उत्तराखण्ड राज्य के पारम्बी व्यंजनो का पर्यटकों ने लुफ्त उठाया
दिल्ली स्थित लाल किला परिसर में मनाये जा रहे भारत पर्व में उत्तराखण्ड पैवेलियन में होटल सैफरन लीफ , हीराखण्ड से आये प्रसिद्व शेफ ओम प्रकाश , संदीप सिंह द्वारा पहाड़ी व्यंजनो की बनाने की विधि का लाइव प्रदर्शन किया गया है। ” लाइव फूड डिमोन्सट्रेशन ” में शेफ द्वारा पहाड़ी शिकार , गहत के सौले , मंडुवे की रोटी के साथ पिडांलू की सब्जी , पहाड़ी रायता , झंगोरे की खीर बनाई गई। जिसके स्वाद को दर्शकों / पर्यटकों द्वारा खूब सराहा गया। उत्तराखण्ड के खाद्य स्टाल में उत्तराखण्ड के व्यंजन भट्ट की चुड़कनी , घाट की दाल , खजूर के पास्ते , काफली , सिगनल, उड़द के बड़े का पर्यटक द्वारा लुत्फ उठाया जा रहा है।
उत्तराखण्ड पैवेलियन में उत्तराखंड हस्तशिल्प एवं हथकरघा , उद्योग विभाग एवं कौसानी से हिमगिरी आजीविका द्वारा उत्पादों का प्रदर्शन , प्योरा , मुक्तेश्वर , नैनीताल से आरोही एन 0 जी 0 ओ 0 0) होम स्टे उत्पादों के प्रदर्शन एवं उत्तराखंड की प्रसिद्ध म्युजिक जुन्याली डॉल आकर्षण का केन्द्र बना है।सांस्कृतिक संध्या में संस्कार सांस्कृतिक और पर्यावरण संरक्षण समिति अल्मोड़ा के लोक कलाकारों द्वारा वन्दना छपेली , बसन्त झोरा , न्योली नृत्य , जौनसारी नृत्य का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। उल्लेखनीय है कि ” भारत पर्व ” का आयोजन पर्यटन मंत्रालय , भारत सरकार द्वारा गणतन्त्र दिवस के अवसर पर ” देखो अपना देश ” और ” महात्मा गांधी जी की 150 वीं जयंती ” थीम पर आधारित है। भारत पर्व समारोह में उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद , संस्कृति विभाग , हस्तशिल्प उद्योग विभाग द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। इस वर्ष उत्तराखण्ड पैवेलियन में उत्तराखंड सरकार की होमस्टे योजना को आर्कटिक रूप से प्रदर्शित किया गया है जिसमें कम्यूनिटी होमस्टे बासा खिर्सू , पौड़ी , सरमोली मुनस्यारी , नायबी होम स्टे , पिउरौग्राद , प्योरा मुक्तेश्वर , रोजमर्रा का आनंद
बागेश्वर , कीटे , उहीमठिया , पुरातन शैली में स्थित हैं। , चमोली , उल्लार जहरीखाल लैन्सडाउन , हिमालयन अबोड जोशीमठ के साथ उत्तराखण्ड राज्य में आगामी पर्यटन के इवेन्ट्स योग म ोत्सव , एडवेंचर समिट एवं माउन्टेन बाइकिंग को प्रदर्शित किया गया है । स्वतंत्रता आन्दोलन के दौर में गांधी जी ने उत्तराखण्ड के हरिद्वार , गुरुकुल कांगड़ी , हल्द्वानी , नैनीताल , ताकुला , भाली , ताड़ीखेत , अल्मोड़ा , कौसानी , बागेश्वर , काशीपुर , देहरादून और मसूरी जैसी जगहों की यात्रा की और कासनी को तेजतर्रारलैंड इंदुया नाम का नाम दिया है। ।