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उत्तराखण्ड के विकास में मील का पत्थर साबित होगा प्रधानमंत्री का केदारनाथ दौरा——पुष्कर सिंह धामी

देहरादून।देवभूमि उत्तराखंड जहां देवताओं का वास तो है ही उसके साथ-साथ प्रकृति ने यह कम कम में अपना सौंदर्य चारों तरफ बिखेरा हुआ है।वहीं देवभूमि उत्तराखंड में केदारनाथ पुनर्निर्माण का कार्य प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हो रहा है,मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया। जिसके फलस्वरूप आज केदारनाथ का भव्य और दिव्य प्रांगण पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बनाया हुआ है, एवं बद्रीनाथ के मास्टर प्लान पर कार्य चल रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी का केदारनाथ एवं बद्रीनाथ का यह दौरा उत्तराखण्ड के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। इन जगहों पर शुरू हो रही कनेक्टिविटी परियोजनायें धार्मिक महत्व के स्थानों तक पहुंच को आसान बनाने और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। ये परियोजनाएं इस क्षेत्र में संपर्क और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देंगी। केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य एवं बद्रीनाथ मास्टर प्लान कार्य श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत रात-दिन कार्य प्रगति पर है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी दिनांक 21 अक्टूबर 2022 को उत्तराखंड का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सुबह करीब 08ः30 बजे श्री केदारनाथ मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे। इसके पश्चात् प्रधानमंत्री सुबह करीब नौ बजे केदारनाथ रोपवे परियोजना की आधारशिला रखेंगे। इसके बाद वह आदिगुरु शंकराचार्य के समाधि स्थल के दर्शन करेंगे। सुबह करीब 09ः25 बजे प्रधानमंत्री मंदाकिनी आस्था पथ और सरस्वती आस्था पथ के साथ-साथ वहां चल रहे विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे।
इसके बाद, प्रधानमंत्री बद्रीनाथ पहुंचेंगे, जहां करीब 11ः30 बजे वह श्री बद्रीनाथ मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे। दोपहर 12 बजे वह रिवरफ्रंट के विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे। दोपहर 12रू30 बजे माणा गांव में सड़क और रोपवे परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इसके बाद दोपहर करीब 2 बजे वह अराइवल (आगमन) प्लाजा और झीलों के विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इस दौरान राज्यपाल से.नि.ले.ज. गुरमीत सिंह एवं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित रहेंगे।
केदारनाथ रोपवे लगभग 9.7 किलोमीटर लंबा होगा। यह गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगा, जिससे दोनों स्थानों के बीच यात्रा का समय वर्तमान में 6-7 घंटे से कम होकर लगभग 30 मिनट का रह जाएगा। हेमकुंड रोपवे गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ेगा। यह लगभग 12.4 किलोमीटर लंबा होगा और यात्रा समय को एक दिन से कम करके केवल 45 मिनट तक सीमित कर देगा। यह रोपवे घांघरिया को भी जोड़ेगा, जो फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार है। यह परिवहन का एक पर्यावरण अनुकूल साधन होगा, जो आवागमन को सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करेगा। इस अहम बुनियादी ढांचे का विकास धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, जिससे क्षेत्र में आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी और साथ ही साथ रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे।
इस यात्रा के दौरान करीब 1000 करोड़ रुपये की सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया जाएगा। दो सड़क चौड़ीकरण परियोजनाएं – माणा से माणा पास (एनएच – 07) और जोशीमठ से मलारी (एनएच107बी) तक – हमारे सीमावर्ती क्षेत्रों में हर मौसम में सड़क संपर्क प्रदान करने की दिशा में एक और कदम साबित होंगी। कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के अलावा, ये परियोजनाएं रणनीतिक दृष्टि से भी फायदेमंद साबित होंगी। प्रधानमंत्री जी 3400 करोड़ रुपये से अधिक की कनेक्टिविटी परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे।

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