दिल्लीराज्यराष्ट्रीय

प्रजातंत्र के सच्चे प्रहरी पत्रकारो की बदहाली की कथा

दिल्ली।प्रजातंत्र के सच्चे प्रहरी पत्रकारो की बदहाली की कथा मै किसे सुनाओ – खबरी लाल ।ताऊ – सुनो सुनो देश वासियो सुनो । समाजसेवी सुनो . किसान मजदूर सुनो देश के कर्णधारो सुनो ‘ कार्यपालिका ‘ विधायिका व न्याय पालिका के मेमवरानो सुनो । देश आज 72 वे स्वतंत्रता दिवस आज पुनीत पावन – दिवस है कुछ दिने पहले साल की अलविदा नुतन बर्ष 2021की के स्वागत की थी आप सबों ने । हम सभी अपने व अपने परिजन ‘ बन्धु – वान्धवो मे शुभ कामनाएकामनाएँ व बधाई संदेश देने मे व्यस्त रहे । माह जनबरी की 26 जनवरी की इस शुभ घडी मे देश के समस्त पत्रकार भाइयों को अनंतमय शुभकामनाएं!
खबरी लाल – ताऊ आप व समस्त देश वासियो को त्योहार के मौसम मे हमारी व प्रजातंत्र के प्रहरी  व प्राण पत्रकार वन्धुओ की तरफ हार्दिक शुभ मंगल कामनाएँ ।ताऊ – हॉ खबरी लाल पत्रकार तो प्रजातंत्र के प्रहरी होते है। इनका सम्मान तो प्रत्येक देश प्रेमी को करना चाहिए । खबरी लाल – ताऊ आप ने सही बात कही । इस वर्ष कोरोना संक्रमण का दौर चल रहा है। हर क्षेत्र में बड़े- बदलाव हुए हैं, कोरोना काल के दंश से कई हमारे पत्रकार मित्र काल के गाल मे समा गये । पत्रकारो की बदहाली व्यथा की मै किसे कहुँ . अपनी कारुणिक कथा किसे सुनाऊ ।
ताऊ – खबरी लाल इसका हमे भी दुःख है । हम प्रजातंत्र के प्राण व प्रहरी कलम के सिपाई को भाव भीनी अश्रुपूर्ण श्रद्धाजंली अर्पित करते है।खबरी लाल – भले ही हम आज प्रजातंत्र के चौथे स्तम्भ के रूप मे अपनी पहचान बना – ली है लेकिन कॉरपेट जगत के काले  सम्राज्य व सरकार के वेरुखी का शिकार है।खबरी लाल – भारतीय पत्रकारिता मे बदलाव के कई बुरे दौर गुज रहा है ऐसे मे पब्लिक रिलेक्सअथार्त पी आर कम्पनी का भी बहुत बडा योगदान है जो कि प्रजातंत्र व देश हित के लिए हानिकारक सिद्ध हो रहा है। पी आर आज पत्रकारिता जगत व पत्रकार के लिए ना ईलाज केंसर बन गया है।आज स्थिति तो यह है कि झूठे-झूठे बड़े खबरें प्रेस विज्ञप्ति के नाम से भेजे जाते हैं। सुचना के श्रोत व समाचारो की संपुष्टि  तक नही होती है।
दिल्ली व एन सी आर जैसे चकाचौंध शहर में पत्रकारिता का मिज़ाज कुछ अलग ढंग का है। खबरों के लिए अखबारों में इतनी जगह दे दी गई है कि पत्रकार बेचारा बन कर रह गया है।
पत्रकार की व्यथा की कथा पर कुछ संभ्रात वर्ग की दबी हुई जुवान से काना पुसी कर रह जाते है । लेकिन स्वयं अपने आप को सामर्थवान बुद्धिजीवी कहने वाले बडे मीडिया घरवाने के सिर मोर्य समझते है वे इस प्रकार किसी भी तरह चर्चा तो दुर दबी जुवान से अपनी नाक – भौह सिकुडते है । इसी मे अपनी पहचान का पतका पहराते है हम तो बडे मीडिया घरवाने ‘ बडे बैनर के ‘ सर्व श्रेष्ट चैनल न० 1 मे कार्य करते है ।
तभी किसी ने सच कहा है पत्रकारो एक जगह एकत्रित करना दुनिया मे सबसे कडी काम है। ठीक उसी तरह जहाँ बहुत सारे मेढक को किसी तराजु पे रख कर तोलना होता है।
आज प्रजातंत्र के प्रहरी पर आये दिनो जान लेवा हमला ना केवल चिन्ता का विषय है । जो सभी की सुध -खोज खबर लेता है। प्रजातंत्र के प्रहरी व रक्षक पर ही समाज के सिर फिरे के द्वारा हमले की ना केवल निंदा होनी चाहिए ब्लकि सरकार को संसद में पत्रकार सुरक्षा पर विधयेक ला कर कानुन पास करवाये । पत्रकारो की प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करें।
ताकि लोक तंत्र के चौथे स्तम्भ पर कार्यपालिका ‘ विधायिका व न्यायपालिका के रंग कन्धे कन्धे से मिला कर अपनी निष्टा पूर्ण कर्तव्य का पालन र्निभय पूर्ण वातावरण मे सके ।
अंत मे खबरी लाल की तिरक्षी नजर से तीखी खबर आप सबो को पुरे साल मे भी पढने को मिले . 72 वें गनतंत्र दिवस के पावन पुनीत अवसर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के वीर सुपतो को विन्रम श्रद्धांजली व सलाम । पत्रकार बन्धु व प्रजातंत्र के सच्चे पहरी को प्रणाम . समस्त देश बासियों को हार्दिक शुभ कामनाएँ का पैगाम ।
“ना काहुँ से दोस्ती , ना काहुँ से बैर । खबरी लाल तो मांगे सब की खैर ”
जय हिन्द . जय भारत ।
बन्दे भारतम –

विनोद तकिया वाला
स्वतंत्र पत्रकार ‘ स्तम्भकार

Share This Post:-

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *