दिल्लीराज्यराष्ट्रीय

जितेन्द्र के नाम रहा गित्येर-2019

संगीता रावत

उत्तराखण्ड की बाल लोकगायक प्रतिभाओं के चयन हेतु आयोजित ‘गित्येर’ गीत-संगीत प्रतियोगिता कार्यक्रम में बाल गायकों ने गढ़वाल भवन के खचाखच भरे सभगार में दर्शकों को अपने मधुर सुरों से मंत्रमुग्ध कर दिया। पौड़ी जिले के जितेंद्र  ने गित्येर-2019 का प्रथम पुरुष्कार अपने नाम किया। काजल को द्वितीय और नन्हीं गायिका दिव्या को तृतीय पुरुष्कार प्रदान किया गया।

सात घण्टे तक चला गित्येर कार्यक्रम केवल बाल लोकगायकों के चयन तक ही सीमित नहीं रहा। बाल गायकों के उत्साह को बढ़ाते हुए उत्तराखण्ड के विख्यात लोकगायक किसन महिपाल, वीरेंद्र सिंह नेगी‘राही’ व लोकगायिका माया उपाध्याय, मीना राणा के साथ-साथ दिव्यांग सौरभ कपर्णवाण तथा सरोज ने अपने मधुर गायन से सभागार में समॉ बॉध दिया। कार्यक्रम में नौ बालगायकों ने अपनी प्रतिभा के जौहर दिखाये। जितेंद्र  ने अपने विविधता संपन्न गायन से दर्शकों को तालियां बजाकर साथ देने के लिए उत्साहित कर दिया। प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर रहे बाल कलाकारों ने देश की राजधानी दिल्ली में प्रतिभा प्रदर्शन हेतु मंच प्रदान करने के लिए आयोजक संस्था का तहेदिल से आभार जताया। उन्होंने भावविभोर होते हुए कहा कि उनके माता- पिता और उनके परिजन भी काफी अच्छे लोकगायक हैं परंतु उन्हें उस जमाने में ‘गित्येर’ जैसा मंच नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वे गित्येर के प्रयासों से इतने बडे मंच पर अपने प्रेरणास्रोतों और कला के पारखियों के समक्ष अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर पा रहै हैं।

कार्यक्रम के दौरान दर्शको को संबोधित करते हुए कार्यक्रम संयोजक संजय शर्मा दरमोड़ा ने आयोजक, बद्रीकेदार सामाजिक व सांस्कृतिक संस्था के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सभी विजेता बालगायकों व अन्य प्रतिभागियों केा पुरुष्कार राशि भेंट करते हुए उन्हें सफल और उज्ज्वल भविष्य की ‘शुभाशीष दी। उन्होंने कहा कि बद्रीकेदार सामाजिक व सांस्कृतिक संस्था से अन्य संस्थाएं भी प्रेरणा ग्रहण कर सकती हैं।

श्री दरमोड़ा ने कहा कि किसी भी प्रकार का सामाजिक-सांस्कृतिक आयोजन करने से पूर्व, आयोजक संस्थाओं को पहले अपने संसाधनों का मूल्यांकन अवश्य करना चाहिए और उसके बाद अन्य लोगों से सहयोग की अपेक्षा करनी चाहिए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समाजसेवी व दिल्ली प्रदेश पर्वतीय कांग्रेस के अध्यक्ष कुलदीप भण्डारी ने कार्यक्रम की प्रशंसा की और सभी  प्रतिभागी  बालगायकों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें एक-एक हजार रूपया प्रोत्साहन राशि प्रदान की। श्री भण्डारी ने कहा कि उत्तराखण्ड के किसी भी कलाकार को यदि किसी प्रकार की कोई समस्या हो, तो वह स्वयं उसकी यथासंभव सहायता के लिए सदा उपलब्ध हैं।

