पश्चिमी दिल्ली के बापडोला गाँव में दिल्ली मूल ग्रामीण पंचायत ने दिल्ली के गावों की समस्याओं पर बैठक आयोजित की
दिल्ली। दिल्ली मूल ग्रामीण पंचायत की एक बैठक आज बापडोला गाँव के प्रोफेसर्स ग्लोबल स्कूल में पंचायत के अध्यक्ष प्रो. आर.बी सोलंकी, बापडोला गाँव,उपाध्यक्ष दयानंद वत्स, बरवाला गाँव,महासचिव पारस त्यागी, बुढेला गांव, पार्थ शौकीन, निलौठी गांव, डॉ. अमित कुमार खर्ब,
मुंढेला खुर्द आर एस पवार, बेरसराय , रामकुमार टोकस, मुनीरका, जितेंद्र यादव, झुलझुली, कैप्टन के.एल डागर , ऊजवा, ओमप्रकाश डागर, समसपुर,दिलबाग सिंह, रावता, जगराम यादव, हसनपुर, धीरज पवार, शाहपुर जट, राधेश्याम, मालचा गाँव, देवेंद्र, आदित्य, अमित तंवर, नारायणा गांव, एडवोकेट जे.एस डागर ,ईसापुर, विवेक प्रताप, हेमंत गहलोत, तिगीपुर, रितेश कुमार राणा, बख्तावरपुर, शिव कुमार शौकीन, दिचाऊं कलां,ओमदत्त, पपरावट गांव थानसिंह यादव, नांगलोई सईदान, रूपनारायण शर्मा, बक्करवाला, राजकपूर डबास, बिजेंद्र डबास, मुबारकपुर डबास, सुभाष, राकेश सोलंकी, महाबीर बापडोला गांव, साहिल समिधान के सानिध्य में दिल्ली के गाँवों की मूलभूत समस्याओं पर
वैचारिक मंथन के साथ सम्पन्न हुई जिसमें मूल रूप से दिल्ली देहात के 36 बिरादरी की समस्याओं और विकास को लेकर चर्चा हुई। मौजूदा लैंड पूलिंग पॉलिसी से लेकर डीडीए ने जिन गावों कघ जमीन अधिग्रहित की है उनके मूल निवासियों भूयिहीनों और खेतिहर मजदूरों को आवासीय प्लान प्राथमिकता के आधार पर देने, ग्राम सभा की भूमि पर मैटरनिटी सैंटर, कम्युनिटी सैंटर, पुस्तकालय, पार्क और अन्य जन सुविधाएं देने जैसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत हुई। पंचायत ने एक स्वर में यह संकल्प लिया कि किसी भी सूरत में दिल्ली् देहात और दिल्ली के ग्रामीण एवं शहरीकृत गाँवों की उपेक्षा को सहन नहीं किया जाएगा। आज की बैठक में करीब 20-22 गाँवों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।