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भारतीय दलित साहित्य अकादमी ज़िला कोटद्वार के तत्त्वाधान मे डॉ. एस पी सुमनाक्षर जी का 83 वां जन्मदिन धूमधाम मनाया गया

कोटद्वार। भारतीय दलित साहित्य अकादमी ज़िला कोटद्वार के तत्त्वाधान में अकादमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एस पी सुमनाक्षर जी का 83 वां जन्मदिन नजीबाबाद रोड कोटद्वार के एक वेडिंग पॉइंट में धूमधाम से मनाया गया, सभा की अध्यक्षता अकादमी के जिलाध्यक्ष , समाजसेवी श्री सुरेन्द्र लाल आर्य व संचालन श्री शूरबीर खेतवाल ने किया ।

अकादमी के पौड़ी जिलाध्यक्ष मुख्य अतिथि श्री हीरा लाल टमटा ने कहा कि डॉ. सुमनाक्षार सरलता,सादगी, सहजता व बहुआयामी प्रतिभा के धनी हैं।
उन्होंने पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम के साथ मिलकर 1984 में भारतीय दलित साहित्य साहित्य अकादमी की स्थापना की थी, जो अब अंतरास्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रही है ।जिसका मुख्यालय दिल्ली में स्थापित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समाजसेवी श्री सुरेन्द्र लाल आर्य ने कहा कि डॉ. सुमनाक्षर जी ने दलित साहित्य को उकेर कर विश्वपटल पर रख दिया है व संविधान निर्माता भारतरत्न डॉ. अम्बेडकर के विचारों का प्रवाह जन जन तक कर रहे हैं ।
वे प्रतिवर्ष दिल्ली में अंतरास्ट्रीय दलित साहित्यकार सम्मेलन आयोजित कर 10 लोगों को ” डॉ अंबेडकर सम्मान ” से सम्मानित करते हैं, जिनमे मैं भी शामिल हूँ ।तथा अनेकों सम्मान प्रदान करते है। उन्होंने समाज मे समता, सम्मान, स्वाभिमान व बंधुत्व स्थापित करने के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया है , उन्होंने अभी तक सैकड़ों पुस्तके लिखकर समाज को समर्पित की हैं।
सभा को वरिष्ठ साहित्यकार वयोवृद्ध श्री चक्रधर शर्मा, श्रीमती मीना बछवांन, शैल्शिल्पी विकास सगठन के अध्यक्ष श्री शिवकुमार,श्री यशपाल, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष दुगड्डा सुश्री बिमला आर्य, पूर्व ग्राम प्रधान श्री अनिल कुमार, विनीता भारती, विकास आर्य, श्री मनवर सिंह आर्य, पूर्व डी एफ ओ श्री धिरजधर बछुवान आदि मौजूद थे । अमर संदेश को यह जानकारी दिल्ली शिल्पकार चेतना मंच के पूर्व अध्यक्ष जोगाराम जी के द्वारा दी गई।

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