दुबई से आयी समाजसेवी गीता चंदोला ने कार्यक्रम के बाद ‘अमर संदेश’ को बातचीत के दौरान कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के प्रतियोगी आयोजन प्राथमिकता से किए जाने चाहिए ताकि हमारी लोकगायकी से जुड़ी प्रतिभाओं को समय पर आगे आने का मौका मिल सके। उन्होंने भविष्य में इस तरह के आयोजनों को यथासंभव सहायता देने की इच्छा भी व्यक्त की।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि जीतराम भट्ट, डीआईजी कोस्टगार्ड कैलाश नेगी,जिला जज प्रेम बथ्र्वाल,जज विनोद रावत व संयोजक उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता संजय शर्मा दरमोड़ा, सुधीर रावत, प्रताप गुसांई, डॉ. विनोद बछेती, कुलदीप भण्डारी, कुसुम असवाल एवं निर्णायक मण्डल के सदस्य वीरेंद्र नेगी ‘राही’, मीना राणा व माया उपाध्याय के संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वन के साथ हुआ। प्रतियोगी प्रतिभाओं की गायन प्रतिभा का आंकलन करने की जिम्मेदारी विख्यात लोकगायक व संगीतकार वीरेंद्र नेगी ‘राही’, सुरकोकिला माया उपाध्याय व मधुर सुरों की सरताज मीना राणा की ज्यूरी ने सॅभाली। तबले पर सतीस नेगी ‘राही’, ढोलक पर पवन रावत, की-बोर्ड पर चंदन गुसांई और पैड पर घनश्याम पॉडे ने साजिंदों के साथ संगत करते हुए बालगायकों व लोकगायकों के सुरों को अपने संगीत से सजाया।

आयोजकों ने कार्यक्रम में विशेष सहयोग प्रदान करने हेतु सर्वोच्च न्यायालय के प्रसिद्ध अधिवक्ता संजय शर्मा दरमोड़ा, किसन महिपाल,कैलाश नेगी, जीतराम भट्ट,प्रेम बथ्र्वाल,विनोद रावत, सुधीर रावत, प्रताप गुसांई, कुसुम असवाल, कुसुम बिष्ट, विनोद बछेती, हरीश,पीएन ‘शर्मा, कुलदीप भण्डारी, शिवदत्त पंत, गीता चंदोला, अमरचंद, कुसुम कोठियाल भट्ट, निम्मी बुड़ाकोटी, प्रकाश मैठाणी, माया उपाध्याय, वीरेंद्र नेगी‘राही’,जनार्दन शर्मा, मीना राणा, विजयलक्ष्मी पवॅार, कल्याण सिंह रावत, बलराज नेगी , मंजू रतूड़ी, उदयराम राठी निर्मला रावत नेगी संजय चौहान, जितेंद्र देवलियाल, गजेन्द्र चैहान का आभार व्यक्त किया गया तथा उन्हें पुष्प गुच्छ व

 

स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।आयोजक संस्था द्वारा सूचना माध्यमों से जुड़े जगमोहन डॉगी, चंद्रमोहन पपनै, यशोदा जोशी, संगीता रावत, सतेंद्र सिंह नेगी, हरीश असवाल आदि प्रबुद्ध जनों, समाजसेवियों , आमंत्रित अतिथियों व मीडियाकर्मियों को गुलदस्ता व स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित करते हुए, सहयोग हेतु उनका आभार व्यक्त किया गया।

गित्येर-2019 के सफल आयोजन में गित्येर के संरक्षक संजय नौडियाल, सलाहकार अनिल पंत, राजेश मालगुडी, अध्यक्ष राजपाल पवॉर, उपाध्यक्ष माया रावत, महासचिव उमेश रावत, सचिव रमेश चंद, कोषाध्यक्ष अंकिता चैहान, सांस्कृतिक सचिव सोनू वर्मा, मीडिया प्रभारी द्वारिका चमोली, प्रचार-प्रसार सचिव कूलदीप ‘मिथुनदा’ एवं व्यवस्थापक नीलू सती के अथक प्रयासों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसके अलावा अंजना डोबरियाल प्रताप थलवाल ,विनोद रतूड़ी, प्रदीप नौडियाल,रुचि नेगी, आशुभाई, गोविंद राज, रिंकूभाई, दिनेश नेगी, ज्योति नेगी, नेहा रावत, ज्योति रावत, रमेश कुनियाल, बच्चीसिंह रावत, दिनेश ध्यानी,सुरेंद्र हालसी, हेमंत काला व दयाल सिंह बिष्ट ने भी इस कार्यक्रम की परिकल्पना को साकार करने में सक्रिय सहयोग दिया।

लगभग सात घण्टे तक चले इस कार्यक्रम का कुशल संचालन प्रसिद्ध गढ़वाली फिल्म अभिनेता व उद्घोषक अजय सिंह बिष्ट ने किया। उच्चतम न्यायालय के विख्यात अधिवक्ता संजय शर्मा दरमोड़ा ने मुख्य अतिथियों सहित सभी आमंत्रित अतिथियों, उपस्थित दर्शकों,लोकगायकों, निर्णायक मण्डल, सभी संयोजक सहयोगियों, आयोजक संस्था व मीडिया कर्मियों का अभिनंदन करते हुए आभार व्यक्त किया। श्री दरमोड़ा ने अपना संबोधन मातृभाषा गढ़वाली में प्रस्तुत किया।

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