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‘देवभूमि उत्तराखंड कल्याण समिति’ की पहली भव्य सांस्कृतिक संध्या सम्पन्न

सी एम पपनैं

देवभूमि उत्तराखंड के लोग जो आज  देश विदेश कही भी रहते है, वो अपनी  देवभूमि की माटी व लोक संस्कृति  से जुडे रहते है, उत्तराखंड से दिल्ली प्रवास  मे बसे  उत्तराखंड समाज के लोग दिल्ली के हर जगह  रहते है साथ  ही अपनी बोली भाषा व रीति रिवाज एंव सस्कृति के लिये समय समय पर    सास्कृतिक व रंगारंग कार्यक्रम के माध्यम  से  याद करते रहते है

वही 12 नवम्बर को दिल्ली के तालकटोरा  इंडोर स्टेडियम मे देवभूमि उत्तराखंड के  दिल्ली- पुलिस मे कार्यरत उनके परिवारिक सदस्यो द्वारा गठित  देव भूमि उत्तराखंड कल्याण समिति के तत्वावधान मे  पहली भव्य उत्तराखंडी संध्या नई दिल्ली मे भव्य रंगारंग सांस्कृतिक समारोह एवं उत्तराखंड गौरव सम्मान का आयोजन मुख्य अतिथि भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की उपस्थिति मे सम्पन्न हुआ।

 आयोजित सांस्कृतिक संध्या मे अन्य गणमान्य अतिथियो मे एयर इंडिया  के सीएमडी अश्विनी लोहानी, ले .जनरल अनिल भट्ट , कोस्ट गार्ड के भूतपूर्व डायरेक्टर राजेन्द्र सिह, एडीजी कृपा राम नौटियाल, कोस्ट गार्ड के डीआईजी कैलाश नेगी, राज्य सभा सासंद प्रदीप टमटा, समाज सेवी डाक्टर विनोद बचेछी, ब्रिजमोहन उप्रेती, नरेंद्र लडवाल, गजेन्द्र सिह रावत,  संजय शर्मा दरमोडा, आर पी कोटनाला अमिताभ रावत मुख्य थे । इस मौके पर थल सेनाध्यक्ष बिपिन रावत के सानिध्य मे दीप प्रज्वलित किया गया उसके बाद गणमान्य अतिथियों का उत्तराखंड गौरव सम्मान से नवाज कर स्मृति चिह्न और पर्यावरण की रक्षा हेतू बिशेष प्रकार के पौधे स्मृति हेतू दिये गये।

यह समिति 2015 से अपने उत्तराखंड दिल्ली पुलिस परिवारो के कल्याण तथा उत्तराखंड की लोक सांस्कृतिक धरोहर अपणी बोली भाषा रहन सहन खान पान पहनावा इत्यादि के संरक्षण एव उसका प्रचार प्रसार करके आज की उत्तराखंड की युवा पीढी तक पहुचाने का कार्य कर रही है। उत्तराखंड के लोगो के सुख दुख मे हर समय तैयार रहती है।

इस मौके पर सांस्कृतिक रंगारंग संध्या मे आमंत्रित उत्तराखंड के लोकगायक व गायिकाओ द्वारा  लोकगायक मुकेश कठैत के  निर्देशन मे लोकगायक किशन महिपाल, गजेंद्र राणा, आशा नेगी, बिशन हरियाला, पूनम सती तथा जौनसारी गायिका आशा जोशी के गीतो का सभी दर्शकों ने खूब सराहा । आयोजन मौके पर माँ भगवती राज राजेश्वरी की डोली यात्रा, इंडोर स्टेडियम मे दर्शको के मध्य चारों ओर माँ भगवती की वंदना- लोकगायक  मुकेश कठैत व लोकगायक गजेन्द राणा द्धारा-

हे मेरी माता राजे नंदा देवी तेरी जै हो.. गढ़ कुमाऊँ की माता तेरी जै बोला३।
के गायन के साथ पारंपरिक अंदाज मे घुमाई गई। भाव विभोर हो दर्शक आस्था स्वरूप डोली मे विराजमान देवी मां के दर्शन करने तथा भेट चढ़ाने को आतुर दिखे। इस अवसर पर पुलिस परिवार व उनके बच्चों द्धारा प्रस्तुत किये गये कार्यक्रमों को उपस्थित लोगो ने खूब सराहा।
गायक गजेंद्र राणा के प्रस्तुत गीतों में-
1-जख देवता को३।
2- तीलै धारू  बोला, ये लीला घस्यारी३।
किशन महिपाल-
1-सब दयप्तो का गों छन भैजी..।
2-ओ भाना रंगीली भाना३।
3- फ्योंलडिया
बिशन हरियाला (छपेली)-
1-गोरख्ये च्येली भागुली,
होशिया च्यैली त्युलै धारो बोला३।

