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कोयला खनिक राष्ट्र के असली ऊर्जा योद्धा हैं: — श्री जी. किशन रेड्डी

छत्तीसगढ़, गेवरा: केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आज साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की गेवरा कोयला खदान का दौरा किया, जो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कोयला खदान के रूप में जानी जाती है। यह दौरा भारत की ऊर्जा जरूरतों में लगे फ्रंटलाइन योद्धाओं—कोयला खनिकों—के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

 

गेवरा पहुंचने पर मंत्री श्री रेड्डी को सीआईएसएफ के जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। एसईसीएल अधिकारियों द्वारा खदान के विकास और उपलब्धियों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई। मंत्री ने महिला श्रमिकों सहित कोयला खनिकों को सम्मानित किया, जिन्होंने दिन-रात कोयला उत्पादन सुनिश्चित कर भारत की ऊर्जा सुरक्षा को सशक्त बनाया।

मंत्री खदान के मध्य क्षेत्र तक पहुंचे और बड़े पैमाने पर चल रहे खनन कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने 42-क्यूबिक-मीटर शॉवल और 240-टन डम्पर जैसे विशाल उपकरणों को देखा—जो विश्व की सबसे बड़ी हेवी अर्थ मूविंग मशीनों में से हैं। इसके साथ ही उन्होंने ब्लास्ट-फ्री सरफेस माइनर तकनीक और फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (FMC) पहल के तहत विकसित साइलो का भी निरीक्षण किया।

 

श्री रेड्डी ने मशीन ऑपरेटरों से केबिन में जाकर बातचीत की, उनका उत्साह बढ़ाया और उनके योगदान को सराहा। एक भावनात्मक क्षण तब आया जब उन्होंने कैंटीन में श्रमिकों के साथ बैठकर दोपहर का भोजन किया और उनके साथ सेल्फी ली।

 

मंत्री श्री रेड्डी ने ग्रीन इनिशिएटिव के तहत मियावाकी प्लांटेशन साइट का भी दौरा किया, जहां जापानी पद्धति से पौधारोपण किया जा रहा है। उन्होंने नवनिर्मित कल्याण मंडप का उद्घाटन भी किया—जो कर्मचारियों के कार्यक्रमों और समुदायिक आयोजनों के लिए समर्पित है।

 

अपने संबोधन में मंत्री ने कहा,

 

> “भारत का 70% से अधिक बिजली उत्पादन कोयले पर आधारित है। भोजन के लिए इंतज़ार किया जा सकता है, लेकिन बिजली के लिए नहीं। यह हमारे कोयला खनिक ही हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि राष्ट्र सदा रोशन और ऊर्जावान बना रहे।”

 

 

इस दौरान कोल इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन श्री पी.एम. प्रसाद, कोयला मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री बी.पी. पति, एसईसीएल के सीएमडी श्री हरीश दुहान सहित मंत्रालय और कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। इस दौरे ने सरकार की परिचालन कुशलता, पर्यावरणीय जिम्मेदारी और श्रमिक कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूत किया।

 

भारत के कोयला खनिक—देश के सच्चे ऊर्जा योद्धा हैं।

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