दिल्ली

पर्यावरण सरंक्षण की दिशा में भारतीय रेल का हरित संकल्प

विश्व पर्यावरण दिवस पर व्यापक अभियान, प्लास्टिक मुक्त भविष्य की ओर कदम

Amar sandesh नई दिल्लीः पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सशक्त पहल करते हुए भारतीय रेल ने विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के उपलक्ष्य में 22 मई से 5 जून तक देशभर में विशेष जागरूकता अभियान चलाया। “प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करें” थीम पर आधारित इस पंद्रह दिवसीय अभियान में देशभर के 1200 से अधिक स्टेशनों और 740 कार्यशालाओं में जन-जागरूकता गतिविधियाँ आयोजित की गईं। रेलवे अधिकारियों, कर्मचारियों, यात्रियों और आम नागरिकों की भागीदारी से यह अभियान पर्यावरणीय जिम्मेदारी की मिसाल बनकर उभरा। लगभग 150 टन प्लास्टिक कचरे के सुरक्षित निपटान के साथ ही रेलवे ने स्वच्छता, ऊर्जा संरक्षण, जल बचत और टिकाऊ प्रौद्योगिकियों के माध्यम से हरित भविष्य की दिशा में ठोस कदम उठाए। 

जन-जागरूकता की विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गईं। इस अभियान में रेलवे कर्मचारियों, यात्रियों, आम नागरिकों और अन्य साझेदारों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रमों की श्रृंखला में प्लास्टिक कचरे का आकलन, कचरे को अलग-अलग प्रकारों में छाँटना, प्लास्टिक बोतल क्रशिंग मशीनों की स्थिति की समीक्षा, स्वच्छता एवं जल संरक्षण के प्रयास, तथा प्लास्टिक उपयोग में कमी हेतु जागरूकता प्रसार जैसे कदम शामिल थे।

5 जून को पर्यावरण संरक्षण को लेकर संकल्प दिलाया गया, जिसमें प्लास्टिक उपयोग में बदलाव, स्वच्छता और ऊर्जा बचत जैसे विषयों पर ज़ोर दिया गया। रेलवे बोर्ड में यह संकल्प सदस्य (ट्रैक्शन एवं रोलिंग स्टॉक) द्वारा दिलाया गया, जिसमें अन्य बोर्ड सदस्य और ज़ोनल रेलवे के महाप्रबंधक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। इस अवसर पर रेलवे की वार्षिक पर्यावरण सततता रिपोर्ट भी जारी की गई। पूरे अभियान में लगभग 150 टन प्लास्टिक कचरे का सुरक्षित निपटान किया गया, 1230 से अधिक स्टेशनों पर पोस्टर व डिजिटल माध्यमों से जागरूकता फैलाई गई, 740 से अधिक कार्यशालाएं आयोजित की गईं, 1200 स्टेशनों पर स्वच्छता अभियान चलाया गया, 180 से अधिक प्लास्टिक बोतल क्रशिंग मशीनों की कार्यप्रणाली की समीक्षा की गई और 230 नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से स्थानीय स्तर पर जन-जागरूकता को बल मिला।

भारतीय रेल पर्यावरणीय स्थायित्व को लेकर निरंतर प्रतिबद्ध है। वर्ष 2025-26 के लिए 750 करोड़ रुपये की एक समग्र योजना को स्वीकृति दी गई है जो पर्यावरण से जुड़ी गतिविधियों को समर्पित है। अब तक 98% ब्रॉड गेज मार्गों का विद्युतीकरण किया जा चुका है। 3512 स्टेशनों एवं सेवा भवनों पर सौर रूफटॉप की स्थापना के माध्यम से लगभग 227 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता सृजित की गई है। सभी रेलवे स्टेशनों, कार्यालयों और आवासीय परिसरों में 100% एलईडी लाइट्स की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त, हाइड्रोजन ईंधन आधारित ट्रेनों के विकास, 2014 से अब तक 9.7 करोड़ पौधारोपण, और यात्री कोचों में 100% बायो-टॉयलेट्स की स्थापना जैसे कदमों के ज़रिए रेलवे ने पर्यावरण की दिशा में ठोस पहल की है।

भारतीय रेल अपनी पर्यावरणीय जिम्मेदारी को समाहित करते हुए, भविष्य में भी एक हरित और स्वच्छ परिवहन प्रणाली के निर्माण हेतु कृतसंकल्पित है।

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