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वर्ल्ड ब्राह्मण फैडरेशन चेयरमैन पंडित मांगेराम शर्मा का निधन अपूर्णीय क्षति


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सी एम पपनैं

नई दिल्ली। वैश्विक फलक पर ब्राह्मणों का परचम लहराने वाले वर्ल्ड ब्राह्मण फैडरेशन (डब्ल्यूबीएफ) चेयरमैन व अपना पूरा जीवन शिक्षकों व अन्य समाजो को समर्पित करने वाले पंडित मांगेराम शर्मा (बाबू जी) का 12 अक्टुबर की रात्रि गुरुग्राम हरियाणा स्थित मेदांता हस्पताल मे 87 वर्ष की उम्र में निधन की खबर सुन देश के समस्त ब्राह्मण व अन्य समाजो मे शोक की लहर व्याप्त हो गई थी। 13 अक्टुबर को बाबू जी के पार्थिव शरीर के दर्शनों हेतु ब्राह्मण समाज व समाज के अन्य संगठनो सहित सैकडो लोगों मे प्रमुख वर्ल्ड ब्राह्मण फैडरेशन (डब्ल्यूबीएफ) राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित के सी पांडे, वाइस चेयरमैन पं.आर एस गोस्वामी, मंत्री हरियाणा सरकार पंडित मूल चंद शर्मा, पूर्व सांसद दिल्ली महाबल मिश्र, पूर्व मंत्री हरियाणा सरकार सुखवीर कटारिया, कांग्रेस नेता मुकेश शर्मा, बीजेपी नेता यज्ञ दत्त शर्मा के साथ-साथ डब्ल्यूबीएफ की विभिन्न स्थानीय इकाइयों के पदाधिकारियों द्वारा बडी संख्या मे उनके निवास पर पहुच कर भावभीनि श्रद्धांजलि अर्पित की गई। बाबू जी के पार्थिव शव यात्रा में भारी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ा। रामबाग मदनपुरी मे उनके बडे बेटे रविकांत शर्मा व छोटे भाई शशिकांत शर्मा व अन्य परिजनो द्वारा बाबू जी को गूंज रहे नारों के बीच नम आंखों से मुखाग्नि दी गई।

शिक्षक, समाजसेवी व ब्राह्मण नेता के रूप में वैश्विक फलक पर पहचान बनाने वाले वर्ल्ड ब्राह्मण फैडरेशन (डब्ल्यूबीएफ) संस्थापक व चेयरमैन, पंडित मांगे राम शर्मा का व्यक्तित्व व कृतित्व विभिन्न समाजों के मध्य प्रेरणा स्वरूप रहा था। 31 अक्टुबर 1936 जिला रोहतक के ग्राम बेरी मे जन्मे पण्डित मांगेराम शर्मा (बाबू जी) 1973 मे हरियाणा के मुख्यमंत्री बंसीलाल शासन के विरुद्ध शिक्षक आंदोलन के प्रमुख नेता के रूप मे उभर कर प्रसिद्ध हुए थे। 26 हजार शिक्षकों की गिरफ्दारी की उन्होंने अगवाई की थी।

वैश्विक फलक पर एक शिक्षक के रूप मे अपनी धार्मिक वाणी से जनमानस को प्रभावित करने वाले बाबू जी को वर्ष 1979 मे कार्यवाहक राष्ट्रपति बी डी जत्ती के कर कमलो एक समारोह में एक आदर्श शिक्षक के नाते सम्मानित किया गया था।

शिक्षक नेता के रूप मे 1991 मे बाबू जी द्वारा यूएनओ मनीला मे विश्व हिंदी सम्मेलन मे दिऐ गए प्रभावशाली मृदुभाषी व ज्ञान वर्धक भाषण के बल 1993 मे राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा द्वारा राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित किया गया था। वर्ष 2005 अमरीका, 2007 लंदन तथा बाद के वर्षों मे ओमान, मौरिशस, सिंगापुर, बैंकाक, हॉलैंड तथा कनाडा मे वैश्विक फलक पर ब्राह्मण संगठनो द्वारा आयोजित सभाओ को सम्बोधित कर व ब्राह्मण समाजो के उत्थान के लिए आजीवन निरंतर तत्पर रह ख्याति अर्जित करने वाले बाबू जी के निधन से खासकर वर्ल्ड ब्राह्मण फैडरेशन (डब्ल्यूबीएफ) को बड़ा आघात माना जा सकता है। विगत माह ही हरिद्वार मे बाबू जी के आशीर्वाद से डब्ल्यूबीएफ द्वारा विश्व के समस्त ब्राह्मणों के उत्थान के लिए 24 सितंबर को पंतदीप मैदान, हरकी पैडी हरिद्वार उत्तराखंड मे ब्राह्मण महाकुंभ का आयोजन किया गया था जिसमे देश के हजारो ब्राह्मणों द्वारा सिरकत की गई थी।

 

