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आजादी के अमृत महोत्सव पर ‘राष्ट्र निर्माण मे महिलाओं का महत्व’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न

सी एम पपनैं

नई दिल्ली। आजादी के अमृत महोत्सव पर, विश्व ब्राह्मण परिसंघ, महिला संगठन पूर्वी उत्तरप्रदेश द्वारा, एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का वर्चुअल आयोजन, विश्व ब्राह्मण परिसंघ राष्ट्रीय अध्यक्ष, के सी पांडे की अध्यक्षता तथा मुख्य अतिथि प्रो.आर एस दुबे, कुलपति, गुजरात केंद्रीय विश्व विद्यालय, गांधीनगर व मुख्य वक्ता, उत्तरप्रदेश सरकार के मंत्री डॉ.नीलकंठ तिवारी के सानिध्य मे, ‘राष्ट्र निर्माण मे महिलाओं का महत्व’ विषय पर 23 जनवरी को
आयोजित किया गया।

वर्चुअल संगोष्ठी के इस आयोजन पर विश्व ब्राह्मण परिसंघ के विभिन्न प्रांतों के सम्मानित सदस्य तथा शोधार्थी छात्र एवं छात्राओ की उपस्थित मुख्य रही।

संगोष्ठी का श्रीगणेश पंडित यज्ञ नारायण पांडे के वैदिक मंगलाचरण व पंकज द्विवेदी के लौकिक मंगलाचरण तथा डाॅ माधवी तिवारी के स्वागत भाषण से आरंभ किया गया।

मुख्य अतिथि प्रो.आर एस दुबे, कुलपति, गुजरात केंद्रीय विश्व विद्यालय, गांधीनगर द्वारा, व्यक्त किया गया, देश की महिलाऐ प्रत्येक क्षेत्र में अपने दायित्वों का निष्ठा पूर्वक निर्वहन कर रही हैं। अनेक क्षेत्रों मे, उच्च पदों पर आसीन रहते हुये, राष्ट्र निर्माण मे अपनी बुद्धि एवं ज्ञान का परिचय दे रही हैं। अनेको वीरांगनाओं का उदाहरण देते हुए प्रो.आर एस दुबे द्वारा व्यक्त किया गया, जहां नारी का सम्मान होगा, वही देश आगे बढ़ेगा।

आयोजित संगोष्ठी मुख्य वक्ता, डाॅ नीलकंठ तिवारी, मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, विशिष्ट अतिथि, डॉ विद्यासागर पांडे, सारस्वत अतिथि प्रो.उपेंद्र कुमार त्रिपाठी, विश्व ब्राह्मण संघ, पूर्वी उत्तरप्रदेश अध्यक्ष प्रो.हरिप्रसाद अधिकारी तथा विश्व ब्राह्मण संघ राष्ट्रीय महिला अध्यक्षा डॉ के एन पुष्पलता द्वारा, महिलाओं की शक्ति का सम्मान करते हुए, व्यक्त किया गया, नारी शक्ति के बिना कोई भी कार्य पूर्ण नहीं हो सकता। नारी शक्ति से ही पूर्णता की सिद्धि होती है। देश हो या धर्म, या राजनीति, सर्वत्र, महिलाओं की उपस्थिति के मायने हैं। राष्ट्र निर्माण मे महिलाओं का विशिष्ट योगदान रहा है। वक्ताओ द्वारा व्यक्त किया गया, जिस तरह शैक्षिक, राजनीतिक व अन्य कई क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा देश की उन्नति मे निरंतर योगदान दिया गया है, उसी प्रकार अन्य लगभग सभी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित कर, राष्ट्र निर्माण में उनकी भागीदारी को बढ़ाना चाहिए।

संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे, विश्व ब्राह्मण परिसंघ राष्ट्रीय अध्यक्ष, के सी पांडे द्वारा व्यक्त किया गया, आयोजित संगोष्ठी न केवल एक क्षेत्र विशेष के लिए उपयोगी है, अपितु समस्त शिक्षित समाज तथा समूचे विश्व को एक दिशा प्रदान करने वाली संगोष्ठी है। राष्ट्र निर्माण में महिलाओं द्वारा, विभिन्न क्षेत्रों में अथक लगन व परिश्रम से किए जा रहे, प्रभावशाली कार्यो से, जो सफलता दृष्टिगोचर हो रही है, उसका पूरा श्रेय देश की महिलाओं को जाता है। महिला संसार की जननी है। के सी पांडे द्वारा व्यक्त किया गया, यदि कोई पुरुष अपने आपको ही मुख्य हर्ता-कर्ता बताता है तो उसको ज्ञात होना चाहिए, उसको जन्म देने वाली एक महिला ही है।इसलिए नारी महान है।

के सी पांडे द्वारा व्यक्त किया गया, प्रथम लोकसभा चुनाव में ब्राह्मण सांसदो की संख्या 125 थी, जो अब केवल 46 रह गयी है। व्यक्त किया गया, 2019 लोकसभा चुनाव मे मात्र 78 महिलाऐ चुन कर आयी, जो संसद सदस्यो की कुल संख्या का मात्र 14 फीसद है। संसद मे महिला आरक्षण बिल अब तक पास नही हो सका है। महिलाओं की राजनीतिक भागेदारी बढनी चाहिए।

के सी पांडे द्वारा व्यक्त किया गया, वर्तमान परिस्थितियों को देख-परख, देश का ब्राह्मण समाज बहुत जागृत हो चुका है। देश के राजनैतिक दल विश्व ब्राह्मण परिसंघ के मुख्य नारे को नहीं समझ नहीं पा रहे हैं, “जो ब्राह्मण का सम्मान करेगा, वही देश मे राज करेगा।”

संगोष्ठी का समापन, डॉ प्रियदर्शनी तिवारी द्वारा
धन्यवाद ज्ञापन तथा मालविका तिवारी द्वारा प्रस्तुत राष्ट्रगान की प्रस्तुति के साथ सम्पन्न हुआ।

आयोजित वर्चुवल संगोष्ठी मे तकनीकी सहयोग अनुपम शर्मा (बंगलोर) व स्वाति तिवारी (हैदराबाद) द्वारा तथा संगोष्ठी संचालन, विश्व ब्राह्मण परिसंघ, पूर्वी उत्तरप्रदेश अध्यक्ष प्रो.हरिप्रसाद अधिकारी द्वारा बखूबी किया गया।
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