दिल्ली-NCR में उत्तराखंडी भाषा कार्यशालाओं का शुभारंभ, नई पीढ़ी को जोड़ा जा रहा हैअपनी बोली भाषा से
Amar sandesh दिल्ली-एनसीआर में उत्तराखंड की लोकभाषाओं—गढ़वाली, कुमाऊँनी और जौनसारी—को नई पीढ़ी से जोड़ने की पहल एक बार फिर गर्मियों की छुट्टियों में रंग ला रही है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी विभिन्न क्षेत्रों में उत्तराखंडी समाज के प्रयासों से बच्चों को अपनी जड़ों से जोड़ने हेतु बोली-भाषा की कार्यशालाएं आरंभ की गई हैं।
हाल ही में ग्रेट मिशन पब्लिक स्कूल, पश्चिमी विनोद नगर में इस पहल की औपचारिक शुरुआत वरिष्ठ समाजसेवी व ध्रुव फाउडेशन के संस्थापक सुरेंद्र हालसी एवं कार्यशाला समन्वयक दयाल सिंह नेगी द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गई। इस शुभ अवसर पर सामाजिक संगठन “मेरे पहाड़” के अध्यक्ष कुंदन भैसोड़ा, स्कूल के संस्थापक अमन जोशी तथा समाजसेवी सुरेश बिनोली, संजय रावत समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
ग्रेट मिशन पब्लिक स्कूल, जो सदैव समाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अग्रणी रहता है, इस कार्यशाला के संचालन के लिए पूरा सहयोग दिया है। कार्यशाला प्रमुख बहादुर सिंह नेगी के नेतृत्व में पिछले सप्ताह से यह प्रशिक्षण विधिवत रूप से आरंभ हो चुका है।
इन कक्षाओं में बच्चों को उत्तराखंडी भाषाओं के उच्चारण, लेखन, मौखिक संवाद, लोकगीत एवं सांस्कृतिक कहानियों के माध्यम से उनकी समृद्ध विरासत से परिचित कराया जा रहा है।
कार्यशाला में शिक्षा देने वाले प्रमुख शिक्षकों में शामिल हैं: महावीर सिंह बिष्ट, सुरेंद्र सिंह बिष्ट, नवीन भट्ट,गोविंद राम पोखरियाल,श्रीमती संगीता सुयाल, गणेश जी, सुरेश जोशी् यह पहल न केवल भाषा संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह भावी पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक पहचान से जोड़ने का एक प्रभावी माध्यम भी है।
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