2-दिल्ली पुलिस स्पेशल सैल के इंस्पेक्टर स्व.मोहन चंद्र शर्मा को समर्पित बिशन हरियाला का स्वरचित गीत-
गंगा जमुना जब तक रहलो,
मोहन चंद्र त्येरो नाम रहलो।
गीत के बोलो ने 29 सितम्बर 2008 को बाटला हाउस में आतंकियों के द्वारा दिल्ली पुलिस के शहीद इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा को श्रद्धाजंलि स्वरूप प्रस्तुत किया गया। उक्त रचित गीत के स्वरों ने श्रोताओं को शहीद की याद मे भाव विभोर किया।

पूनम सती-माया लैग्ये म्यार दगड़ा३। तथा आशा नेगी-
1-ताल गधेरी, माल गधेरी, मुर्गी बासिने३। 2-गोरी मुखड़ी रजुली तेरो कस भागा३। 3-पारे भीड़ा बसंती छोरी३ 4-चांदी बटना कुर्ती कोलर मा..। द्वारा उक्त सु-प्रसिद्ध लोकगीत बड़े ही मनोभाव से निराले अंदाज मे प्रस्तुत किए गए।
गायिका आशा नेगी वर्तमान मे उत्तराखंडियों के बीच चांचरी, छपेली व न्योली के गायन  क्षेत्र मे एक चिरपरिचित नाम होने के साथ-साथ एक खनकती सुरीली आवाज का जादू भी है। जिस भी मंच से यह गायिका गायन करती है, अपनी गायन विधा की छाप श्रोताओं पर छोड़ जाती है।

इस संस्था का निर्माण पहले एक वटशप गु्रप के माध्यम से दिनेश पटवाल मोहन सिंह बिष्ट आनंद रौतेला और राम प्रसाद भट्ट ने किया और आज यह समिति बिशाल रूप लेकर अपने उत्तराखंड के लोगो हेतू समर्पित है।  इस संस्था के संरक्षक दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड सहायक आयुक्त सतीश शर्मा के नेतृत्व मे इस विशाल उत्तराखंड सांस्कृतिक आयोजन को ललित मोहन नेगी  और  विनोद बडोला ने अपने अथक प्रयास से सफल बनाया ।

संयोजक राम प्रसाद भट्ट दिनेश पटवाल  कोषाध्यक्ष गुडडी रमेश सिंह जयाड़ा  विक्रम सिंह नेगी देवकीनंदन बिष्ट मोहन सिंह बिष्ट  बसंत बल्लभ जोशी विजय अशवाल पदम दत्त रतूडी राजेन्द्र जोशी भैरव पंत ललित मोहन भट्ट दिनेश नेगी ने रात दिन मेहनत करके गु्रप को आगे बढाया इस आयोजन को सफल बनाने मे प्रमोद जोशी अजय नेगी राजीव गुडवंत प्रेम सिंह नेगी मनीष जोशी सतीश शर्मा गिरिश रतूडी राधा पांडेय पूरण पंत बालकिशन बडोला राजीव शाह रजनी कान्त शर्मा, संजय भट्ट भरत चमोली बिरज मोहन बहुगुणा, भगवती प्रसाद  थपलियाल, प्रदीप रावत राजेन्द्र बिष्ट, शान्ति गोस्वामी, जगत प्रकाश, हरेन्द्र बिष्ट, माया रावत,  कैलाश गोनियाल, यशोदा रावत  विरेन्द्र सजवाण सीताराम मंमगाई महावीर पंवार शेर सिह रमोला

राजेन्द्र अधिकारी एस पी जोशी कांता प्रसाद कुकरेती हरिश कुकरेती के सामूहिक प्रयास और कर्तव्य निष्ठा से इतना भव्य दिव्य और सभ्य तथा  नव्य उत्तराखंड सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुआ। तालकटोरा इंडोर स्टेडियम मे पहला रंगारंग संध्या का भव्य आयोजन गठित संस्था ‘देवभूमि उत्तराखंड कल्याण समिति’ द्वारा दिल्ली पुलिस कर्मियों के अनगिनत परिवारों के अपार सहयोग से आयोजित किया गया। कार्यक्रम योजना सफल साबित हुई।  वर्तमान मे दिल्ली पुलिस मे कार्यरत अस्सी हजार पुलिस कर्मियों मे करीब आठ हजार पुलिसकर्मी उत्तराखंड मूल के हैं।

