भारत के एमएसएमई क्षेत्र में वृद्धि और रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं मौजूद: नितिन गडकरी
केन्द्रीय सूक्ष्म लघु और मझोले उद्यम तथा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि पूंजी, लॉजिस्टिक्स तथा बिजली की लागत में कमी भारतीय एमएसएमई क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। श्री गडकरी ने नई दिल्ली में 16वें ग्लोबल एसएमई बिजनेस समिट 2019 का उद्घाटन किया। यह समिट हर साल एमएसई मंत्रालय और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित किया जाता है। इस वर्ष के समिट का विषय है-‘भारतीय एमएसएमई को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना’। श्री गडकरी ने इस क्षेत्र में घरेलू और विदेशी निवेश और सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि भारत के एमएसएमई क्षेत्र में वृद्धि और रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि शहर आधारित उद्यमों के साथ-साथ ग्रामीण और कृषि आधारित उद्यमों का एकीकृत विकास सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में शहद, बांस, वस्त्र, जैव ईंधन, जल परिवहन, मत्स्य, खाद्य प्रसंस्करण और शहरी क्षेत्रों में रक्षा, रेलवे, राजमार्ग, जलमार्ग और अन्य उद्योगों की सहायक इकाइयों में विकास की भरपूर योजनाएं मौजूद हैं। उन्होंने निवेशकों से आगे आने और निवेश एवं सहयोग करने का आह्वान किया। श्री गडकरी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में जीडीपी में एमएमएमई की मौजूदा 29 प्रतिशत की भागीदारी को बढ़ाकर 50 प्रतिशत करना है तथा निर्यात में इसके योगदान को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत करना है।
उन्होंने कहा कि इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए लॉजिस्टिक्स, बिजली और पूंजी की लागत में कमी लाने की आवश्यकता है। सस्ती पूंजी के लिए मंत्रालय ऋण सहायता के लिए एडीबी, केएफडब्ल्यू तथा विश्व बैंक के साथ चर्चा कर रहा है। 200 एसएमई शेयर बाजार में पंजीकृत हैं और श्री गडकरी अन्य कंपनियों से पंजीकृत होने का अनुरोध कर रहे हैं। विलंब से होने वाले भुगतानों से संबंधित एमएसएमई की समस्या पर भी गौर किया जा रहा है। श्री गडकरी ने कहा कि यू.के. सिन्हा समिति की रिपोर्ट को जल्द ही कार्यान्वित किया जाएगा। बिजली और लॉजिस्टिक्स की लागत में कमी लाने के लिए श्री गडकरी ने ऊर्जा ऑडिट और ऊर्जा दक्ष प्रौद्योगिकियों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि केएफडब्ल्यू के सहयोग से एमएसएमई को रूफ टॉप सोलर प्लांट मुहैया किए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जल परिवहन के उपयोग से लॉजिस्टिक्स संबंधी लागत में कमी लाई जा सकती है। श्री गडकरी ने कहा कि एमएसएमई को अपने उत्पाद स्थानीय साथ-ही-साथ अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में बेचने में समर्थ बनाने के लिए उनका मंत्रालय जल्द ही ई-कॉमर्स वेबसाइट ‘भारत मार्ट’ का शुभारंभ करेगा। इस अवसर पर एमएसएमई सचिव डॉ. अरूण कुमार पांडा ने बताया कि मंत्रालय एक डिजिटल एमएसएमई पोर्टल विकसित करने की प्रक्रिया में है, जो इस क्षेत्र के सभी हितधारकों के आभासी या वर्चुअल मीटिंग प्लेस के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि इस समय 75 लाख से ज्यादा एमएसएमई मंत्रालय के साथ पंजीकृत है, यह उन्हें एक मंच प्रदान करेगा, जहां वे धनराशि, ज्ञान, प्रौद्योगिकी, कौशल और विपणन संबंधी अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए वैश्विक स्तर पर संपर्क कायम कर सकेंगे और इस प्रकार वे ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनेंगे और वैश्विक मूल्य श्रृंखला के साथ एकीकृत हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि उद्यमी के कौशल का विकास करने के लिए 135 नए टूल रूम्स और प्रौद्योगिकी केन्द्र खोले जा रहे हैं। इस समिट में 15 से ज्यादा देशों के 500 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने भाग लिया। आज दक्षिण कोरिया और सऊदी अरब के साथ कंट्री सेशन्स के अलावा ‘क्या एमएसएमई भारत के जीडीपी में 50 प्रतिशत योगदान दे सकता है?’ विषय पर पैनल चर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्री गडकरी ने समिट के थीम पेपर ‘भारतीय एसएमई को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना’ का भी विमोचन किया। समिट के दूसरे दिन कल कंट्री सेशन्स, रीजनल सेशन्स और बी2बी बैठकों के अलावा ई-कॉमर्स डिजिटीकरण पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा।