दिल्लीराज्यहमारी संस्कृति

पलायन रोकने के लिए सरकार को- मूलभूत सुविधाओं पर देना होगा ध्यान

लेखक राजेश्वर पैन्यूली …
 चार्टर्ड अकाउंटेंट
मनुष्य स्वभाव  से अपना    पैत्रिक  स्थान  नहीं  छोडना  चाहता  है ..? उसे  सामान्यतय  स्थान  बदलने  मे  संकोच  होता  है  वो , कुछ  असुविधा के  बाद  भी उसी  स्थान पर रहना  पसंद करता है जहाँ पर उसका बचपन  बीता है ।पर ये भी सच है कि  मनुष्य सुविधा भोगी  होता है वो अच्छी  सुविधा की तरफ भlगता है l साथ ही  साथ वो सामाजिक   प्राणी होने के  वजह  से कई बार  सिर्फ   ” *प्रतिष्ठा का प्रतीक* ” या  फिर  “वैभव   का प्रतीक” ( *Status Symbol* ) ” के  कारण भी अपना पैत्रिक  स्थान छोड़ देता हैं l साथ  ही साथ 10-15% लोग ऐसे भी होते  हैं । जो दुनिया के बारे  मे अधिक जानकारी  लेने , रोमांच पसंद , नये नये स्थानो को  देखने के लिए भी  घर से दूर चले  ज़ाते  हैं ..और  फिर वहीं  बस  जाते  हैं ..!
पर क्या पलायन  गलत है ..?.या  ऐसा  होना  ही  नहीं  चाहिये …?
मुझे नहीं लगता की  पलायन कोई बहुत  गलत बात  है  ..हम  लोग मनुष्य हैं , हमे  दुनिया की  नये  जानकारियां  , अच्छी शिक्षा , सुविधा के  लिए , आने वाली पीडी  के  अच्छे भविष्य के  लिए  किसी नये  जगह मे जाना कोई  गलत बात नहीं  है  ..!  उत्तराखण्ड  सरकार ने  एक  *” पलायन  आयोग*  ” बनाया हैं   ! वो  किस  लिए ? कि  पलायन  कैसे  रोकें ..पर  क्या  कोई  सरकार ऐसी  भी  हैं  जिसे  ये नहीं पता  कि  पलायन क्यूँ हो  रहा  ?? या उसे ये  नहीं पता कि उसको  रोकना कितना  ज़रूरी  हैं  ?? सभी  सरकारों व सस्थाये  को पता होती  है  , उनके  पास  LIU  है  , पटवारी  हैं , विधायक हैं  , प्रधान  हैं  , छेत्र  पंचायत  , जिला पंचायत  … आदि आदि बहुत  से  साधन  हैं …!
और उस *पलायन  आयोग* का अब  तक क्या रिपोर्ट है  वो मुझे नहीं पता …!
दरअसल  मुझे  लगता है कि  सरकार की नीयत  ठीक नहीं  है .?..सिर्फ  जनता को  भ्रमित  करने  के  लिए ये आयोग  बनाया  गया …!
जिस सरकार को  गावं गावं अच्छी  शिक्षा पहूँचानी थी  वो  स्कूल  बंद करा  रही है ,तो लोग  शहर  मे  ही आयेंगे  बच्चो के लिए …! जो अच्छे होस्पिटल  या डाक्टर की  सुविधा गावं  तक  पहुँचानी थी वो  PP मोडल के नाम पर होस्पिटल को  निजी हाथों मे  डाल  कर अपना पीछा  छुडा  रहे है ! आज तक किस निजी अस्पताल  (Private Hodpital ) ने जनता की सेवा  की  हैं ? उसे तो  अपने लाभ  से  मतलब होता है ! विश्वविद्यालय  (Unversity)  अच्छे कॉलेज , सब  राजधानी या बड़े  शहरों मे  है ..! पूर्व सैनिकों या  नौकरी  से  घर  लौटे  लोगों   को  गाॅव  मे बसाने  की  कोई योजना नहीं  हैं … सरकार  किसी  ना किसी  बहाने  उद्योगपतियों  को जमीन बेचने पर लगी हुई हैं ! जनता के लिये सुविधाओं  को बड़े शहरो तक  सिमित  कर  रही  है …और हवा  मे  पलायन रोकने की  बातें जारी  हैं …! दरसल अगर हम या  हमारी सरकार  वास्तिक रूप मे  पलायन कम कराना व गांव मे लोगों को  फिर से बसाना  चाहती हैं ।तो उसे  सकारात्मक सोच  रखनी होगी , गावं का पुराना सामाजिक ढ़ाँचा  खडा करना होगा , सरकार सिर्फ  लाभ  कमाने के लिए नहीं होती ये समझाना होगा , नागरिक  सुविधा का  विकेन्द्रिकरण करके  गावं गांव तक  पहुँचाना होगा …!
गावं मे सरकारी  तंत्र  जैसे कि पटवारी , पुलिस , एसडीएम आदि को जिम्मेदार  और जनता के  प्रति संवेदन शील  बनना  होगा ना कि कानून  का डंडा हाथ मे  रखने से काम चलता है ये समझना  होगा ! पलायन रोकने के लिए या  कहें  कि  लोगों  को फिर  से  पहाडों  के  सुन्दर  , स्वास्थय कारक  जलवायू वाले गावं  मे लोगों को बसाने  के लिए  कुछ  नया  वैज्ञानिक  तरीके  से , भावनात्मक  रुप से जनता को  जोड़ना होगा ..! ऐसा होने पर खुद  ही रोजगार के  साधन गावं  गांव  मे  उत्पन  होंगे और लोग  गावं मे रह कर  खुद  को  गोरवांगित महसूस  करेंगे . ! जिस  दिन  गावं  मे  रहना  गर्व  की  बात  होगी  रोजगार  होगा  ,पढाई  होगी   *पलायन  खुद  बाखुद  रुक  जायेगा* . !
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