैठक के दौरान गृह पत्रिका ‘बैंक भारती’ का विमोचन करते हुए विशिष्ट अतिथि श्री के. पी. शर्मा, उप निदेशक (कार्यान्वयन), भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग तथा श्री राजेश श्रीवास्तव, उप निदेशक (राजभाषा एवं तकनीकी), श्री बिनोद कुमार, अध्‍यक्ष-दिल्‍ली बैंक नराकास एवं अंचल प्रबंधक (दिल्‍ली), पंजाब नैशनल बैंक, श्रीमती मनीषा शर्मा, सदस्‍य-सचिव, दिल्‍ली बैंक नराकास एवं अन्य अधिकारीगण)

इस अवसर पर श्री के. पी. शर्मा, उप निदेशक (कार्यान्वयन), भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग ने कहा कि हमें हिंदी के विकास के लिए हिंदी में मौलिक लेखन को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने दिल्ली बैंक नराकास द्वारा किए जा रहे नवोन्मेषी कार्यों की सराहना की।

श्री बिनोद कुमार, अध्‍यक्ष-दिल्‍ली बैंक नराकास एवं अंचल प्रबंधक (दिल्‍ली) ने कहा कि हमें अपनी भाषा बोलने एवं लिखने में संकोच नहीं गौरव महसूस करना चाहिए। यह हमारे विकास में बाधक नहीं बल्कि हमारे प्रगति में साधक है। उन्होंने सभी सदस्य कार्यालयों से अनुरोध किया कि राजभाषा हिंदी के उत्तरोत्तर  विकास के लिए हरसंभव प्रयास करें ताकि दिल्‍ली बैंक नराकास सर्वश्रेष्‍ठ नराकासों में अपना स्‍थान बनाए रखे।

बैठक के दौरान कंठस्थ पर ई- कार्यशाला का भी आयोजन किया गया, जिसमें श्री राजेश श्रीवास्तव, उप निदेशक, राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने सभी को स्मृति आधारित अनुवाद टूल ‘कंठस्थ’ के विविध पहलुओं से अवगत करवाया।

अंत में श्री बलदेव कुमार मल्होत्रा, मुख्य प्रबंधक, पंजाब नैशनल बैंक द्वारा दिए गए धन्‍यवाद ज्ञापन के साथ ही बैठक सम्पन्न हुई।

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