एक शिक्षक के नाते अखिल भारतीय शिक्षक संगठन सम्मेलनो मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले तथा ब्राह्मण नेता कहलाऐ जाने वाले बाबू जी हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे भजन लाल के राजनैतिक सलाहकार भी रहे। भारत में बडे स्तर पर ब्राह्मणों की दुर्दशा होती देख उन सबको एक संगठन के बैनर तले एकत्रित करने के सदप्रयास बाबू जी ने निरंतर किए थे। देश व विदेशो मे समय-समय पर ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित करने का गौरव हासिल किया था।

बाबू जी सदा जातिगत आरक्षण के विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद करते रहे। विभिन्न सामाजिक संगठनो को एक मंच पर लाकर आरक्षण समाप्ति का अभियान ‘संयुक्त संस्था मंच’ की स्थापना कर तत्पर रहे। लाखों व्यक्तियों के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन को संविधान समीक्षा आयोग अध्यक्ष जस्टिस वैन्कटचलैया को सौप कर लोगों की भावनाओ से अवगत कराया था। सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण के विरुद्ध अपनी लड़ाई जीवन के अंतिम समय तक जारी रखी थी।

शिक्षक नेता के रूप मे 1991 मे बाबू जी द्वारा यूएनओ मनीला मे विश्व हिंदी सम्मेलन मे दिऐ गए प्रभावशाली मृदुभाषी व ज्ञान वर्धक भाषण के बल 1993 मे राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा द्वारा राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित किया गया था। वर्ष 2005 अमरीका, 2007 लंदन तथा बाद के वर्षों मे ओमान, मौरिशस, सिंगापुर, बैंकाक, हॉलैंड तथा कनाडा मे वैश्विक फलक पर ब्राह्मण संगठनो द्वारा आयोजित सभाओ को सम्बोधित कर व ब्राह्मण समाजो के उत्थान के लिए आजीवन निरंतर तत्पर रह ख्याति अर्जित करने वाले बाबू जी के निधन से खासकर वर्ल्ड ब्राह्मण फैडरेशन (डब्ल्यूबीएफ) को बड़ा आघात माना जा सकता है। विगत माह ही हरिद्वार मे बाबू जी के आशीर्वाद से डब्ल्यूबीएफ द्वारा विश्व के समस्त ब्राह्मणों के उत्थान के लिए 24 सितंबर को पंतदीप मैदान, हरकी पैडी हरिद्वार उत्तराखंड मे ब्राह्मण महाकुंभ का आयोजन किया गया था जिसमे देश के हजारो ब्राह्मणों द्वारा सिरकत की गई थी।

एक शिक्षक के नाते अखिल भारतीय शिक्षक संगठन सम्मेलनो मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले तथा ब्राह्मण नेता कहलाऐ जाने वाले बाबू जी हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे भजन लाल के राजनैतिक सलाहकार भी रहे। भारत में बडे स्तर पर ब्राह्मणों की दुर्दशा होती देख उन सबको एक संगठन के बैनर तले एकत्रित करने के सदप्रयास बाबू जी ने निरंतर किए थे। देश व विदेशो मे समय-समय पर ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित करने का गौरव हासिल किया था।

बाबू जी सदा जातिगत आरक्षण के विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद करते रहे। विभिन्न सामाजिक संगठनो को एक मंच पर लाकर आरक्षण समाप्ति का अभियान ‘संयुक्त संस्था मंच’ की स्थापना कर तत्पर रहे। लाखों व्यक्तियों के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन को संविधान समीक्षा आयोग अध्यक्ष जस्टिस वैन्कटचलैया को सौप कर लोगों की भावनाओ से अवगत कराया था। सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण के विरुद्ध अपनी लड़ाई जीवन के अंतिम समय तक जारी रखी थी।

पंडित मांगेराम शर्मा द्वारा वर्ष 2000 यूएसए मे विश्व ब्राह्मण संघ की स्थापना के बाद से समय-समय पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय फलक पर संगठन की मजबूती व उत्थान के लिए अथक प्रयास किए जाते रहे। वर्ष 2005 लंदन, 2007 अमेरिका तथा बाद के वर्षो मौरिशस मे सैकडो ब्राह्मणों की उपस्थिति में प्रभावशाली आयोजन आयोजित किए गए। अमेरिकी संसद में भी डब्ल्यूबीएफ की गूंज उठी थी। अटल विहारी बाजपेई व शीला दीक्षित तथा अन्य अनेको सभ्रांत ब्राह्मणों की उपस्थिति के मध्य पंडित मांगे राम शर्मा (बाबू जी) की प्रेरणा से देश के कई राज्यो मे समय-समय पर विगत दशकों मे अनगिन बैठके आयोजित होती रही थी।

पंडित मांगे राम शर्मा (बाबू जी) द्वारा सदा व्यक्त किया जाता रहा, ब्राह्मण कभी हारा नहीं, न हीं पछाडा जा सकता है, क्योकि उसके पास वेदो का ज्ञान है। चुनौतियों को गहराई से समझना होगा, उनसे पार पाना होगा। वर्तमान मे देश के 21 प्रांतों मे वर्ल्ड ब्राह्मण फैडरेशन (डब्ल्यूबीएफ) महिला विंग भी बाबू जी से मिली प्रेरणा से संगठित होकर संगठन के लिए काम कर रहा है। ब्राह्मण युवा बडे स्तर पर संगठन से जुडते चले जा रहे हैं।

