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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी केन्द्रीय कार्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी ने बुधवार को नई दिल्ली स्थित पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा किसानों के लिए लाये गए तीन विधेयकों के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए इसका विरोध करने वाली कांग्रेस पर जम कर प्रहार किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के साथ प्रेस वार्ता में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्री भूपेन्द्र यादव एवं श्री अरुण सिंह और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन और डॉ संबित पात्रा भी उपस्थित थे।

श्री नड्डा ने कहा कि एमेंडमेंट ऑफ़ एसेंशियल कोमोडिटीज, द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स, द फार्मर्स (एम्पावर एंड प्रोटेक्शन) अग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस, ये तीनों विधेयक किसानों के लिए समर्पित हैं। ये विधेयक किसानों की तस्वीर और तकदीर बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपने सभी कार्यक्रमों की रचना सदैव किसानों, गरीबों, मजदूरों, दलितों, पीड़ितों, शोषितों और वंचितों के उत्थान को ध्यान में रख कर ही की है। प्रधानमंत्री जी का एकमात्र उद्देश्य है इन सबको समाज की मुख्यधारा में लाना और उनकी सेवा करते हुए उनका सशक्तिकरण करना।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि यदि आप केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के ‘आत्मनिर्भर भारत’ पैकेज को भी देखेंगे तो पता चलेगा कि यह हर वर्ग को एड्रेस करता है। इसमें भी किसान के उत्पादों को बढ़ाना, उसका वैल्यू एडिशन करना, बाजार का सरलीकरण करते हुए किसानों को सही दाम मिल सके, इसकी व्यवस्था करना और इस सेक्टर में निवेश के लिए प्राइवेट सेक्टर को भी प्रोत्साहित करना जैसी व्यवस्थाएं किये जाने का प्रावधान है। इसके लिए कृषिगत सुधार और इन्फ्रा पर एक लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया है।

श्री नड्डा ने कहा कि ये तीनों विधेयक एमेंडमेंट ऑफ़ एसेंशियल कोमोडिटीज, द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स, द फार्मर्स (एम्पावर एंड प्रोटेक्शन) अग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस काफी दूरदृष्टि वाले विधेयक हैं। ये किसानों के उत्पाद के दाम को तेजी से बढ़ाने में भी सहायक होंगे।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि ‘एसेंशियल कोमोडिटीज’ एक्ट 1955 में आया था और चूंकि उस वक्त फूड ग्रेन्स की शॉर्टेज रहा करती थी, इसलिए इस को ध्यान में रखते हुए यह एक्ट लाया गया था। अब चाहे गेहूं हो, धान हो या दाल हो, इन सबके उत्पादन में कई गुना वृद्धि हुई है और अब खाद्यानों की शॉर्टेज नहीं है, इसलिए इसे डीरेगुलेट करते हुए इसमें एमेंडमेंट कर ‘एमेंडमेंट ऑफ़ एसेंशियल कोमोडिटीज’ लाया गया है ताकि अकाल, युद्ध, आपदा और बाढ़ जैसी स्थिति में इसका बेहतर इस्तेमाल हो सके। इसे कल संसद में पारित भी कर दिया गया है।

श्री नड्डा ने कहा कि ‘द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स’ विधेयक किसानों को सुविधा देने का प्रयास है ताकि किसान आसानी से अपना उत्पाद बेच सके। वर्तमान में किसानों की ऊपज को अनाज मंडी के माध्यम से ही बेचा जा सकता है। अब यह सुविधा इस विधेयक के माध्यम से की जा रही है कि किसान अपने उत्पादों को कहीं भी बेच सकते हैं, अपने हिसाब से अपने उत्पादों का दाम रख सकते हैं। इसमें इन्फॉर्मेशन ऑफ़ प्राइस का भी प्रावधान होगा। इसमें एक फ्रेमवर्क भी डेवलप किया जाएगा कि आगे चल कर क्या प्राइस रहने वाला है और मार्केट में क्या चेंजेज हो सकते हैं।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि ‘द फार्मर्स (एम्पावर एंड प्रोटेक्शन) अग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस’ विधेयक कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की सभी बाधाओं को दूर करते हुए एक मॉडल एग्रीमेंट का फ्रेमवर्क डेवलप करेगा। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में हमेशा एक ख़तरा होता था कि जो किसान की जमीन पर कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए आया है, वही जमीन का कहीं मालिक न बन जाय। पर, इस नए विधेयक के अनुसार इसमें किसान और कॉन्ट्रैक्ट फार्मर के बीच एक लिखित और मॉडल अग्रीमेंट बनेगा जो उत्पाद पर आधारित होगा, जमीन पर नहीं। यह एग्रीमेंट रीजनल भाषा में भी होगा। इस विधेयक के अनुसार किसान की जमीन पर कोई भी इन्वेस्ट करता है तो उस जमीन की मिल्कियत किसान की ही होगी। उत्पाद की क्वालिटी एक्सेप्टेंस पर तत्काल पेमेंट की भी सुविधा होगी। इसके साथ ही, एश्योर्ड प्राइस, बोनस और वेरिएबल्स भी इस एग्रीमेंट के हिस्से होंगे।

कांग्रेस पर हमला करते हुए श्री नड्डा ने कहा कि द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स, द फार्मर्स (एम्पावर एंड प्रोटेक्शन) अग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस विधेयक किसानों की भलाई के लिए हैं लेकिन कांग्रेस सदन में इसका विरोध कर रही है, यह कांग्रेस के दोहरे चरित्र को दर्शाता है। हर चीज में राजनीति करना कांग्रेस की आदत बन चुकी है, उसे सिवाय राजनीति के कुछ आता ही नहीं। यह वही कांग्रेस है जिसने अपनी यूपीए सरकार के दौरान 2013-14 में अपनी राज्य सरकारों कर्नाटक, असम, मेघालय, हिमाचल और हरियाणा में फ्रूट और वेजिटेबल्स को एपीएमसी से डिनोटिफाई कराया था। कांग्रेस ने 2019 के लोक सभा चुनाव के अपने मेनिफेस्टो में पैरा 11 में कांग्रेस ने स्पष्ट लिखा है कि “Congress will repeal the Agricultural Produce Market Committees Act and make trade in agricultural produce – including exports and inter-state trade – free from all restrictions.” इतना ही नहीं, कांग्रेस अपने उसी मेनिफेस्टो में पैरा 21 में लिखती है कि “The Essential Commodities Act 1955, belongs to the age of controls. Congress promises to replace the Act by an enabling law that can be invoked only in the case of emergencies.”

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किसानों के लिए जरूरी हर मुद्दे का समाधान करते हुए पूरा का पूरा इम्प्लीमेंट किया है। कांग्रेस एक ओर तो कृषि सुधारों के बिंदुओं को अपने चुनावी घोषणापत्र में रखती है, वहीं दूसरी ओर संसद में उसी सुधारों का विरोध करती है, किसानों को बरगलाती है, झूठ बोलती है और देश को गुमराह करती है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी सदैव किसानों के लिए समर्पित रहे हैं। इन तीनों विधेयकों के माध्यम से किसानों को आजाद हवा मिल सकेगी। ये तीनों बिल कई मायनों में क्रांतिकारी हैं जिससे किसानों की तस्वीर और तकदीर, दोनों बदलेगी। संसद में इन विधेयकों के विरोध से कांग्रेस का झूठा चेहरा एक बार फिर उजागर हो गया

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