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सात साल में बरबाद हो गई लक्ष्मी नगर विधानसभा—अशोक शर्मा

दिल्ली।दिल्ली की 70 विधानसभाओं में 2008में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई लक्ष्मी नगर विधानसभा आज सरकारी अनदेखी, जनप्रतिनिधियों के उदासीन रवैये के कारण आज बदहाली के आंसू रोने के लिए मजबूर है।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के मानवाधिकार विभाग के चीफ मीडिया कोऑर्डिनरटर अशोक शर्मा का कहना है कि सवा दो लाख से अधिक मतदातों वाली इस विधानसभा में चार निगम के वार्ड आते हैं जिनमे कृष्ण कुञ्ज, लक्ष्मी नगर, शकरपुर तथा पांडव नगर शामिल हैं। इस विधानसभा में लक्ष्मी नगर मेन मार्किट, विकास मार्ग, मदर डेयरी रोड, शकरपुर मेन मार्किट तथा पांडव नगर मार्किट मुख्य मार्किट आती हैं। सभी मार्किटों में अतिक्रमण का बुरा हाल है कुछ तो दुकानदार आगे बढाकर रोड की जमीन पर कब्जा कर लेते हैं यदि थोड़ी बहुत सड़क बचती है तो उसे रेहड़ी पटरी वाले अपना अधिकार समझ कर कब्जा कर लेते हैं। अतिक्रमण के कारण स्थानीय निवासी आवागमन में बेहद परेशानियां रोज झेलते हैं आए दिन झगडे होते रहते हैं। क्षेत्र में सीवर व्यवस्था का हाल बेहद खस्ता हाल में है। शकरपुर के डब्ल्यूए ब्लाक, उपाध्याय ब्लाक, शकरपुर गाँव तथा रीटा ब्लाक में बन्द सीवर सड़कों पर बहता रहता है। क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या विकराल होती जा रही है। शकरपुर तथा लक्ष्मी नगर की तमाम कालोनियों में गंदे पानी आने या कम दबाव के साथ पानी आने की शिकायतें आए दिन आती रहती हैं जिसका कारण बंद सीवर भी हो सकता है। पार्किंग की और तो जैसे जनप्रतिनिधियों सोचना ही छोड़ दिया है विकास मार्ग एक तो पूरा टुटा फूटा पड़ा है दूसरे इसपर अवैध पार्किंग के अतिक्रमण से यातायात का आवागमन कछुए की चाल से चलता है।
विधानसभा के पार्कों हालत बेहद खस्ता है इन पार्कों में कब्जे भी हो रहे हैं झूले आदि तो टूटे पड़े हैं ही। वर्ष 2006में तत्कालीन सांसद श्री संदीप दीक्षित के प्रयास से शकरपुर तथा स्कूल ब्लाक क्षेत्र में गंगा वाटर की सप्लाई की शुरुआत की गई थी किन्तु वह गंगा वाटर आज गंदे वाटर में तब्दील हो चुका है। स्वास्थ्य सेवाओं की बात की जाए तो वर्ष 2013 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री डॉ अशोक कुमार वालिया तथा सांसद संदीप दीक्षित ने स्कूल ब्लाक क्षेत्र में एक मल्टी फैसलिटी वाली डिस्पेंसरी की बुनियाद रखी थी जिसकी बिल्डिंग भी लगभग २००० मीटर भूखंड में बनकर तैयार हो गई थी। किन्तु वह भी आम आदमी पार्टी के तथा भाजपा के विधायक द्वारा गंभीर प्रयास न किए जाने के कारण सिर्फ कागजों में ही सिमट कर रह गई। क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं को देखते हुए पुराने रहने वाले यहां के निवासी क्षेत्र को छोड़कर जाने लगे हैं।

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