भारतीय स्टेट बैंक सरकार के “बेटी बचाओं बेटी बढ़ाओ” आंदोलन में सबसे आगे: पद्मजा चुन्द्रु
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर तीन मूर्ति भवन में आयोजित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जेंडर जस्टिस द्वारा समारोह में भारतीय स्टेट बैंक की प्रबंध निदेशक, श्रीमती पद्मजा चुन्द्रु मुख्य अतिथि थीं। जिसमें भारतवर्ष में महिला सशक्तिकरण के कार्य में लगे, बड़ी संख्या में महिलाओं और पुरुषों ने भाग लिया।
श्रीमती पद्मजा ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जेंडर जस्टिस (NIGJ) द्वारा किए जा रहे उत्कृष्ट कार्य की सराहना की, जो पश्चिम बंगाल के फियरलेस निर्भया ग्राम परियोजना के तहत 3000 गांवों में महिलाओं को सशक्त बनाने के कार्य में लगी हुई है।
उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए 3 एम (M) (Money, Mobile and Mobility) महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने मुर्शीदाबाद और मालदा से आए दो सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया, जो ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए इन क्षेत्रों में सामाजिक आंदोलनों में अग्रणी रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक सरकार के “बेटी बचाओं बेटी बढ़ाओ” आंदोलन में सबसे आगे है, और इसने बड़ी संख्या में जन-धन खाते भी खोले हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में खाते महिलाओं के हैं। बैंक बड़े पैमाने पर महिलाओं को मुद्रा ऋण देने को भी बढ़ावा देता है। एस.बी.आई सरकार की एन.आर.एल.एम (NRLM) परियोजना में भी सक्रिय रूप से भाग ले रहा है, साथ ही यह गांव में महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG)s को वित्तीय सहायता देने में भी अग्रणी है।
अंत में, उन्होंने कहा कि सरकार के डिजिटल मोड में परिवर्तित होने की दिशा में एस.बी.आई MUDR/MSME ऋण एवं अन्य ऋण योजनाओं को ऑनलाइन मोड में ले जाएगा।