शब्दों के साधक, सेवा के पथिक: रमेश कांडपाल जी का प्रेरणादायक जीवन
अमर चंद्र
दिल्ली।देवभूमि उत्तराखंड की पवित्र धरती ने अनेक मनीषियों और सेवाभावियों को जन्म दिया है, उन्हीं में एक विशिष्ट नाम है रमेश कांडपाल जी। एक महान विचारक, प्रवक्ता, लेखक और समाजसेवी के रूप में उन्होंने न केवल उत्तराखंड बल्कि दिल्ली जैसे महानगर में भी अपनी पहचान एक प्रेरणास्त्रोत व्यक्तित्व के रूप में बनाई है।
शब्दों से समाज को जोड़ने वाले
रमेश कांडपाल जी की वाणी में एक विशेष माधुर्य है। वे जब बोलते हैं, तो केवल शब्द नहीं, संवेदनाएं उतरती हैं श्रोताओं के हृदय में। उनका वक्तृत्व कौशल इतना प्रभावशाली है कि जटिल विषयों को भी वे सरल शब्दों में इस प्रकार प्रस्तुत करते हैं कि हर वर्ग के लोग उनसे जुड़ जाते हैं। यही कारण है कि वे दिल्ली प्रवासी कल्याण मित्र जैसे सम्माननीय कार्य से भी जुड़े हुए हैं, जहाँ वे प्रवासी उत्तराखंडियों के लिए मार्गदर्शन और सहयोग का प्रकाशपुंज बने हुए हैं।
एक उत्कृष्ट लेखक के रूप में रमेश कांडपाल जी की लेखनी समाज में सकारात्मक सोच और आध्यात्मिक चेतना का संचार करती है। उनके लेखों में एक अद्भुत संतुलन होता है – विचारों की गहराई और भाषा की सहजता का। वे अपने लेखों के माध्यम से न केवल समाज की जटिलताओं को उजागर करते हैं, बल्कि समाधान की ओर भी ले जाते हैं।
रमेश जी का अणुव्रत भवन से जुड़ाव उनके जीवन के उस पक्ष को दर्शाता है जहाँ वे केवल समाजसेवक ही नहीं, एक साधक भी हैं। वे अहिंसा, संयम और आत्मचिंतन जैसे जैन दर्शन के मूल तत्वों को आत्मसात कर समाज में सद्भाव और नैतिक मूल्यों की स्थापना के लिए प्रयासरत हैं।
रमेश कांडपाल जी का जीवन सादगी, समर्पण और सेवा का प्रतीक है। उनका विनम्र स्वभाव, मिलनसारिता और हर किसी की मदद को तत्पर रहना उन्हें एक अलग ही ऊँचाई पर स्थापित करता है। वे न केवल बोलते हैं, बल्कि अपने आचरण से भी एक प्रेरणा बन चुके हैं।
आज, जब रमेश कांडपाल जी का जन्मदिन है, यह अवसर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को नमन करने का है। हम कामना करते हैं कि वे सदैव स्वस्थ, ऊर्जावान और सक्रिय रहें, और इसी प्रकार समाज को अपने विचारों, सेवा और स्नेह से आलोकित करते रहें।
“आपकी वाणी में मधुरता, विचारों में गहराई और जीवन में प्रेरणा है — जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ!”