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23 साल में विकास के कई प्रतिमान गढ़ चुका है उत्तराखण्डः-दीप्ती रावत भरद्वाज

पिछले 10 नवम्बर उत्तराखण्ड अलग राज्य स्थापना के 23 वर्ष पूरे होते-होते समाग्र विकास के हर सूचकांक में नई ऊँचाई छू रहा है। सड़क संजाल शिक्षा, एवं चिकित्सा व पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखण्ड राज्य ने पिछले 23 वर्ष में अभूत पूर्व प्रगति की है। प्रतिव्यक्ति आय के मामले में राज्य में सन् 2000 से अब तक 200 प्रतिशत की वद्धि दर्ज की है। सन् 2000 में राज्य का वार्षिक बजट 5000 करोड़ मात्र था जो अब 70 हजार करोड़ के पार हो गया है। कठिन और सीमांत ईलाकों में भी राज्य में बेहतरीन सड़कों का ऐसा जाल बुना गया है कि जहां पहुंचने में पहले 10 घण्टें लगते थे अब लोग वहां पर सिर्फ 3 घण्टे में पहुंच जाते है।

उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना के 23 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक सेमिनार में यह दावा आज भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय महिला मोर्चा की महासचिव दीप्ति रावत भारद्वाज ने किया। पिछले डेढ़ दसक से उत्तराखण्ड की राजनीति में सक्रिय रूप से भाग ले रही, दिल्ली विश्वविधालय छात्र संघ की पूर्व महासचिव दीप्ति रावत राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वाच्छिक संस्थाओं के साथ महिला केन्द्रित विकास पर काम कर रही है।

 

नई दिल्ली के अशोक रोड़ स्थित वाई डब्ल्यू सी. ए. सभागार में स्वयंसेवी संस्था कुर्माचल सेवा समिति कुंश द्वारा सर्वजनिक क्षेत्र की तेल कम्पनी ओ.एन.जी.सी. और इण्डियन आॅयल काॅरपोरेशन के सहयोग से 15-16 जून को आयोजित इस 2 दिवसीय सेमीनार का विषय था‘‘23 वर्ष का उत्तराखण्ड उपलब्धियां, विफलताऐं और भविष्य की उम्मीदें’’ सेमिनार में सामाजिक राजनैतिक और समायिक सरोकारों से जुड़े बुद्धिजीवियों के साथ पत्रकार वकील एवं आम लोग भाीेदार रहे। परिर्चाचा को निराश और उबाऊ बनने से रोकने के लिए स्थानीय लोक कलाकरों ने उत्तराखण्डीय लोक के सबसे सुरीले और प्रकृति प्रेमी गायक स्व.0 श्री गोपाल बाबू गोस्वामी जी की याद में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन कर उनके अति लोकप्रिय गीतों पर मनमोहक प्रस्तुतियां दी। कुछ प्रकृति प्रेमी कवियों ने इस अवसर पर पदम विभूषण और ज्ञान पीठ पुरूस्कार से सम्मानित कवि सुमित्रानंदन पंत को भी याद किय। संगोष्ठी में

भाषाविद डा0.बिहारीलाल जलंधंरी की किताब ‘‘एक मुटठ मिट्टी’’ का विमोचन किया गया। 23 वर्ष के उत्तराखण्ड पर परिर्चचा के दौरान अधिकतर वक्ताओं ने माना कि रोजगार और पलाईन को छोड़कर राज्य ने हर क्षेत्र में उन्नति की है। खास कर रोड़ की कनेक्टीविटी और मूलभूत ढ़ांचे पर काफी काम हुआ है। आॅल वेटर रोड़ योजना ने चार धाम के साथ पांचवें धाम छोटा कैलाश का मार्ग भी बहुत सरल बना दिया है।

 

सेमीनार में उत्तराखण्ड सरकार का पक्ष रखते हुए राष्ट्रीय भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव दीप्ति रावत भारद्वाज ने कहा कि जहां राज्य में उद्योग लगने चाहिए थे वहां सिड़कुल के माध्यम से हजारों उद्योग लगे है। देहरादून, हरिद्वार, पंतनगर रूद्धपुर जैसे शहरों में कई बड़े उद्योग लगे है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय जनपदों में बड़े उद्योग लगाने की जिद्द नहीं करनी चाहिए। इसके परिणाम कभी अच्छे नहीं रहे है। यहां लघु उद्यम, पशुपालन, बागवानी, पर्यटन और होम स्टे जैसे महिला केन्द्रित माध्यमों को प्रोत्साहन देना चाहिए। बागवानी, मशरूम और होम स्टे में उत्तराखण्ड की महिलाएं रोज नये प्रतिमान गढ़ रही हंै। सेमिनार में डाॅ. हरीश लखेड़ा राज्य आन्दोलनकारी देव सिंह रावत, भाषाविद डाॅ. बिहारी लाल जलंधरी, प्रताप शाही, आरपी ध्यानी, भावना त्यागी और इस्पेक्टर दीपक विष्ट सहित कई पत्रकार वकील और श्रोता शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार नीरज जोशी ने किया और कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष उमेश चन्द्र विष्ट ने की।

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