जिनमे करीब चालीस डिप्टी व असिस्टेंट कमिश्नर पदों तथा एक सौ पचास के करीब इंस्पेक्टर पदों पर पदासीन हैं। अवकाश प्राप्ति के क्रम मे अब ये उत्तराखंड मूल के सेवा निवर्त पुलिस कर्मी गठित संस्था की सदस्यता ग्रहण कर जनसरोकार के कार्यो मे हाथ बटा दिल्ली प्रवास मे अपना अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं। शुरुआती दौर मे ही गठित संस्था से करीब आठ सौ ‘देवभूमि दिल्ली पुलिस  परिवारो के सदस्य जुडे है । जिनके जुड़ने का क्रम निरंतर बढ़ता जा रहा है।

गठित संस्था द्वारा आयोजित सांस्कृतिक संध्या मे पुलिस कर्मियों, उनके परिवार के सदस्यों, बच्चों तथा उत्तराखंड के सुविख्यात लोकगायकों द्वारा उत्तराखंड के लोकनृत्य, गीत, संगीत का भव्य रंगारंग कार्यक्रम करीब पांच घन्टे तक इंडोर स्टेडियम में मौजूद करीब चार हजार पुलिस कर्मियों के प्रबुद्ध परिवारों की मौजूदगी मे सम्पन्न हुआ। दिल्ली पुलिस परिवार द्वारा मंचित कार्यकर्मो का मंच संचालन पुलिस इन्स्पेक्टर पदमिन्दर रावत तथा कौशल पांडे द्वारा तथा आमंत्रित लोकगायकों के कार्यक्रमो का मंच संचालन पन्नू गुसाई द्वारा बखूबी संचालित किया गया। कार्यक्रम का समापन लोकगायक मुकेश कठैत के चर्चित गीत पंडो खेला पाँसो से हुआ।

कयास लगाया जा सकता है, दिल्ली प्रवास मे उत्तराखंड के अवकाश प्राप्त पुलिस कर्मियो द्वारा अपने परिजनों के कल्याण हेतु गठित संस्था ‘देवभूमि उत्तराखंड कल्याण समिति’ के गठन से न सिर्फ पुलिस परिवारों के कल्याण तक संस्था का दायरा रहेगा, सार्थक व कल्याणकारी सोच के साथ प्रवासी जनसरोकारों से जुडी अन्य प्रवासी संस्थाओ को भी इस संस्था गठन का लाभ मिलने की उम्मीद के साथ देखा जा सकता है। जनसरोकारों से जुडी संस्थाओ का मिलजुल कर काम करना न सिर्फ दिल्ली प्रवास मे निवासरत प्रवासियों के लिए हितकर होगा, उत्तराखंड की लोकसंस्कृति, बोली-भाषा, साहित्य, शिक्षा, समाज सेवा इत्यादि के संरक्षण व संवर्धन को भी बल मिलेगा। देवभूमि उत्तराखंड कल्याण समिति

अपने सदस्यो के आकस्मिक निधन पर उनके परिवारो को आर्थिक मदद भी करती है अभी तक यह समिति 5 सदसयो के आकस्मिक निधन पर पीडित परिवारो को आर्थिक सहायता दे चुकी है यह समिति अभी तक 5 बार उत्तराखंड सांस्कृतिक कार्यक्रम और उत्तराखंड व्यंजनो के साथ अलग अलग इलाको मे कार्य कर चुकी है यह समिति समय समय पर मेधावी विद्यार्थी सम्मान समारोह आयोजित करता है उत्तराखंड समाज का यह एक बहुत बडा संगठन है जो अपने लोगो को एक मोती की माला मे पिरोये हुये है।

 

देवभूमि उत्तराखंड दिल्ली-पुलिस के पारिवारिक सदस्यो वहां पर उत्तराखण्ड के कई प्रकार के व्यंजनो का स्वाद सभी आगंतुक मेहमानो और संपूर्ण जनता को चखाया जिसमे झंगोरा की खीर मंडुवा की रोटी पहाडी बात मीठू बात झोली बात रैलू तोरी दाल काफली पापडी स्वाली पकोडी लोण मा चटनी झेखया आदि काफी अच्छे प्रकार से शुद्ध पहाडी स्टाईल मे बनाये गये थे।

 

 

 

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