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ओबीसी को सबल और सशक्त बनने का मौका मिला:

ओबीसी को सबल और सशक्त बनने का मौका मिला: अहीर

 

सुनील सौरभ नई दिल्ली। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री हंसराज गंगाराम अहीर द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन आज न्यू महाराष्ट्रा सदन नई दिल्ली में किया गया। अध्यक्ष ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए तथा पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि देश के पिछडे़ वर्ग को न्याय देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी तथा उनकी सरकार ने जो निर्णय लिये तथा न्याय दिया है, उसके पूर्व सत्ता पक्ष के लोगों ने इस पर कभी विचार भी नहीं किया था। देश के पिछड़े वर्गों में योग्यता, कुशलता, कारीगीरी, मेहनती लोगों की कोई कमी नहीं है। इस वर्ग कि अधिकांश जातियां कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं। जिसमें मजदूर भी हैं और कुशल कारीगर भी, वे अपने व्यवसाय से समाज सेवा के साथ मेहनत से समाज की जरूरतें पूरी करने वाला यह वर्ग जिन्हें आर्थिक और शिक्षा के क्षेत्र में विकास से वंचित रखा गया था, उन्हें प्रधानमंत्री मोदी जी ने न्याय दिलाया, जिसमें 50 प्रतिशत से अधिक पिछड़ा वर्ग है। भारत रत्न बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर जी के विचार एवं संविधान के अनुसार सामाजिक विषमता दूर करने हेतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मूल मंत्र ’’सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’’ सचमुच में साकार हो रहा है। मोदी सरकार के नौ साल के दौरान ओबीसी को सबल और सशक्त बनने का मौका मिला है। उन्होंने कहा, वर्षो से यानी 1993 से राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की स्थापना होने के बाद पहली बार इस राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार ने वर्ष 2018 में संवैधानिक दर्जा देते हुए इस आयोग की गरिमा बढ़ाई तथा पिछड़ों के हित में प्रभावी तरीके से आयोग को कार्य करने का अवसर दिया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने केन्द्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय में ओबीसी के छात्र/छात्राओं को प्रवेश में 27 प्रतिशत आरक्षण देने का काम किया है। देश के इतिहास में पहली बार मोदी सरकार ने बेटी और बेटे को समान अवसर प्रदान करने हेतु बेटियों को सैनिक स्कूल में दाखिला देना शुरू किया है। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 2014-15 की तुलना में 2020-21 में ओबीसी छात्रों के नामांकन में 32.6 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। ओबीसी छात्राओं के मामले में 2014-15 की तुलना में 2020-21 में 40.4 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के मामले में, 2014-15 की तुलना में 2020-21 में ओबीसी छात्रों के नामांकन में 71 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ओबीसी छात्राओं का नामांकन 2014-15 से दोगुना से अधिक हो गया है।वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 1,94,810 लाभार्थियों के लिए 678.05 करोड़ रुपये की वार्षिक कार्य योजना को मंजूरी प्रदान की गई है। मोदी सरकार के दौरान बड़े पैमाने पर ओबीसी को पेट्रोल पम्प और गैस एजेन्सी बड़े पैमाने पर के आबंटन हुआ है।आई.आई.टी. में ओबीसी श्रेणी के उन छात्रों की ट्यूशन फीस पूरी माफ होती है जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 1.00 रुपये से कम है। इसके अलावा मोदी सरकार ने अपने मंत्रिमंडल में पिछड़ी जाति के 27 मंत्री लगभग 35 प्रतिशत से अधिक शामिल करते हुए पिछड़़े वर्ग को न्याय और सम्मान दिया।

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