दिल्लीराज्यराष्ट्रीय

बायोमास को जैव ईंधन में बदलने के लिए केन्‍द्र सरकार बड़े स्तर पर निवेश कर रही है :नरेन्द्र मोदी

नई दिल्ली में विश्व जैव ईंधन दिवस 2018 मनाया गया। इस अवसर प्रधानंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों, वैज्ञानिकों, उद्यमियों, छात्रों और सरकारी अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों की एक सभा को संबोधित किया। श्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि जैव ईंधन से 21 वीं सदी में भारत को एक नयी गति मिल सकती है। उन्‍होंने कहा कि‍ फसलों से बनाया जाने वाला जैव ईंधन गांवों और शहरों दोंनों स्‍थानों में रहने वाले लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जैव ईंधन से एथनॉल बनाने की पहल अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान हुयी थी। एथनॉल ब्‍लेंडिंग कार्यक्रम की रूप रेखा वर्ष 2014 के बाद तैयार की गयी। इस पहल से न केवल किसानों को फायदा हुआ बल्कि इससे बीते साल 4 हजार करोड़ रूपए की विदेशी मुद्रा की भी बचत हुयी। अगले चार वर्षों में इसे 12 हजार करेाड़ रूपए तक पहुंचाने का लक्ष्‍य रखा गया है।

इस मौके पर केन्द्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी, उपभोक्ता मामले, खाद्य और जनवितरण मंत्री रामविलास पासवान, केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन डॉ. हर्षवर्द्धन, केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान भी उपस्थित थे।

इस मौके पर श्री प्रधान ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि विश्व जैव ईंधन दिवस 2015 से मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य जीवाष्म ईंधन के विकल्प के रूप में गैर-जीवाष्म ईंधनों के इस्‍तेमाल के प्रति लोगों को जागरूक बनाना है। साथ ही इसके जरिए सरकार द्वारा जैव ईंधन के क्षेत्र में किए गए प्रयासों पर भी प्रकाश डालना है। उन्होंने कहा कि जैव ईंधन दिवस किसानों की आमदनी बढ़ाने और पर्यावरण की सेहत सुधारने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराता है। श्री प्रधान ने कहा कि एथनॉल मिश्रण को गति देने के लिए एथनॉल की आपूर्ति सुधारने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इन प्रयासों के कारण 2013-14 में हुई 38 करोड़ लीटर एथनॉल की आपूर्ति मौजूदा सीजन में बढ़कर 141 करोड़ लीटर तक पहुंच गई है। पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि सरकार ने नई राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 अधिसूचित कर दी है, जिसके तहत 2030 तक 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा गया है। नई नीति में एथनॉल के लिए कच्चे माल की उपलब्धता का दायरा और व्यापक बना दिया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि बायोमास को जैव ईंधन में बदलने के लिए केन्‍द्र सरकार बड़े स्तर पर निवेश कर रही है। देशभर में 12 आधुनिक रिफाइनरी बनाने की योजना है। इससे बड़ी संख्‍या में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि आज जनधन,वनधन और गोबरधन जैसी योजनायों से गरीबों, किसानों,आदिवासियों के जीवन में व्यापक बदलाव के लाने में मदद मिल रही है। उन्‍होंने कहा कि जैव ईंधन की बड़े बदलाव लाने की क्षमता का सदुपयोग इसमें छात्रों, शिक्षकों, वैज्ञानिकों, उद्यमियों और आम जन की भागीदारी से ही संभव है। उन्‍होंने उपस्थित लोगों से जैव ईंधन के फायदे ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने में मदद करने की अपील की।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर “राष्‍ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018” की पुस्तिका का विमोचन किया। साथ ही उन्‍होंने पर्यावरण मंत्रालय के डिज़िटल प्लेटफार्म “परिवेश” का भी शुभारंभ किया।

Share This Post:-

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *