लेखक सिमरन द्वारा लिखी गयी कविता के बोल
सु+बेर तुमरा नौ की,
या रात तुमरा प्यार मा,
लेखक सिमरन ,ग्राम वल्सा तल्ला, रिखणीखाल पौडी गढवाल उत्तराखंड |
तुमरी आंखों का सवालों मा,
अर तुम+रा खयालों मा,
लुट ग्याई चैन दिल कु,
फंसी की तुम+रा जालों मा,
तीबरी मा, छ+ज्जा, देली मा,
घुमनू छू गौं की हवेली मा,
बस मा नी च यू बेबस दिल अब,
फिर+नू छू जवानी की रैली मा,
सु+बेर तुमरा नौ की,
या रात तुमरा प्यार मा,
गीत गा+न्दा रौंदी बस,
तुमरा ही इंतजार मा,
सोचू नी छाई इन रोग लगलू,
सोची नी छाई इन पीड़ा होली,
तुमरा नाम लेकी सुबेर रवालू,
तुमरा नाम लेकि या रात रोली,
ए जी अब त नी रहेंदू,
सू+णा जल्दी घौर ए जा,
ई जिकुडी थे तीस तुमरी,
जल्दी से या तीस बुझे ज्यां।।
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