ब्राह्मणों के उत्थान के लिए समर्पित रहे महामना मदन मोहन मालवीय के बाद ब्राह्मणों के लिए आजीवन समर्पित रहे लोगों मे पंडित मांगेराम शर्मा (बाबू जी) का नाम प्रेरणा स्वरूप लिया जा सकता है, जो व्यक्त किया करते थे, ब्राह्मणों के अंदर आगे आने की आग होनी चाहिये। ब्राह्मणों ने दुनिया के लिए बहुत कुछ किया है। ब्राह्मणों को अपने ब्राह्मण होने पर गर्व होना चाहिए। आने वाली पीढ़ी को ब्राह्मणों के महत्व व प्रत्येक युग मे ब्राह्मणों के ज्ञान व शिक्षा के बल समाज के विभिन्न वर्गो को मिली सफलता, समरसता व सिद्धि को बताना परमावश्यक है।

बाबू जी व्यक्त किया करते थे, किसी भी व्यवसाय में विद्या ज्ञान सबसे बड़ा है, जो ब्राह्मणों के पास है। धर्म, संस्कृति, कला, साहित्य, विज्ञान एव प्रोद्योगिकी, राजनीति तथा शिक्षा के क्षेत्र मे, ब्राह्मणों का अमिट योगदान रहा है। बदलते परिवेश मे कैसे ब्राह्मण समाज अपने सांस्कृतिक मूल्यों मे बदलाव करे, यह चुनौती है। ब्राह्मण मतलब ज्ञान देने वाला। इस परिपाठी को जिंदा रखना होगा। ज्ञान के आधार पर अपने आप को स्थापित रखा जा सकता है।

बाबू जी बैठकों मे कहा करते थे, ब्राह्मण सबको साथ लेकर चलता है। पूज्यनीय कहलाया जाता है। सतयुग, त्रेता, द्वापर मे ब्राह्मण को सम्मान मिला, वह कभी अत्याचारी नही रहा। सबको अपनी कम्युनिटी को समय देना होगा। ब्राह्मणों मे बहुत प्रतिभा है, जिसे सम्मान देकर, सही निर्णय लेकर आगे बढ़ाना होगा।

राजनैतिक व्यवस्था से दुखी होकर बाबू जी व्यक्त किया करते थे, आज ब्राह्मणों को अपने स्वयं व अपने समाज के लिए करने की जरूरत आ पडी है। समाज में हर स्तर पर उच्च पदों पर ब्राह्मण पदासीन हैं। ब्राह्मण राष्ट्रपति भी रहे हैं, प्रधानमंत्री भी, उच्च संवैधानिक पदों पर भी हैं। आज समय की मांग है, सब ब्राह्मण अपने समाज के जरूरत मंद व अभावग्रस्तो की मदद करे। पद से बड़ा कद है। ब्राह्मण जनो की विचारधारा अलग-अलग हो सकती है, ब्राह्मणों को इकठ्ठा कर ताकत दिखाना भी समय की मांग बन गई है। स्वाभिमान की लडाई है। जिसकी जितनी बडी संख्या उसका उतना बड़ा सम्मान, यह एक सोच बन गई है। अन्य वर्गो से ज्यादा वंछित आज ब्राह्मण समाज हैं। आजतक ब्राह्मणों को सभी राजनैतिक दलों द्वारा यूज किया गया है, काम व लाभकारी योजनाऐ बनाई हैं तो समाज के अन्य वर्गो के लिए। आज ब्राह्मण अपने हक के लिए जो चुनोतीपूर्ण संघर्ष कर रहा है, यह सब आने वाली पीढी के लिए होगा। ब्राह्मण जन इस बात को समझ, इकठ्ठा हों। उद्देश्य के साथ संगठन के लिए काम करना आवश्यक है। वर्ल्ड ब्राह्मण फैडरेशन (डब्ल्यूबीएफ) बड़ा संगठन है तो जिम्मेवारिया भी गठित संगठन की बडी हैं।कोविड महामारी मे आपदा मे अवसर तलाश 151 आनलाइन बैठके बाबू जी की प्रभावी उपस्थिति मे आयोजित की गई थी, साथ ही ग्लोबल कमेटी की प्रभावशाली बैठक भी आयोजित की गई थी, जो बाबू जी की याद दिलाती रहैंगी।

ब्राह्मणों द्वारा आयोजित समारोहों में बाबू जी की मौजूदगी मे समय-समय पर-
‘भगवान परशुराम की जय’।
धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो… विश्व का कल्याण हो…।
‘जो ब्राह्मण का सम्मान करेगा, वो देश मे राज करेगा’ का उद्दघोष गूंजता रहता था। आज उक्त नारों की गूंज बाबू जी की शव यात्रा मे बदल कर ‘पंडित मांगेराम शर्मा अमर रहे’ मे बदल कर शव यात्रा मे चल रहे हजारो लोगों की आंखो को नम कर श्रद्धांजलि अर्पित करती नजर आ रही थी।

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