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जल जीवन मिशन का मुख्य उद्देश्य हर घर शुद्ध जल पहुंचाना

दिल्ली।जल जीवन मिशन के अंतर्गत स्वच्छ जल से सुरक्षा (एसजेएसएस) अभियान की प्रगति रिपोर्ट केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जारी की, जिसका आयोजन 2 अक्टूबर, 2022 से 31 मार्च, 2023 तक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को पानी की गुणवत्ता की निगरानी और निरीक्षण गतिविधियों की शुरुआत करने की दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए प्रभावित करने के लिए किया गया, क्योंकि जल जीवन मिशन के अंतर्गत ‘सुरक्षित पानी की आपूर्ति’ प्रमुख विचारों में से एक है। इस अभियान के अंतर्गत कई गतिविधियों की शुरुआत की गई जिनमें रासायनिक मापदंडों और जीवाणुतत्व संबंधी मापदंडों (मानसून के बाद) का पता लगाने के लिए सभी गांवों में पीडब्ल्यूएस स्रोतों का परीक्षण; गांवों में घरेलू स्तर पर पानी की गुणवत्ता का परीक्षण; स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केंद्रों में पानी की गुणवत्ता का परीक्षण; दूषित नमूनों के लिए किए गए उपचारात्मक कार्य; ग्रामीण स्तर पर एफटीके/एच2एस शीशियों का उपयोग करके जल गुणवत्ता परीक्षण करने के लिए महिलाओं का प्रशिक्षण आदि शामिल है।

 

इस अभियान के दौरान जल गुणवत्ता प्रबंधन सूचना प्रणाली और निरीक्षण करने के लिए राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किए गए ठोस प्रयासों और डब्ल्यूक्यूएमआईएस पोर्टल पर रिपोर्ट की गई प्रगति के आधार पर, गतिविधिवार प्राप्त की गई समग्र प्रगति निम्नलिखित है:

 

रासायनिक मापदंडों के लिए 5.39 लाख (89.69%) गांवों में जीवाणु संबंधी मापदंडों (मानसून के बाद) के लिए 4.47 लाख (74.46%) गांवों में जल गुणवत्ता परीक्षण किया गया।

6.58 लाख (67.63%) स्कूलों और 7.16 लाख (67.43%) आंगनवाड़ी केंद्रों में पीने के पानी के नमूनों का परीक्षण किया गया।

फील्ड टेस्टिंग किट (एफटीके) का उपयोग करके जल गुणवत्ता परीक्षण करने के लिए 4.59 लाख (76.41%) गांवों की 21.80 लाख महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया।

रिपोर्ट किए गए 90.34% दूषित नमूने के लिए उपचारात्मक कार्रवाई की गई है।

अभियान के दौरान राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों क्षेत्रों के प्रदर्शन का भी आंकलन किया गया, जिसमें तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और मध्य प्रदेश राज्य सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों के रूप में उभरकर सामने आए।

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन (जेजेएम) की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नियमित और दीर्घकालिक आधार पर निर्धारित गुणवत्ता के साथ पर्याप्त मात्रा में पेयजल की आपूर्ति करना है। सुनिश्चित और सुरक्षित पेयजल प्राप्त करना जीवन की एक बुनियादी आवश्यकता है। अभियान का उद्देश्य पेयजल की गुणवत्ता सुनिश्चित करना, पंचायती राज संस्थानों और ग्रामीण समुदायों के प्रतिनिधियों के बीच उनसे संबंधित गांवों में पेयजल की गुणवत्ता, पानी की गुणवत्ता के मुद्दों, जल जनित बीमारियों, दूषित पेयजल के स्वास्थ्य प्रभावों और गुणवत्ता की कमी वाले स्रोतों के पानी का उपयोग करने से बचने के बारे में जागरूकता उत्पन्न करना है।

 

इस अभियान का वांछित परिणाम जल गुणवत्ता परीक्षण के लिए ग्राम, जिला एवं राज्य स्तर पर व्यापक भागीदारी, विश्वास उत्पन्न करना और पाइप से पानी की आपूर्ति करके प्रदान किए जा रहे पानी की गुणवत्ता के बारे में लोगों के बीच जागरूकता उत्पन्न करना है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पीएचईडी/आरडब्ल्यूएस विभाग ने नोडल विभाग के रूप में जल गुणवत्ता निगरानी और निरीक्षण एवं जागरूकता गतिविधियों के लिए सभी हितधारकों अर्थात ग्राम पंचायत और/या इसकी उप-समितियों/स्थानीय समुदाय को सक्रिय रूप से शामिल करते हुए अपने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में स्वच्छ जल से सुरक्षा अभियान लागू किया है। जल गुणवत्ता प्रबंधन सूचना प्रणाली

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