उत्तरैणी मकरैणी महोत्सव मे देखने को मिलेगी उत्तराखंड की झलक- कुलदीप भंडारी
हमारे देश व देवभूमि उत्तराखंड में समय-समय पर अनेक त्यौहार मनाये जाते हैं । इसलिए भारत को त्योहारों का देश कहना गलत नहीं होगा। कई त्योहारों का संबंध ऋतुओं से भी होता है। ऐसा ही हमारा एक पर्व है मकर संक्रान्ति।
मकर संक्रान्ति पूरे भारत में अलग-अलग रूपों में मनाई जाती है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, तब इस त्यौहार को मनाया जाता है। दरअसल, सूर्य की एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने की प्रक्रिया को संक्रान्ति कहते हैं। सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, इसलिए इसे मकर संक्रान्ति कहा जाता है। यह इकलौता ऐसा त्यौहार है, जो हर साल एक ही तारीख़ पर आता है।संक्रान्ति के दिन से सूर्य की उत्तरायण गति शुरू हो जाती है। इसलिये इसको उत्तरायणी भी कहते हैं। देवभूमि उत्तराखंड का यह महापर्व उत्तरैणी मकरैणी के नाम से बडे धूमधाम से मनाई जाती है, उत्तराखंड के लोग प्रवास मे रहकर भी अपनी संस्कृति से जुडे रहते है, आज से विनोद नगर के मंडावली मैट्रो स्टेशन के पास रास विहार डी डी ए पार्क मे 5दिवसीय उत्तरैणी मकरैणी महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है, आयोजन के संयोजक सामज सेवी जन प्रिय समाज हितैषी कुलदीप भंडारी ने बताया कि उत्तरैणी मकरैणी महोत्सव के अवसर देवभूमि की संस्कृति की झलक के साथ हमारे रितिवाज व लोक संस्कृति आप को यहा देखने को मिलेगी। श्री भंडारी बताया की इस महोत्सव मे उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध लोक कालाकारों द्बारा लोकगीतो व लोकनृत्य भी देखने को मिलेगा,
उन्होंने कहा कि उत्तरैणी मंकरैणी महोत्सव के पहले दिन लोग गायिका करिश्मा शाह व रोहन भारद्धाज के गीत पर लोग खूब झुमे, इस मौके पर पटपड़गंज जिला काग्रेंस कमेटी के पूर्व जिला अध्यक्ष लक्ष्मण रावत कार्यक्रम के संयोजक कुलदीप भंडारी सहित हजारों लोग मौजूद रहे, आज दूसरे दिन स्वर कोकिला मीना राणा एव तीसरे दिन सुप्रसिद्ध लोग गायक मुकेश कठैत, चौथे, पांचवें दिन लोकगायक प्रकाश काला व अन्य सुप्रसिद्ध लोग कलाकारों द्धारा लोग गीतो की प्रस्तुतियां की जायेगी। श्री भंडारी ने कहा की उत्तरैणी मकरैणी के इस महोत्सव मे उत्तराखंड के खान पान, उत्तराखंड के वेषभूषा व रितिवाज के साथ पुरा उत्तराखंड एक जगह देखने को मिलेगा। उन्होंने दिल्ली प्रवास मे रह रहे सभी उत्तराखंड वासियो से अपील की आप अपने परिवार सहित इस महोत्सव मे जरुर पहुंचे, और अपनी संस्कृति व रीती रिवाज को जन जन तक पहुंचाने मे हमारा सहयोग करे।