मजार जिहाद
रिपोर्ट खुशी शर्मा
#मजार जिहाद,यह आजकल बहुत ट्रेंडिंग विषय है। आपने इस विषय के बारे में सुना ही होगा। मजार जिहाद से अभिप्राय है नकली मजार। यह है सरकारी जमीन को हड़पने का एक जरिया बन गया है।गैर कानूनी तरीके से सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण करना धर्म के नाम पर।
रिपोर्ट्स के अनुसार,असम के बाद अब, उत्तराखंड ऐसा प्रदेश है जहां मुस्लिम आबादी बहुत तेजी से बढ़ रही है। उत्तराखंड सरकार के द्वारा 1400 से ज्यादा ऐसी मजारे ढूंढी गई हैं जो सरकारी जमीन पर बनी हुई, जिसके अंदर 102 मजारे ऐसी है मैंने जिसके नीचे कोई मानवीय अवशेष प्राप्त हुए ही नहीं है। यानी वे एक नकली मजार है । और जमीन को हड़पने का एक जरिया है। सरकारी जमीन जैसे की जंगल की जमीन या फुटपाथ या सड़के ऐसे क्षेत्रों में मजारे बनाई जाती हैं, और उस जमीन का धर्म के नाम पर अतिक्रमण किया जाता है । उत्तराखंड का नेशनल पार्क जिम कॉर्बेट पार्क , यह एक टाइगर पार्क है और यहां पर भी 20 से ज्यादा मजार बनी हुई है।सरकारी जमीन के अतिक्रमण के लिए यह निश्चित विधि का इस्तेमाल करते हैं जैसे कि सबसे पहले एक सरकारी जमीन पर एक पेड़ पर हरा कपड़ा या एक चादर बांधी जाती है और उसके बाद सफेद चूना लगा दिया जाता है और एक मिट्टी का टीला तैयार कर दिया जाता है जब बहुत समय तक किसी का ध्यान उसकी ओर नहीं जाता तो वहां पर एक पक्की मजार तैयार कर दी जाती है और उसके आसपास एक झोपड़ी बना ली जाती है और उस सरकारी जमीन पर अपना कब्जा बताने लगते हैं और इसी तरीके से धर्म के नाम पर अतिक्रमण किया जाता है एक रिसर्च के अनुसार एक ही शख्स के नाम पर कई नजारे बनाई गई हैं ,कालू संयद के नाम पर 6 -10 मजारे तैयार की जाती हैं। ऐसे व्यक्ति हैं जिनका धर्म के नाम पर कोई ताल्लुक नहीं है और सिर्फ गैरकानूनी तरीके से सरकारी जमीन पर अपना अतिक्रमण करते हैं। पूरे देश भर में ऐसी कई मजारे हैं, जिन्होंने गैरकानूनी तरीके तरीके से सरकारी जमीन का अतिक्रमण किया हुआ है। लेकिन अब उत्तराखंड की सरकार के प्रति सजग हो गई हैं और उनका कहना है कि जितना जल्द हो सके इसे हटा लें वरना सरकार को अपने तरीके से हटाईगी।