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देवभूमि उत्तराखंड के सपूत सुरेंद्र हालसी को कोरिया में मिला एशिया का सर्वश्रेष्ठ कर्मी सम्मान, देश-प्रदेश का बढ़ाया मान

Amar chand नई दिल्ली ।उत्तराखंड की पुण्यभूमि में जन्मे और दिल्ली प्रवास के दौरान भी अपने गांव और प्रदेश के प्रति समर्पित भावना के साथ कार्यरत सुरेंद्र हालसी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुआ है। कोरिया में आयोजित भव्य समारोह में उन्हें पूरे एशिया में “सर्वश्रेष्ठ कर्मी” के रूप में सम्मानित किया गया। यह उपलब्धि न केवल उनकी व्यक्तिगत मेहनत और लगन की पहचान है, बल्कि उत्तराखंड और भारत के लिए भी अत्यंत गौरवपूर्ण क्षण है।

मृदुभाषी, मिलनसार और कर्मठ स्वभाव के धनी सुरेंद्र हालसी को इससे पूर्व भी देश-प्रदेश में सामाजिक सेवा, सांस्कृतिक संरक्षण और प्रेरणादायक कार्यों के लिए अनेक मंचों पर सम्मानित किया जा चुका है। लेकिन कर्म क्षेत्र में मिला यह अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार उनके जीवन के समर्पण और संकल्प की पुष्टि करता है।

सम्मान प्राप्त करने के बाद सुरेंद्र हालसी ने कहा:”यह सम्मान केवल मेरा नहीं है, बल्कि उन सभी शुभचिंतकों, सहयोगियों और मार्गदर्शकों का है जिन्होंने मुझे निरंतर प्रेरणा दी। यह गौरव मेरी मातृभूमि उत्तराखंड, मेरे गांव, और उन मूल्यों को समर्पित है जिनसे मैंने जीवन जीने की प्रेरणा ली।”

सामाजिक जीवन में सक्रिय रहते हुए सुरेंद्र हालसी न केवल उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं को संजोने में जुटे हैं, बल्कि दिल्ली जैसे महानगर में रहकर भी अपनी जड़ों से गहराई से जुड़े हैं। विगत कई वर्षों से वे ‘बेतालघाट महोत्सव’ का आयोजन करते आ रहे हैं, जिसके माध्यम से प्रदेश के युवाओं और प्रवासी समुदाय को अपनी समृद्ध लोकसंस्कृति, पारंपरिक कलाओं और सांस्कृतिक मूल्यों से जुड़ने का मंच मिला है। यह महोत्सव उत्तराखंड की सांस्कृतिक चेतना को संजोने का एक जीवंत प्रयास बन चुका है।

उनकी यह अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों के लिए न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि प्रवास में रहकर भी कोई व्यक्ति अपने कर्म, समर्पण और संस्कृति से देश और प्रदेश का नाम विश्व मंच पर रोशन कर सकता है।

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