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गढ़वाली कुमाऊनी जौनसारी लोक भाषाओं को संविधान की आठवीं सूची में सम्मिलित करने के लिए तीरथ सिंह रावत ने संसद पटल पर रखी मांग

गढ़वाल लोकसभा सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने लोकसभा के पटल पर गढ़वाली कुमाऊनी जौनसारी बोली भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने के लिए सदन के पटल अपनी मांग रखी और जोर देकर कहा कि उत्तराखंड की बोली गढ़वाली, कुमाऊनी, जौनसारी, को संविधान की आठवीं सूची में शामिल किया जाए उन्होंने इस मौके पर कहा कि उत्तराखंड देवों की भूमि है यहा लोग सरल आस्थावादी एंव राष्ट्रवादी लोग है, सदन के पटल पर श्री रावत ने कहा कि यहां कि रमणीकता एंव सौन्दर्यता किसी से छुपी नहीं है।


हमारे प्रदेश में तीर्थ स्थल पर्यटन स्थल भी मौजूद है। उन्होंने सदन पटल पर जोर देते हुए कहा कि जिस तरह यहां कुदरती सौंदर्यकरण है उसी तरह यहां की लोकभाषाए गढ़वाली, कुमाऊनी जौनसारी, सुंदर एवं लोकप्रिय है। उन्होंने सदन पटल पर बताया कि किस प्रकार अन्य प्रदेशों की लोक भाषाओं को जैसे पंजाबी, बंगाली, गुजराती, तेलुगू ,मलयालम आदि को संविधान की आठवीं सूची में शामिल किया गया है, उसी प्रकार से उत्तराखंड की तीनो लोकभाषाओं को संविधान की आठवीं सूची में सम्मिलित किया जाए।
उन्होंने कहा जिससे उत्तराखंड प्रदेश के लोग अपनी बोली भाषा को बोलने व पढ़ने में गौरान्वित महसूस करें। उनके निजी सचिव विजय सती अमर संदेश डॉट कॉम को दी।

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